फास्टैग से जुड़ी एक बड़ी समस्या है. गाड़ी खड़ी है घर में और टोल कट जाता है. सोशल मीडिया पर कितने ही पोस्ट इस बात की शिकायत करते मिल जाएंगे. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ऐसे मामलों में कहता है कि आप शिकायत कर दीजिए. आपको पैसा रिफंड हो जाएगा. शिकायत का क्या होता है वो आपको बताने की जरूरत नहीं. लेकिन यही शिकायत अगर कोर्ट में हो तो बहुत कुछ होता है. कोर्ट लगाता है जुर्माना. जुर्माना भी हजारों रुपये का. आइए पूरी बात जानते हैं.
घर में खड़ी कार और कट गया फास्टैग से पैसा, बंदा कोर्ट पहुंच गया, अब टोल वाले देंगे मोटी रकम
Jaipur Wrong fastag deduction: जयपुर के दौलतपुरा टोल प्लाजा पर एक व्यक्ति का फास्टैग से पैसा कट गया. जबकि इस दौरान उनकी कार घर में खड़ी थी. इस मामले में अब कोर्ट ने फैसला सुनाया है.


अशोक सैनी नामक एक शख्स के घर में खड़ी कार का जयपुर के दौलतपुरा टोल प्लाजा से टैक्स कट गया था. 20 अगस्त 2022 को करीब 11 बजे उनके पास एक 55 रुपये का टोल कटने का मैसेज आया. मैसेज में लिखा था कि उनकी कार ने सुबह 9:42 बजे टोल प्लाजा क्रॉस किया है. अशोक के मुताबिक, इस समय उनकी कार घर में खड़ी थी. न तो कार बाहर गई थी और न ही उन्होंने कोई टोल प्लाजा क्रॉस किया था. इस घटना के बाद उन्होंने टोल प्लाजा प्रबंधक के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में शिकायत दायर की. कोर्ट में दर्ज अपनी शिकायत में अशोक ने बताया कि उन्होंने अपनी गाड़ी का फास्टैग PayTM बैंक से जारी करवा रखा था.

इस मामले में उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष जीएल मीना और सदस्य सुप्रिया अग्रवाल व अजय कुमार ने टोल प्लाजा की लापरवाही पाई. जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसले सुनाते हुए दौलतपुर टोल प्लाजा के प्रबंधक पर 45 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. वहीं, टोल टैक्स के काटे गए 55 रुपये को (टैक्स कटने की तारीख से कोर्ट के फैसले तक) 9 प्रतिशत ब्याज सहित देने का निर्देश दिया. माने अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो कोर्ट का रुख कीजिए.
कई बार टोल गेट पर लगी मशीन गाड़ी में लगे FASTag को स्कैन नहीं कर पाती है. हालांकि, आजकल ऐसा कम ही होता है, मगर होता तो है. ऐसा होने पर लंबी लाइन से बचाने के लिए टोल कर्मी गाड़ी का नंबर नोट करके गाड़ी आगे जाने देते हैं. लेकिन इस दौरान ही लापरवाही हो जाती है. माने कि कई बार जल्दबाजी में टोल कर्मी कार का नंबर नोट करते हुए एकाध डिजिट इधर-उधर लिख देते हैं. जिनकी गाड़ी का नंबर गलती से सिस्टम में गया तो फिर खाते से पैसे तो कटेंगे ही.
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ऐसे मामलों की संख्या जब खूब बढ़ी, तो NHAI ने टोल ऑपरेटर्स पर फाइन लगाना चालू किया. हर गलती पर ऑपरेटर को 1 लाख का फाइन भरना पड़ रहा है. लेकिन यूजर तो परेशान हो ही रहे हैं. अब शायद इस केस के बाद हालत सुधरे.
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