पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 57 दिनों से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत की देखरेख कर रहे सरकारी डॉक्टरों ने ड्यूटी करने से इनकार कर दिया है. इन डॉक्टरों ने मेडिकल सुप्रिटेंडेंट को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में इन्होंने कहा है कि सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को किसानों और मीडिया कर्मियों से लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में वो इस जिम्मेदारी को नहीं निभा सकते.
डल्लेवाल के इलाज से डॉक्टरों का इनकार, कहा- व्यवहार गलत, किसान बोले- ड्रिप भी नहीं चढ़ा पाते
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल फसलों पर MSP की गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं. अब उनका इलाज करने से डॉक्टरों की एक टीम ने इनकार कर दिया है. डॉक्टरों ने मेडिकल सुपरिटेंडेंट को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने किसानों के रवैये को लेकर एतराज जताया है. इस पर किसानों का भी जवाब आया है.

डॉक्टरों की टीम ने पत्र में लिखा है,
‘हम सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को किसानों और मीडिया कर्मियों से लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है. इसमें जगजीत सिंह डल्लेवाल और उनके समर्थकों की ओर से हमारे साथ कई बार मौखिक दुर्व्यवहार किए जाने के कई प्रकरण भी शामिल हैं. इसलिए हम खनौरी बॉर्डर पर अपनी ड्यूटी जारी नहीं रखेंगे. ये पत्र आपको जानकारी देने के वास्ते है.’
इस पत्र पर डल्लेवाल के इलाज के लिए गठित स्पेशल मेडिकल टीम के सभी सदस्यों ने अपने साइन भी किए हैं.
किसानों का कुछ और ही कहना हैखनौरी बॉर्डर के किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के प्रमुख जगजीत सिंह डल्लेवाल के इलाज में गंभीर चूक का आरोप लगाया है. किसान नेता काका सिंह कोटरा ने डल्लेवाल के चिकित्सा सहायता लेने से मना करने के मुद्दे पर कहा कि उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अनुभवी डॉक्टर को तैनात करने के बजाय सरकार की ओर से एक ट्रेनी डॉक्टर को तैनात किया गया था.

काका सिंह ने आरोप लगाया कि ट्रेनी डॉक्टर ठीक से ड्रिप भी नहीं लगा सके और इस वजह से डल्लेवाल के दोनों हाथों से खून बहने लगा. फिर प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर ने उनका इलाज किया. किसान नेताओं की शिकायत के बाद सिविल सर्जन डॉ. जगपालिंदर सिंह के नेतृत्व में पटियाला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक टीम खनौरी बॉर्डर पहुंची थी. लेकिन इसके बाद सीनियर और जूनियर डॉक्टरों की टीम ने किसानों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाकर डल्लेवाल की देखरेख करने से इनकार कर दिया.
वहीं किसानों की तरफ से ये भी बताया जा रहा है कि आमरण अनशन के कारण डल्लेवाल का वजन 20 किलो कम हो गया है. उन्हें ड्रिप लगाकर ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा है. बता दें कि जगजीत सिंह डल्लेवाल फसलों पर MSP की गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर आमरण अनशन कर रहे हैं. हाल ही में उन्हें केंद्र सरकार की ओर से 14 फरवरी को चंडीगढ़ में बैठक के लिए निमंत्रण भी मिला है. इस निमंत्रण के बाद से ही उन्होंने मेडिकल हेल्प लेनी शुरू की है.
वीडियो: किसान नेता डल्लेवाल की तबीयत कैसी है? उनकी बहन ने सब बताया