अमेरिका ने अपने यहां गैरकानूनी तरीके से घुसने वाले 104 भारतीयों को भारत वापस भेज दिया है. इन लोगों को बुधवार, 5 फरवरी को अमेरिकी सैन्य विमान C-17 ग्लोबमास्टर (C-17 Globemaster) पंजाब के अमृतसर लेकर पहुंचा. विमान टेक्सास के सैन एंटोनियो से भारत के लिए रवाना हुआ था. अमेरिका ने अन्य देशों के प्रवासियों को भी वापस भेजने के लिए सैन्य विमान का ही इस्तेमाल किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन विमानों के इस्तेमाल पर भारी-भरकम खर्च आया है. आइए जानते हैं कि सैन्य विमान से एक बार लोगों को वापस भेजने का खर्च कितना आता है. और अमेरिका ने इतना ज्यादा पैसा खर्चा होने के बाद भी सैन्य विमान का इस्तेमाल क्यों किया.
ट्रंप ने महंगे आर्मी विमान से लोगों को वापस क्यों भेजा? जबकि साधारण प्लेन का खर्च बहुत कम आता
अमेरिकी सेना के C-17 Globemaster विमान से अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क वापस भेजा जा रहा है, इसका खर्च सिविल विमान के मुकाबले काफी ज्यादा आता है. कितना आता है ये भी जानिए. साथ ही ये भी कि America के राष्ट्रपति Donald Trump सेना के विमान से अवैध प्रवासियों को वापस क्यों भेज रहे हैं. और इसके पीछे उनका क्या मकसद है?
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न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अगर सिविल और सेना के विमानों में खर्च की तुलना की जाए तो अमेरिकी सैन्य विमानों का खर्चा कहीं ज्यादा है. हाल ही में ग्वाटेमाला के अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान से वापस भेजा गया था. इस प्रक्रिया में प्रति व्यक्ति 4,675 डॉलर (तकरीबन 4,10,000 रुपये) का खर्च आया था. ये सिविल प्लेन के खर्च से 5 गुना ज्यादा है. अगर कोई अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट लेता है और इसी रास्ते से जाता है तो एक आदमी का खर्च सिर्फ 853 डॉलर (75 हजार रुपये) ही आएगा.
साधारण विमान से कितना खर्च आता है?रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि साल 2023 में यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट के कार्यकारी डायरेक्टर टाय जॉनसन ने अमेरिकी संसद में विमान खर्च को लेकर जानकारी साझा की थी. उन्होंने बताया था कि सिविल विमान से 135 प्रवासियों को वापस भेजने में करीब 17 हजार डॉलर (करीब 15 लाख रुपये) प्रति घंटे का खर्च आता है. अगर रास्ता कम से कम 5 घंटे का है तो यह खर्च 85 हजार डॉलर ( करीब 75 लाख रुपये) पहुंच जाता है. एक आदमी के हिसाब से देखें तो 630 डॉलर (करीब 55 हजार रुपये) का खर्च आता है.
अमेरिकी सेना के अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि अगर अमेरिकी सेना के C-17 ग्लोबमास्टर विमानों को प्रवासियों को भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाए, तो हर एक घंटे में विमान का खर्च 28,500 डॉलर (करीब 25 लाख रुपये) आता है. यानी 5 घंटे के सफर में इस सैन्य विमान का खर्च करीब 1 करोड़ 25 लाख रुपये आता है.
अमेरिका से जिन देशों में अवैध प्रवासियों को वापस भेजा गया है, उनमें से अभी तक सबसे लंबा रूट भारत का ही है. भारत से पहले अमेरिकी सेना के विमान ग्वाटेमाला, पेरू, हैंडर्स और इक्वाडोर अवैध प्रवासियों को छोड़ने जा चुके हैं. कोलंबिया भी इन्हीं देशों में शामिल था लेकिन उसने अपने खुद के सिविल विमानों को अमेरिका भेजा और सम्मान के साथ अपने नागरिक वापस बुलाए. कोलंबिया ने अमेरिका से साफ़ कह दिया था कि वो अपने विमानों से उसके नागरिकों को वापस न भेजे, वो खुद इंतजाम करेगा.
डॉनल्ड ट्रंप ने क्यों चुना महंगा C-17 Globemaster?जैसा कि हमने पहले बताया कि आर्मी के C-17 ग्लोबमास्टर से अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क वापस भेजने का खर्च सिविल विमान के मुकाबले काफी ज्यादा आता है. अब सवाल ये है कि इस बात को जानते हुए भी अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप सेना के विमान से अवैध प्रवासियों को वापस क्यों भेज रहे हैं? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके पीछे उनका एक मकसद है. दरअसल, डॉनल्ड ट्रंप अवैध प्रवासियों को सेना के विमान से उनके देश भेजकर, दुनिया को एक संदेश देना चाह रहे हैं.
उनके एक हालिया बयान से इसका पता भी चलता है. हाल ही में अपनी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों से बात करते हुए डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था, ‘इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि हमारी सरकार अवैध प्रवासियों को सेना के विमानों में भरकर उनके देश वापस भेज रही है. सालों से जो लोग हमें मूर्ख समझकर हंस रहे थे, अब वह हमारा फिर सम्मान करेंगे.’
यानी डॉनल्ड ट्रंप को अवैध प्रवासियों को सेना के विमानों के जरिए वापस भेजना भले ही महंगा पड़े, लेकिन उनकी नजर में इसका प्रभाव ज्यादा होगा. शायद उनका मानना है कि इससे उनकी सख्ती के चर्चे दुनियाभर में होंगे.
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