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टैरिफ पर बने बात और हो जाए ट्रेड डील, इसके लिए भारत ने अमेरिका में हायर की नई लॉबिंग एजेंसी

भारत का Mercury Public Affairs को नियुक्त करना अहम है. क्योंकि इसकी अगुवाई अमेरिका के पूर्व सीनेटर डेविड विटर करते हैं. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump की करीबी सहयोगी और उनकी चीफ ऑफ स्टाफ सूजी वाइल्स, 2024 तक इसी कंपनी की वॉशिंगटन और फ्लोरिडा शाखा संभालती थीं.

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भारत ने अमेरिका में नई लॉबिंग फर्म को नियुक्त किया है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे/एजेंसी)
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प्रणय उपाध्याय

अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच, भारत ने अमेरिका में एक नई लॉबिंग फर्म को हायर (India US Lobbying) किया है. भारतीय दूतावास ने ‘मरक्यूरी पब्लिक अफेयर्स’ नाम की कंपनी को अपने साथ जोड़ा है. इस कंपनी की अगुवाई अमेरिका के पूर्व सीनेटर डेविड विटर करते हैं.

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यहां लॉबिंग का मतलब है- किसी सरकार या उसके नेताओं या अधिकारियों को अपने हित में मनाने के लिए या उनके फैसलों पर असर डालने के लिए, पेशेवर सलाहकार या फर्म को पैसे देकर काम करवाना. 

फॉरेन एजेंट्स रजिस्ट्रेशन एक्ट (FARA) के तहत, अमेरिकी न्याय विभाग में दर्ज दस्तावेजों के मुताबिक, ‘मरक्यूरी पब्लिक अफेयर्स’ के साथ हुआ कॉन्ट्रैक्ट अगस्त के मध्य से नवंबर 2025 तक चलेगा. इस दौरान भारत की ओर से इस लॉबिंग फर्म को हर महीने 75,000 डॉलर (लगभग 65.5 लाख रुपये) दिए जाएंगे. जो कुल मिलाकर 225,000 डॉलर (लगभग 1.97 करोड़ रुपये) होगा. इस फर्म को अमेरिकी सरकार के कामों से जुड़े और अन्य रणनीतिक सलाह देने का काम सौंपा गया है. ये कॉन्ट्रैक्ट अस्थायी है.

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इस फैसले की अहमियत इसलिए भी है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की करीबी सहयोगी और उनकी चीफ ऑफ स्टाफ सूजी वाइल्स, 2024 तक इसी कंपनी की वॉशिंगटन और फ्लोरिडा शाखा संभालती थीं. ट्रंप के वाइट हाउस में दोबारा आने के बाद, ये फर्म कई देशों के लिए काम कर रही है, जैसे डेनमार्क, इक्वाडोर, आर्मेनिया और दक्षिण कोरिया. 

मर्करी एकमात्र लॉबिंग फर्म नहीं है जिसे भारत ने अमेरिका में अपने साथ जोड़ा है. भारत के पास पहले से ही एक बड़ी लॉबिंग फर्म SHW Partners LLC के साथ कॉन्ट्रैक्ट है. इस फर्म को भारत हर साल 1.8 मिलियन डॉलर (लगभग 15.7 करोड़ रुपये) देता है. इस फर्म के लीडर जेसन मिलर हैं, जो पहले डॉनल्ड ट्रंप के सलाहकार रह चुके हैं. 

ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है

ये कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. पहले से ही 25 प्रतिशत टैरिफ चल रहा था. वाइट हाउस के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने कहा है कि भारत रूस से ऊर्जा संबंध तोड़ने को तैयार नहीं दिख रहा है. इसलिए अतिरिक्त शुल्क लागू होगा.

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पाकिस्तान ने भी लॉबिंग पर भारी खर्चा किया है

पाकिस्तान लॉबिंग पर भारत से कहीं ज्यादा खर्च कर रहा है. लगभग 600,000 डॉलर (लगभग 5.24 करोड़ रुपये) हर महीने. आर्थिक मुश्किलों के बावजूद पाकिस्तान ने छह लॉबिंग और पब्लिक रिलेशंस फर्मों को काम पर रखा है. पाकिस्तान की इस आक्रामक लॉबिंग का असर भी दिखा है. पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर को वाइट हाउस में ट्रंप के साथ बैठक के लिए वक्त मिला. इसके अलावा, अमेरिका ने पाकिस्तान पर भारत की तुलना में कम टैरिफ (19 प्रतिशत) लगाया है.

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