संसद में संविधान पर चल रही बहस के दौरान 17 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भीमराव आंबेडकर (B R Ambedkar) पर एक टिप्पणी की थी. इसको लेकर 18 दिसंबर को संसद के अंदर और बाहर जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस समेत विपक्ष ने उनके इस बयान पर आपत्ति जताई. कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सदन में उनके बयान पर सदन में चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया. शाम होते-होते आम आदमी पार्टी ने गृह मंत्री के खिलाफ हमला तेज कर दिया. वहीं तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाने तक की बात कह दी.
'आंबेडकर का नाम लेना फैशन' बोल चौतरफा घिरे अमित शाह, हर तरफ से हुए तीखे हमले, किसने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सदन में उनके बयान पर सदन में चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया. शाम होते-होते आम आदमी पार्टी ने गृह मंत्री के खिलाफ हमला तेज कर दिया. वहीं तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाने तक की बात कह दी.


दूसरी तरफ सरकार ने अमित शाह का बचाव किया है. केंद्रीय संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में कहा,
“हम लोगों ने अमित शाह के पूरे बयान को सुना है. गृह मंत्री जी ने बहुत साफ शब्दों में बाबासाहब के प्रति श्रद्धा का भाव व्यक्त किया था.”
वहीं कांग्रेस पर फिर हमलावर होते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि बाबासाहब के जीते जी कांग्रेस पार्टी ने कभी उनको ‘उचित सम्मान नहीं दिया’ और उनके परिनिर्वाण के बाद भी लंबे वक्त तक उन्हें भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया.
गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा था?अमित शाह अपने भाषण के दौरान बाबासाहेब आंबेडकर की विरासत पर बोल रहे थे. इस दौरान गृह मंत्री ने कहा,
"आजकल आंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बन गया है. आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता."
बयान के बाद गृह मंत्री विपक्ष के निशाने पर आ गए. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी ने लिखा,
“मनुस्मृति को मानने वालो को आंबेडकर जी से बेशक तकलीफ होगी ही.”
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी एक एक्स पोस्ट के जरिये गृह मंत्री के लिए लिखा,
गृह मंत्री अमित शाह ने जो आज भरे सदन में बाबासाहब का अपमान किया है, उससे फिर एक बार सिद्ध हो गया है कि BJP/RSS तिरंगे के खिलाफ थे. उनके पुरखों ने अशोक चक्र का विरोध किया. संघ परिवार के लोग पहले दिन से भारत के संविधान के बजाय मनुस्मृति को लागू करना चाहते थे. आंबेडकर मनुस्मृति के खिलाफ थे. इसलिए उनके प्रति इतनी घृणा है.
उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने भी गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर आपत्ति जताई है. उन्होंने एक्स पर लिखा, “गृह मंत्री अमित शाह का बयान परम पूज्य बाबासाहब भीमराव आंबेडकर जी के ऐतिहासिक योगदान और सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष का अपमान है.” अमित शाह के बयान को ‘अक्षम्य’ बताते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि आंबेडकर को मानने वाले इस अपमान का बदला जरूर लेंगे.
बचाव में उतरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के चौतरफा हमलों से घिरे अमित शाह का बचाव किया है. 18 अगस्त को अमित शाह के भाषण को लेकर उन्होंने X पर एक लंबा पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,
"अमित शाह ने संसद में आंबेडकर को अपमानित करने के काले अध्याय को एक्सपोज किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आंबेडकर के प्रति पापों की लंबी फेहरिस्त है. जिसमें उन्हें दो बार चुनावों में हराना भी शामिल है."
शाम को एक प्रेस वार्ता में अमित शाह ने अपने बयान पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है. गृह मंत्री का आरोप है कि कांग्रेस ने ‘फेक न्यूज’ फैलाई है और वो कभी भी आंबेडकर के खिलाफ नहीं बोल सकते.
विपक्षी नेताओं ने मकर द्वार पर किया प्रदर्शनकांग्रेस और विपक्ष के कई दूसरे नेताओं ने भीमराव आंबेडकर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की गई टिप्पणी के विरोध में संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. और गृह मंत्री से माफी की मांग की. संसद भवन के 'मकर द्वार' के पास कांग्रेस DMK और कुछ दूसरे विपक्षी दलों के सांसद इकट्ठा हुए. और अमित शाह की टिप्पणी का विरोध करते हुए नारेबाजी की. उन्होंने 'जय भीम' और 'बाबासाहेब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान' के नारे लगाए. इस प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, डीएमके नेता टी आर बालू और कई विपक्षी सांसद बाबासाहेब की तस्वीर लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, द्रमुक नेता टी आर बालू और कई विपक्षी सांसद बाबासाहेब की तस्वीर लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए.
वीडियो: तारीख: डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को एक वकील के तौर पर कितना जानते हैं













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