The Lallantop

होली और जुमा पर बहस, इंडियावालों को ये हुआ क्या है?

होली और रमजान पर चल रही बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कार्यक्रम की चर्चा है. PM ‘जहान-ए खुसरो’ कार्यक्रम में पहुंचे जहां उन्होंने कहा, "हमारा हिंदुस्तान जन्नत का वो बगीचा है जहां तहजीब का हर रंग फला-फूला है."

Advertisement
post-main-image
इस मुद्दे पर कई बयान सामने आए हैं. (सांकेतिक तस्वीर: AI)

"होली के दिन, दिल खिल जाते हैं, रंगों में रंग मिल जाते हैं." बीते कुछ दिनों में त्योहारों पर जितनी बयानबाजी हुई है… लगता है देश में पहली बार होली मनाई जा रही है. पेश है कुछ ऐसे बयान जिसको पढ़कर आप भी सोचेंगे कि क्या होली के बेसिक्स भूला दिए गए हैं. जैसे- होली रंगों का त्योहार है… इस दिन जाति-धर्म के बंधनों से ऊपर उठकर लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं… आदि आदि. 

Advertisement

राज्य उत्तर प्रदेश है. मंत्री रघुराज सिंह हैं. उनका बयान पढ़िए- अगर होली के वक्त ही नमाज पढ़नी है, तो मुसलमानों को बेगमों के हिजाब की तरह तिरपाल ओढ़ लेना चाहिए. ताकि रंगों से बच जाएं.

गांव कस्बों में तिरपाल का बड़ा महत्व है. बरसात में खपरैल घरों की टपकती छतें या बाढ़ में बांध पर बनाना हो अस्थायी घर… तिरपाल रक्षक की तरह काम आता है. ऐसे ही प्रह्लाद ने जब भगवान विष्णु का जाप किया था तो होलिका का अग्निरोधक वस्त्र उनके ऊपर आ गया था. इस तरह प्रह्लाद की रक्षा हुई और आग उनको छू भी ना पाई. इसी को बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत का संकेत माना गया. इसी एवज में होली मनाई गई.

Advertisement

अब बिहार चलिए. भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल. उनका बयान- होली के दिन मुसलमान अपने घर के अंदर ही रहें, ताकि रंग से बच सकें. अगर बाहर आएं तो बड़ा दिल लेकर आएं.

“बड़ा दिल” माने खुले विचार. इसमें दयालु होना, उदार होना, संवेदनशील और दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना भी शामिल है. दुर्भाग्य से इन शब्दों के अर्थ को पूरी तरह समझाया या रटाया नहीं जा सकता. भाववाचक संज्ञा का मामला है. यही भाव इंसान को इंसान बनाते हैं, सभी इंसान को… इस युग से पहले सतयुग और त्रेतायुग से जुड़ीं कथाएं बताती हैं कि होली तब भी मनाई जाती थी. जानकार बता रहे हैं कि इंसानों में भाव तब भी थे और तब भी दिल ऐसे ही धड़का करते थे.

कुछ ऐसा ही कहा था संभल के CO ने. शांति समिति की एक मीटिंग में उन्होंने कहा, अगर किसी को लगता है कि होली के रंग से उनका धर्म भ्रष्ट होता है तो वो उस दिन घर से ना निकले.

Advertisement

दरभंगा की मेयर अंजुम आरा का भी बयान आया. उन्होंने कहा कि होली वाले दिन जुमा के समय इस पर दो घंटे का ब्रेक होना चाहिए. होली मनाने वालों को जुमा के दौरान दो घंटे मस्जिदों से दूरी बनाए रखनी चाहिए.

बात यहीं नहीं रुकती. उत्तर प्रदेश के बलिया जिला का एक और मामला है. भाजपा विधायक केतकी सिंह कहती हैं- “मुसलमानों को होली, रामनवमी, दुर्गा पूजा से दिक्कत है. उनको हिंदुओं के साथ इलाज करवाने में भी दिक्कत होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके लिए एक अलग वार्ड बनवा देना चाहिए. मुसलमान दूसरी विंग में जाकर अपना इलाज करवाएं. इससे हम भी सुरक्षित रहेंगे, पता नहीं कौन हमारे खाने में थूक दे…”

चौदहवीं सदी के सूफी कवि अमीर खुसरो की कुछ पंक्तियां पढ़ें- आज रंग है ऐ मां रंग है री, . होली के मौके पर खुसरो ने अपने गुरु हजरत निजामुद्दीन औलिया के लिए ये गीत लिखा. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के सुंदर नर्सरी पहुंचे थे. यहां उन्होंने इन्हीं खुसरो के सम्मान में आयोजित ‘जहान-ए खुसरो’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा,

गुलामी के लंबे काल खंड के बाद भी ये अमीर खुसरो ही हैं, जिनकी रचनाओं के कारण हम अपने अतीत से परिचित हैं. इस विरासत को समृद्ध करते रहना है. हमारा हिंदुस्तान जन्नत का वो बगीचा है जहां तहजीब का हर रंग फला-फूला है. यहां की मिट्टी के मिजाज में ही कुछ खास है.

जाहिर है प्रधानमंत्री गंगा-जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं. ऐसे में इससे अलग तरह के बयान सवाल खड़े करते हैं कि इस जमाने को ये हुआ क्या है?

बेसिक्स भूलने का क्रम यहीं खत्म करने का आह्वान क्यों नहीं किया जाना चाहिए. स्कूल के सिलेबस में इन्हें याद करना अनिवार्य किया जाए. इसे नेताओं के शपथ में शामिल कर लेना चाहिए. डॉक्टरों के "हिप्पोक्रेटिक ओथ" की पहली पंक्ति में होली मनाने के नियम बताए जाएं. सामाजिक संस्थाओं को आगे आकर "त्योहार संविधान" का एक ड्राफ्ट तैयार करने पर भी विचार किया जा सकता है. अदालतें बनाई जा सकती हैं… जज नियुक्त किए जा सकते हैं… करने को बहुत कुछ किया जा सकता है. इंसान भी बना जा सकता है!

वीडियो: होली पर UP के मंत्री Raghuraj Singh ने ये क्या कह दिया?

Advertisement