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ED के नाम पर 'स्पेशल 26' बनने निकले थे, पहली ही 'रेड' के बाद पुलिस ने गुद्दी पकड़ ली

पुलिस को पूछताछ में मालूम पड़ा कि ये गिरोह की पहली ही छापेमारी थी जिसमें ही इनका भांडाफोड़ हो गया. 12 आरोपी पकड़े गए. अभी भी एक आरोपी की तलाश है.

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गुजरात पुलिस ने फर्जी ईडी की टीम को गिरफ्तार किया है. (तस्वीर:ANI)

फर्जी अदालत, फर्जी जज, फर्जी IAS-IPS के बाद एक और फर्जीवाड़ा गुजरात से सामने आया है. यहां फर्जी प्रवर्तन निदेशालय यानी फेक ED टीम पकड़ी गई है. टीम ने एक फर्जी छापेमारी कर करीब 25 लाख रुपये की चपत लगाई थी. कच्छ पुलिस ने फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाली टीम को गिरफ्तार कर लिया है.

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सोना, चांदी और नकदी सहित 25 लाख का सामान चुराया

‘सिकंदर का मुकंदर’ फिल्म बनाने वाले नीरज पांडे ने 11 साल पहले एक फिल्म बनाई थी ‘स्पेशल 26’. फिल्म में कुछ लोग नकली सरकारी मुलाजिम बनकर मंत्री और कारोबारी के घर छापेमारी कर उन्हें लूट लेते हैं. ऐसा ही कुछ गुजरात के कच्छ में 2 दिसंबर को हुआ. यहां के गांधीधाम इलाके में एक गिरोह ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी बनकर राधिका ज्वेलर्स और उनके आवासीय घर में ‘छापेमारी’ की. गिरोह ने इस दौरान सोना, चांदी और नकदी सहित 25 लाख 25 हजार 225 रुपये की कीमती चीजें चुरा ली थीं.

आजतक के ब्रिजेश दोशी की रिपोर्ट के अनुसार, राधिका ज्वेलर्स के मालिक ने गांधीधाम (डिवीजन ए) पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. उनकी शिकायत पर पूर्वी कच्छ के इंस्पेक्टर सागर बागमार के नेतृत्व में 10 टीमों को मामले की तफ्तीश में लगाया गया. पुलिस ने अहमदाबाद, गांधीधाम सहित गुजरात के विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

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पहली बार में ही चोरी पकड़ी गई

इस गिरोह का मास्टरमाइंड एक ट्रांसलेटर का काम करता है. कच्छ के एसपी सागर बागमार ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड DRE ऑफिस में ट्रांसलेटर के तौर पर काम करने वाला शैलेंद्र देसाई है. उसने भरत मोडवाड़िया और देवायत खाचर समेत 6 स्थानीय लोगों को शामिल किया जो इलाके से भली-भांति परिचित थे. गिरोह में एक महिला भी शामिल थी.

इन लोगों ने लूट के लिए जिन गाड़ियों का इस्तेमाल किया, पुलिस को उसी से इनका सुराग मिल गया. पूछताछ में मालूम पड़ा कि ये गिरोह की पहली ही छापेमारी थी जिसमें ही इनका भांडाफोड़ हो गया. एक आरोपी अभी भी फरार है. उसकी तलाश की जा रही है.

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