गोवा के कला एंव संस्कृति मंत्री गोविंद गौड़े (Govind Gaude) को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है. करीब तीन सप्ताह पहले उन्होंने राज्य के आदिवासी कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. ये विभाग मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) के अधीन है. गौड़े ने एक कार्यक्रम के दौरान, आदिवासी कल्याण विभाग के कामकाज की आलोचना की थी. उन्होंने नाम न लेते हुए इस विभाग को संभालने वाले सीएम प्रमोद सावंत की काबिलियत पर भी सवाल उठाए थे.
मंत्री ने लगाया CM के विभाग पर भ्रष्टाचार का आरोप, पार्टी ने महीने भर में मंत्री पद छीन लिया
GOA News: Govind Gaude ने राज्य के आदिवासी कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. ये विभाग मुख्यमंत्री Pramod Sawant के अधीन है. इस मामले पर विवाद हो गया. प्रदेश इकाई ने आलाकमान को जानकारी दी. इसके बाद ये फैसला लिया गया.

इसके बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ नेता उनको राज्य कैबिनेट से बाहर करने की मांग कर रहे थे. गौड़े के बयान के बाद, BJP के संगठन मंत्री बीएल संतोष ने गोवा का दौरा कर हालात का जायजा लिया था. प्रदेश अध्यक्ष दामू नाईक और सीएम प्रमोद सावंत ने उनको कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी.
पार्टी का कहना है कि गौड़े के बयान के बारे में पार्टी के आलाकमान को जानकारी दी गई थी और उनके निर्देशों के अनुसार ही कार्रवाई की गई है. दामू नाईक इस मामले को लेकर केंद्रीय आलाकमान से मिलने दिल्ली पहुंचे थे.
प्रदेश अध्यक्ष दामू नाईक ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि गौड़े को हटाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार, पार्टी और पार्टी के आलाकमान से चर्चा के बाद ही ये निर्णय लिया गया. नाईक ने कहा कि पार्टी में अनुशासन बनाकर रखना जरूरी है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट में गौड़े की जगह किसको शामिल किया जाएगा, इस पर जल्द ही फैसला होगा.
खबर है कि मुख्यमंत्री ने गौड़े के बयान के बाद ही उन्हें मंत्री पद से हटाने का इरादा बना लिया था. BJP की प्रदेश इकाई, कार्रवाई के लिए दिल्ली से आलाकमान की मंजूरी का इंतजार कर रही थी. सहमति मिलने के बाद सीएम ने राज्यपाल पी एस श्रीद्धरन पिल्लई को अपनी सिफारिश भेजी और कहा कि गोविंद गौड़े को मंत्रिमंडल से हटाया जाए. राज्यपाल ने उनकी सिफारिश को मंजूरी दे दी.
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थिएटर अभिनेता से राजनेता बने गौड़े , 53 साल के एक आदिवासी नेता हैं. वो प्रियोल विधानसभा सीट से विधायक हैं. प्रेरणा दिवस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था,
मंत्री पद से हटाए जाने के बाद गोविंद गौड़े ने क्या कहा?टैक्सपेयर्स के पैसे का एक बड़ा हिस्सा आदिवासी कल्याण विभाग को दिया जाता है. अगर वो इस कार्यक्रम को अच्छे से आयोजित करने में असमर्थ हैं, तो ये प्रशासन पर नियंत्रण की कमी को दर्शाता है. मेरी राय में, आज प्रशासन कमजोर हो गया है. ठेकेदारों की फाइलें चुपके से श्रम शक्ति भवन (एक सरकारी ब्लॉक) की इमारत के रखी जाती हैं. उनसे कुछ लिया जाता है, फिर उनसे अपनी फाइलें जमा करने के लिए कहा जाता है.
राज्य कैबिनेट से बाहर होने के बाद गोविंद गौड़े ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने लिखा है,
वंचित समुदायों के लिए आवाज उठाने के बदले मुझे ये इनाम दिया गया है. मेरी सरकार और पार्टी का आभार कि उन्होंने मुझे इस संघर्ष को जारी रखने के लिए आजाद कर दिया.
गौड़े ने एक क्षेत्रीय चैनल को बताया कि उन्हें राज्य के सूचना एंव प्रचार विभाग की वेबसाइट से पता चला कि मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है.
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