"मैं भारतीय हूं, चाइनीज नहीं हूं." सोमवार, 29 दिसंबर को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने देहरादून में हुई त्रिपुरा के एंजल चकमा की हत्या पर यह प्रतिक्रिया दी. उन्होंने दावा किया कि नॉर्थ-ईस्ट के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं. उत्तराखंड की BJP सरकार पर भड़कते हुए गौरव गोगोई ने कहा कि चकमा के परिवार ने पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
'मैं चाइनीज नहीं हूं', एंजल चकमा की हत्या पर गौरव गोगोई ने मोदी सरकार, बीजेपी और पुलिस से क्या कहा?
Anjel Chakma Murder: कांग्रेस सासंद गौरव गोगोई ने Dehradun Police पर आरोप लगाते हुए कहा कि FIR दर्ज करने में लगभग 12 दिन लग गए. असम कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब छात्रों ने प्रदर्शन किया, तब जाकर FIR की गई. फिलहाल, इस केस में 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.


कांग्रेस की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीसरी बार के सांसद गौरव गोगोई ने देहरादून के SSP अजय सिंह के बयान पर भी सवाल खड़े किए. SSP ने एंजल चकमा की हत्या में नस्लीय टिप्पणी करने के आरोपों से इनकार किया है. देहरादून के SSP के बयान और पुलिस की कार्रवाई पर गोगोई ने कहा,
"मैं केवल इतनी विनती कर सकता हूं कि जो मूल अपराधी आज भी फरार है, पहले उसे तो पकड़िए. उससे पूछताछ तो की जाए... मूल अपराधी को पकड़ा नहीं और SSP ने किस आधार पर इतना बड़ा बयान दे दिया? उन्हें यह देखना चाहिए कि किस आधार पर वह मूल अपराधी फरार हो गया... देहरादून के लोगों ने इसकी निंदा की है. SSP ने जो बात कही है, मैं उसे काफी चिंताजनक समझता हूं."
गोगोई ने आरोप लगाते हुए कहा कि FIR दर्ज करने में लगभग 12 दिन लग गए. असम कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब छात्रों ने प्रदर्शन किया, तब जाकर FIR की गई. फिलहाल, इस केस में 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, SSP अजय सिंह ने मामले में नस्लीय टिप्पणी के आरोपों से इनकार किया है, जबकि दर्ज एफआईआर में जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल का जिक्र है. SSP अजय सिंह ने कहा कि अब तक की जांच में सामने आया है कि पीड़ित पक्ष और आरोपी दोनों ही नॉर्थ-ईस्ट से हैं.
वहीं गोगोई ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार 'वन इंडिया' की बात तो करती है, लेकिन उसमें बस रही विविधताओं की बात नहीं करती. उन्होंने आगे कहा,
"नॉर्थ-ईस्ट के लोग शिक्षा के लिए देश के अलग-अलग कोने में जाते हैं और एंजेल चकमा भी पढ़ाई के लिए उत्तराखंड गया था. एंजेल चकमा को शिक्षा तो मिली, लेकिन जान भी गंवानी पड़ी. क्या सरकार को ऐसे कदम उठाने चाहिए, ताकि लोग उनके खर्चे पर नॉर्थ-ईस्ट जाएं? लोग एंजेल के गांव जाएं और देखें कि वहां कई पुराने शिव मंदिर हैं और काफी पुरानी संस्कृति है. लोग यह भी जानें कि असम की कनकलता बरुआ जी ने 'भारत छोड़ो आंदोलन' के समय तिरंगा लहराते हुए बलिदान दे दिया."

गौरव गोगोई ने गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा. 2026 के असम विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी बिगुल बजाते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को 'वोट बैंक' की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. इंडिया टुडे से जुड़ीं मौसमी सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गोगोई ने पलटवार करते हुए कहा,
"अमित शाह आज असम में हैं. सबसे पहले 2 BJP विधायकों की नागरिकता पर सवाल उठ रहे हैं. उनके पास वोटर आईडी नहीं है. BJP और अमित शाह को सबसे पहले इसका जवाब देना चाहिए."
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी एंजल चकमा की हत्या की निंदा की है. उन्होंने X पर लिखा,
"देहरादून में एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल के साथ जो हुआ, वह एक भयानक नफरती अपराध है. नफरत रातोरात पैदा नहीं होती. सालों से इसे रोज बढ़ावा दिया जा रहा है - खासकर हमारे युवाओं को - जहरीले कॉन्टेंट और गैर-जिम्मेदार कहानियों के जरिए. और सत्ताधारी BJP के नफरत फैलाने वाले नेताओं द्वारा इसे नॉर्मल बनाया जा रहा है."

उन्होंने आगे लिखा,
"भारत सम्मान और एकता पर बना है, डर और गाली-गलौज पर नहीं. हम प्यार और विविधता का देश हैं. हमें एक ऐसा मरा हुआ समाज नहीं बनना चाहिए जो अपने साथी भारतीयों को निशाना बनते हुए देखे और चुप रहे. हमें सोचना चाहिए और सामना करना चाहिए कि हम अपने देश को क्या बनने दे रहे हैं. मेरी संवेदनाएं चकमा परिवार और त्रिपुरा और नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के साथ हैं. हमें आपको अपना साथी भारतीय भाई-बहन कहने पर गर्व है."
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी चकमा की मौत पर दुख जताया. उन्होंने X पर लिखा,
"चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटना. त्रिपुरा के एक युवा MBA स्टूडेंट को देहरादून में उसकी पहचान की वजह से चाकू मारकर मार दिया गया. यह सिर्फ एक अपराध नहीं है, यह सिस्टम पर एक शर्म है. देश को नस्लवाद और नफरती अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और एक राष्ट्रीय कानून की जरूरत है. इंसाफ तुरंत और मिसाल बनने वाला होना चाहिए."

इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 29 दिसंबर को एंजल चकमा के पिता से फोन पर बात की. इसका वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है. सीएम धामी ने चकमा के पिता को आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है.
उन्होंने कहा कि देश-विदेश से पढ़ने आ रहे छात्रों को उत्तराखंड में सुरक्षा और पीड़ित को न्याय दिलाना सरकारी की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हालांकि, सीएम के साथ बातचीत में चकमा के पिता पूरी तरह अपनी तकलीफ बयान नहीं कर पाए.
9 दिसंबर को देहरादून में एंजेल चकमा पर हमले में उनके सिर और पेट में गंभीर चोटें आईं. शुक्रवार, 26 दिसंबर को उन्होंने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. वहीं, एंजल के भाई माईकल के सिर में गंभीर चोटें आईं है. उनका इलाज चल रहा है. घटना के बाद सेलाक्वी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई. इसके बाद पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपियों की पहचान नाश नेगी, शौर्य राजपूत, सूरज ख्वास, सुमित और आयुष बडोनी के तौर पर हुई है. उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया है. एंजेल की मौत होने के बाद पुलिस ने आरोपियों पर BNS की धाराओं के तहत हत्या की धारा भी जोड़ दी है.
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