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दिल्ली-एनसीआर में बढ़े फ्लू के मामलेे, मरीजों में दिख रहे कोविड-H1N1 जैसे लक्षण

सर्वे के हवाले से बताया है कि लोगों में बुखार, गले में खराश, खांसी, सिरदर्द, पेट की परेशानी, जोड़ों में दर्द और सांस की समस्याएं जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं. सर्वे में दावा किया गया है कि दिल्ली के क़रीब 54 प्रतिशत लोगों में ये लक्षण देखने को मिल रहे हैं.

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मौसम में बदलाव की वजह से बढ़ रहे मामले. (फोटो- फाइल)

मौसम में बदलाव के बीच दिल्ली-एनसीआर में फ्लू के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. बीमार लोगों में ऐसे लक्षण दिख रहे हैं जो अमूमन कोविड या स्वाइन फ्लू (H5N1) से मिलते-जुलते हैं. डॉक्टरों ने लोगों को अपनी हेल्थ के प्रति ज़्यादा सर्तक रहने की सलाह दी है. 

फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने एक सर्वे के हवाले से बताया है कि लोगों में बुखार, गले में खराश, खांसी, सिरदर्द, पेट की परेशानी, जोड़ों में दर्द और सांस की समस्याएं जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं. सर्वे में दावा किया गया है कि दिल्ली के क़रीब 54 प्रतिशत लोगों में ये लक्षण देखने को मिल रहे हैं. सर्वे में यह भी कहा गया है कि ये मामले लोगों में डर पैदा कर रहे हैं क्योंकि लक्षण कोविड-19 इन्फेक्शन और स्वाइन फ्लू से काफी मिलते-जुलते हैं. 

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यह भी पाया गया कि छोटे बच्चों और 50 साल से ज़्यादा उम्र वालों को इन लक्षणों के होने का सबसे ज़्यादा जोखिम है. गौरतलब है दिल्ली-एनसीआर का मौसम इन दिनों बदलाव पर है. सर्दियां जा रही हैं तो गर्मियां आ रही हैं. हालांकि बीते कई दिनों में अचानक सर्दी और गर्मी का एहसास एक साथ हो रहा है. ऐसे में जिन लोगों की इम्युनिटी कमज़ोर है, वे बीमार पड़ रहे हैं. इसके अलावा, प्रदूषण भी तबीयत ख़राब करने में अहम भूमिका निभा रही है.

स्वाइन फ्लू क्या होता है?

H1N1 फ्लू को ही स्वाइन फ्लू कहते हैं. ये इन्फ्लूएंजा-ए वायरस का एक टाइप है. साल 2009-10 में H1N1 वायरस पहली बार इंसानों में बीमारी का कारण बना. इसे अक्सर स्वाइन फ्लू कहा जाता है. ये पहले सुअरों और पक्षियों में बीमारी फैलाता था. इस फ्लू से प्रभावित ज़्यादातर मरीज़ अपने आप ठीक हो जाते हैं. मगर कुछ लोगों में स्थिति गंभीर हो जाती है, जो कई मामलों में जानलेवा भी हो सकती है. लिहाज़ा इसका समय पर पता करके इलाज कराना ज़रूरी है.

स्वाइन फ्लू के कारण

H1N1 जैसा इन्फ्लूएंजा वायरस हमारी नाक, फेफड़ों और गले में इंफेक्शन करता है. ये वायरस हवा के ज़रिए फैलता है. जब इस वायरस से पीड़ित कोई व्यक्ति खांसता, छींकता या सांस छोड़ता है, तब ये वायरस हवा में फैल जाता है. फिर जब हम सांस लेते हैं तो ये वायरस हवा के ज़रिए हमारे फेफड़ों में भी पहुंच जाता है. कई बार जब हम किसी दूषित सतह को छूते हैं. उसके बाद आंख, नाक या मुंह पर हाथ लगाते हैं. ऐसा करने से ये वायरस शरीर पर हमला कर देता है.

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स्वाइन फ्लू के लक्षण
  • H1N1 या स्वाइन फ्लू के लक्षण कॉमन फ्लू से मिलते-जुलते हैं. जैसे बुखार आना
  • शरीर में दर्द
  • सिरदर्द
  • गला ख़राब होना
  • नाक बहना या बंद होना
  • खांसी आना
  • बहुत थकान होना
  • कमज़ोरी आना
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • उल्टी 
  • दस्त 
  • हालांकि ये लक्षण गंभीर मामलों में ही दिखाई देते हैं
स्वाइन फ्लू से बचाव और इलाज

अपने हाथों को बार-बार धोएं. हाथ धोने के लिए आप साबुन और पानी या हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही, खांसते और छींकते वक्त अपने मुंह को रुमाल या कोहनी से ढकें. फेस मास्क का इस्तेमाल करें. अपने चेहरे को बार-बार छूने से बचें. अपनी टेबल और दूसरी सतहों को साफ रखें. अगर किसी को स्वाइन फ्लू है तो उसके संपर्क में न आएं. वहीं अगर आपको ये बीमारी है तो आप लोगों से दूरी बनाएं. पानी और दूसरे तरल पदार्थ, जैसे ORS, नारियल पानी और नींबू पानी पिएं.

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