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300 करोड़ का घोटाला, 10 साल में 162 विदेश यात्राएं, तो गाजियाबाद में ऐसे चलता था फर्जी दूतावास

Harshvardhan Jain को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा, जहां STF उसकी हिरासत की मांग करेगी. एसटीएफ ने ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस और कैमरून में जैन से जुड़ी 25 फर्जी कंपनियों का खुलासा भी किया है. अब इस केस में और क्या खुलासे हुए हैं?

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हर्षवर्धन जैन को अदालत में पेश किया जाएगा. (तस्वीर: इंडिया टुडे)

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के फेक दूतावास (Fake Embassy) के मामले में नई परतें जुड़ती जा रही हैं. आरोपी हर्षवर्धन जैन के खिलाफ हो रही जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. रिपोर्ट है कि ये मामला लगभग 300 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा हो सकता है. पुलिस का कहना है कि हर्षवर्धन 10 साल में 162 बार विदेश की यात्रा कर चुका है और वो पिछले 8 साल से फर्जी दूतावास चला रहा था.

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आरोपी ने कवि नगर इलाके में एक दो मंजिला मकान किराए पर ले रखा था. इसी में वो फेक एंबेसी चला रहा था. 22 जुलाई की रात को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने यहां छापा मारा और हर्षवर्धन को गिरफ्तार कर लिया. STF को मौके से नकली डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट वाली चार कारें, जाली दस्तावेज और महंगी घड़ियों का क्लेक्शन मिला. 

28 जुलाई को आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा, जहां STF उसकी हिरासत की मांग करेगी. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने आशंका जताई है कि हर्षवर्धन 300 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल हो सकता है. एसटीएफ ने ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस और कैमरून में जैन से जुड़ी 25 फर्जी कंपनियों का खुलासा भी किया है. 

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ये भी पता चला है कि वो साल में कई बार विदेश की यात्रा करता था. दस सालों में वो 162 बार 30 से ज्यादा देशों में गया. पिछले दिनों खबर आई थी कि वो पिछले 10 साल में 53 बार दुबई की यात्रा कर चुका है. उसने जिन देशों की यात्रा की है, उनमें इंग्लैंड, यूनाइटेड अरब अमीरात, मॉरीशस, फ्रांस, कैमरून, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, श्रीलंका, बेल्जियम भी शामिल हैं.

लोगों को विदेश भेजने और हवाला का नेटवर्क

अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी इस फर्जी दूतावास के बहाने लोगों को विदेश भेजने का एक रैकेट चला रहा था. वो लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने का लालच देता और उनसे कमीशन लेता. इसके अलावा आरोप ये भी है कि वो शेल कंपनियों के जरिए हवाला का रैकेट चला रहा था. STF का कहना है कि उसने विदेश में कई कंपनियां रजिस्टर करवा रखी है.

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हर्षवर्धन ने लंदन से MBA की पढ़ाई की है. वो लंदन के कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस में भी पढ़ा है. रिपोर्ट है कि उसका परिवार संपन्न है. उसके पिता राजस्थान के बड़े कारोबारी थे. लेकिन उनके बाद हर्षवर्धन उनके बिजनेस को संभाल नहीं पाया. उसे बहुत ज्यादा नुकसान हुआ. इसके बाद उसने ठगी का रास्ता पकड़ लिया.

वीडियो: गाजियाबाद में मिला फर्जी एंबेसी, अंदर का हाल देख सिर चकरा जाएगा

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