उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के फर्जी दूतावास (Fake Embassy in UP) के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. ये सिर्फ फेक एंबेसी का मामला नहीं है, बल्कि ये विदेशों में चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े और हवाला रैकेट से जुड़ा हुआ है. उत्तर प्रदेश स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (UP STF) ने फर्जी दूतावास चलाने के आरोपी हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में उसने कई जानकारियां दी हैं.
फर्जी दूतावास नहीं, हर्षवर्धन का असली खेल तो ये निकला, चंद्रास्वामी -एहसान अली एंगल पता लगा
Ghaziabad Fake Embassy: आरोपी ने विदेश में कई फर्जी कंपनियां खोल रखी थीं. इन्हें लंदन, यूके, मॉरीशस, दुबई और अफ्रीका जैसे देशों में रजिस्टर कराया गया था. इनके जरिए शेल कंपनियों और हवाला का एक रैकेट तैयार किया गया था.
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STF को पता चला है कि आरोपी ने विदेश में कई फर्जी कंपनियां खोल रखी थीं. इन्हें लंदन, यूके, मॉरीशस, दुबई और अफ्रीका जैसे देशों में रजिस्टर कराया गया था. इनमें से कुछ कंपनियों के नाम इस प्रकार हैं- स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड, ईस्ट इंडिया कंपनी यूके लिमिटेड, आईलैंड जनरल ट्रेडिंग को एलएलसी (दुबई), इंदिरा ओवरसीज लिमिटेड (मॉरीशस), कैमरन इस्पात एसएआरएल (अफ्रीका).
चंद्रस्वामी और एहसान अली का नाम सामने आयाहर्षवर्धन ने STF को ये भी बताया है कि इस मामले की जड़ें चंद्रास्वामी नाम के एक विवादास्पद धर्मगुरु और तांत्रिक से जुड़ीं हैं. आरोपी का कहना है कि उसने ये सब चंद्रस्वामी के करीबी एहसान अली सैयद के कहने पर किया था.
हैदराबाद के रहने वाले एहसान ने तुर्की की नागरिकता भी ले रखी है. रिपोर्ट है कि लंदन में रहते हुए उसने हर्षवर्धन से मदद ली और कई शेल कंपनियां बनाईं. इनका इस्तेमाल हवाला और ठगी के लिए किया जाता था.
एहसान पर ये आरोप भी है कि उसने 2008 से 2011 के बीच लोन दिलाने के नाम पर किसी से भारी कमिशन ली और फिर गायब हो गया.
2022 में स्विट्जरलैंड सरकार के आग्रह पर लंदन पुलिस ने एहसान को गिरफ्तार कर लिया. 2023 में लंदन की एक कोर्ट ने उसे स्विट्जरलैंड प्रत्यपर्ण करने की मंजूरी दे दी.
इस बात की जांच की जा रही है कि हर्षवर्धन और एहसान साथ मिलकर कितना बड़ा नेटवर्क चला रहे थे. हर्षवर्धन से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक ये पता चला है कि भारत के साथ-साथ कई देशों में उसके बैंक खाते हैं. इन सब खातों की भी जांच की जा रही है.
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फेक एंबेसी के नाम पर हर्षवर्धन करता क्या था?22 जुलाई को कवि नगर थाना क्षेत्र में किराए के एक मकान में हर्षवर्धन एक फर्जी दूतावास चला रहा था. इतना ही नहीं, उसने अपनी कल्पना से कई फर्जी देश भी बना रखे थे. वो खुद को इन देशों का डिप्लोमैट कहता था. लोगों में धौंस जमाने के लिए वो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे प्रभावशाली लोगों के साथ अपनी एडिट की हुईं तस्वीरें शेयर करता था. लेकिन ये उसका असली धंधा नहीं था.
फर्जी दूतावास के बहाने वो लोगों को विदेश भेजने का रैकेट चलाता था. इसके लिए वो मोटे पैसे लेता. इसके अलावा उसने हवाला का एक नेटवर्क भी बना रखा था.
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