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केजरीवाल बोले, "यमुना को जहरीला किया", अब चुनाव आयोग ने कहा, "सबूत दो वर्ना..."

पत्र में आयोग ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल यमुना नदी में ‘जहर’ मिलाने और ‘सामूहिक नरसंहार’ के गंभीर आरोपों को फैक्ट्स के साथ साबित करें. चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि अगर वो बुधवार, 29 जनवरी की शाम आठ बजे तक इन सबूतों को पेश नहीं कर पाते, तो उनके खिलाफ आदेश पारित किया जाएगा.

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केजरीवाल के यमुना पानी में जहर होने के बयान पर चुनाव आयोग ने मांगा सबूत (फोटो-इंडिया टुडे)

चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को उनके यमुना नदी को लेकर दिए बयान के संबंध में पत्र लिखा है (Arvind Kejriwal Yamuna poisoning statement). बयान में अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर ‘यमुना के पानी को जहरीला’ करने का आरोप लगाया था. इसके बाद बीजेपी ने आयोग से केजरीवाल की शिकायत की थी. अब ECI ने पूर्व मुख्यमंत्री को लेटर लिखकर उनसे अपने दावे को साबित करने के लिए सबूत मांगे हैं.

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पत्र में आयोग ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल यमुना नदी में ‘जहर’ मिलाने और ‘सामूहिक नरसंहार’ के गंभीर आरोपों को फैक्ट्स के साथ साबित करें. चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि अगर वो बुधवार, 29 जनवरी की शाम आठ बजे तक इन सबूतों को पेश नहीं कर पाते, तो उनके खिलाफ आदेश पारित किया जाएगा.

इससे पहले 27 जनवरी को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने BJP पर आरोप लगाते हुए कहा, “यमुना में हरियाणा से पानी दिल्ली आता है. और हरियाणा की भाजपा सरकार ने यमुना के पानी को जहरीला कर दिया है.” उन्होंने दावा किया कि दिल्ली जल बोर्ड ने उस पानी को दिल्ली आने से ‘रोका’. अगर ऐसा नहीं होता, तो बड़े पैमाने पर 'नरसंहार' होता. 

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हालांकि, बीजेपी ने इन सभी आरोपों को खारिज किया. पार्टी ने चुनाव आयोग से इस मामले में शिकायत की. इसमें बीजेपी ने कहा,

 "केजरीवाल ने इस तरह के आरोपों का कोई सबूत या आधार पेश नहीं किया है. उनका दावा है कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने जहर का पता लगाया. बिना सबूत के ऐसे भड़काऊ बयान गंभीर हैं. ये सार्वजनिक स्वास्थ्य का मामला है. ये बयान दिल्ली में रहने वाले लाखों लोगों में घबराहट पैदा कर सकते हैं. ये बेतुके बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और भड़काऊ हैं. ऐसा भारत के दो राज्यों के बीच अशांति पैदा करने के इरादे से किया गया है."

बीजेपी की शिकायत मिलने के बाद चुनाव आयोग ने केजरीवाल को पत्र लिखा, इसमें उसने कहा,

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"मतदाता अपने नेताओं की बातों पर विश्वास कर लेते हैं. ऐसे में अगर ये बयान सच नहीं है, तो ये कैंपेन को प्रभावित करते हैं. इससे चुनाव की निष्पक्षता खराब होती है. और मतदाताओं का विश्वास भी कम होता है. जहरीले पानी के आरोपों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. जैसे कि क्षेत्रीय समूहों और पड़ोसी राज्यों के निवासियों के बीच दुश्मनी पैदा करना."

चुनाव आयोग ने पत्र में दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट को भी मेंशन किया. आयोग के मुताबिक इस रिपोर्ट में ऐसी कोई बात नहीं लिखी है कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने जहरीले पानी को दिल्ली सीमा पर ही रोक दिया था.  EC ने AAP प्रमुख को लिखे पत्र में, भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 196,(विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी फैलाना) धारा 197( राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप) और धारा 353 (जनता का गुमराह करना) का जिक्र किया.  केजरीवाल के बयान के खिलाफ कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई है.

वीडियो: यमुना नदी पर नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल को घेरा, बात मानहानि तक पहुंची

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