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‘फर्जी रिपोर्ट बनाने का दबाव…’, महाराष्ट्र सरकारी डॉक्टर की आत्महत्या पर भाई ने किया खुलासा

पीड़िता के भाई ने बताया कि महिला डॉक्टर ने SP, DSP से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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पीड़िता का भाई और आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर गोपाल बडाने. (फोटो- ANI/X)

महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक महिला डॉक्टर ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पीड़िता की हथेली पर कथित सुसाइड नोट मिला, जिसमें एक पुलिस अधिकारी पर पांच महीने तक उनके साथ रेप करने का आरोप लगाया गया है. मामले में पीड़िता के चचेरे भाई ने बताया है कि उनकी बहन के ऊपर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने का दबाव था.

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ANI से बात करते हुए पीड़िता की चचेरे भाई ने बताया कि वो फलटण उप-जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के रूप में काम कर रही थीं. दो साल पहले उन्होंने सर्विस जॉइन की थी. पीड़िता के भाई ने कहा कि अधिकारी उनके ऊपर फर्जी पोस्टमॉर्टम और फिटनेस रिपोर्ट तैयार करने का दबाव बनाते थे. उन्हें मरीजों की मौजूदगी के बिना भी ऐसी फिटनेस रिपोर्ट तैयार करने के लिए मजबूर किया जाता था.

पीड़िता के भाई ने बताया कि वो उस अस्पताल में पोस्टेड एकमात्र रेजिडेंट डॉक्टर थीं. उन्होंने आगे बताया,

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"मेरी बहन ने दो-तीन बार शिकायतें दर्ज कराई थीं. पुलिस अधीक्षक (SP) और उपाधीक्षक (DSP) को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.”

पीड़ित डॉक्टर के भाई ने बताया,

“लेटर में उसने पूछा था कि अगर उसके साथ कुछ हुआ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? उन्होंने अस्पताल में सिक्योरिटी ने होने की बात भी कही थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने DSP को भी फोन किया, जिन्होंने कहा था कि वो वापस फोन करेंगे, लेकिन किसी ने कोई कदम नहीं उठाया."

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पीड़िता के चचेरे भाई ने मामले में तत्काल कार्रवाई करने और आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें मौत की सजा देने की मांग की.

रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता ने 19 जून 2025 को लिखे लेटर में फलटण ग्रामीण पुलिस विभाग के दो पुलिस अधिकारियों पर रेप का आरोप लगाया था. और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. उसने लेटर में PSI गोपाल बडाने और पुलिस इंस्पेक्टर प्रशांत बांकर का नाम लिया. उन्होंने बताया कि वो अत्यधिक तनाव में है, इसलिए इस मामले की जांच की जाए. और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.

NDTV ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि बडाने को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आदेश पर निलंबित कर दिया गया है. घटना सामने आने के बाद, पुलिस ने महिला डॉक्टर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. डॉक्टर के हाथ पर लिखे सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच की जा रही है. सुसाइड नोट की प्रमाणिकता साबित करने और सभी कानूनी प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए ये जांच होगी. मामले को लेकर सतारा जिले के SP तुषार दोशी ने बताया,

"महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने से पहले उन्होंने अपने हाथ पर दो नाम लिखे, जिनमें से एक फलटण ग्रामीण पुलिस स्टेशन का PSI है और दूसरा एक आम नागरिक है. महिला ने लिखा है कि वो इन दो लोगों द्वारा मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न और रेप के कारण आत्महत्या कर रही है.”

पुलिस ने मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ रेप और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में FIR दर्ज कर ली है. मामले में आगे की जांच जारी है.

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