2010 में कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह एक पुस्तक के विमोचन में मुंबई में थे. किताब का शीर्षक था- 'RSS का षडयंत्र 26/11'. यह किताब अजीज बर्नी ने लिखी थी. दिग्विजय कांग्रेस का वो चेहरा हैं, जो बेहद बेबाकी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) का विरोध करते हैं. लेकिन 2026 से पहले उनमें परिवर्तन की लहर दौड़ी और RSS-BJP की तारीफ में ऐसे कसीदे पढ़े कि हर तरफ उन्हीं की चर्चा है.
RSS को कोसने वाले दिग्विजय के बदले सुर, PM मोदी-आडवाणी का फोटो दिखा बोले- 'जय सिया राम'
Digvijaya Singh वहीं शख्स हैं, जिन पर 'हिंदू आतंकवाद' और 'भगवा आतंक' जैसे शब्द गढ़ने के आरोप लगते रहे हैं. BJP उन पर यह भी आरोप लगाती है कि उन्होंने 2008 मुंबई अटैक के पीछे RSS का हाथ बताया था. हालांकि, दिग्विजय इन आरोपों से इनकार करते हैं.


मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार, 27 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक से ठीक पहले X पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने Quora वेबसाइट का एक पुराना फोटो शेयर किया, जिसमें पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर आ रहे हैं. दिग्विजय अपनी पोस्ट में लिखते हैं,
"क्योरा साइट पर मुझे यह चित्र मिला. बहुत ही प्रभावशाली है. किस प्रकार RSS का जमीनी स्वयंसेवक व जनसंघ और BJP का कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में फर्श पर बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना. यह संगठन की शक्ति है. जय सिया राम."

यहां उनका इशारा लाल कृष्ण आडवाणी के पास नीचे बैठे पीएम नरेंद्र मोदी पर है. BJP जोर देकर कहती रही है कि उसने RSS के आम प्रचारक और पार्टी के साधारण कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक की कुर्सी तक पहुंचाया है, जबकि कांग्रेस में ऐसा होना मुश्किल है.
यह नहीं भूलना चाहिए कि ये वही दिग्विजय सिंह हैं, जिन पर 'हिंदू आतंकवाद' और 'भगवा आतंक' जैसे शब्द गढ़ने के आरोप लगते रहे हैं. BJP उन पर यह भी आरोप लगाती है कि उन्होंने 2008 मुंबई अटैक के पीछे RSS का हाथ बताया था. हालांकि, दिग्विजय इन आरोपों से इनकार करते हैं.

दिसंबर 2010 में दिग्विजय सिंह ने ये दावा करके विवाद खड़ा कर दिया था कि महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) के प्रमुख हेमंत करकरे की मौत में हिंदू चरमपंथी शामिल थे. उन्होंने दावा किया था कि 26/11 के हमलों के शुरू होने से कुछ घंटे पहले करकरे ने उनसे बात की थी. जिसमें करकरे ने बताया था कि 'मालेगांव विस्फोट' मामले में हिंदू चरमपंथियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें कई अज्ञात कॉल करने वालों से मौत की धमकियां मिल रही थीं.
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि हेमंत करकरे को RSS के नेताओं ने निशाना बनाया था. साथ ही उन्होंने करकरे की मौत के लिए संगठन को जिम्मेदार ठहराया था. बताते चलें कि करकरे 2008 के हमलों के दौरान कार्रवाई में मारे गए थे.
RSS से दिग्विजय की अदावत पुरानी है. 2011 में उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि 'RSS एक बम बनाने वाली फैक्टरी है.' इस टिप्पणी पर इलाहाबाद में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने दिग्विजय के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे.
RSS-BJP की तारीफ करने के मामले ने तूल पकड़ा तो दिग्विजय सिंह की तरफ से सफाई भी आई है. उन्होंने अपनी पोस्ट पर उठते सवालों का जवाब देते हुए कहा,
"मैं संगठन का पक्षधर हूं. RSS और मोदी जी का विरोधी हूं... आपको गलतफहमी है. मैंने संगठन की तारीफ की है. मैं RSS और मोदी जी और उनकी नीतियों का घोर विरोधी था, हूं और रहूंगा."
दिग्विजय ने कहा कि जो उन्हें कहना था, वो उन्होंने CWC की मीटिंग में कह दिया. उन्होंने आगे कहा कि संगठन को मजबूत करना और तारीफ करना क्या बुरी बात है. कांग्रेस में बदलाव के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे हमेशा विकेंद्रीकरण के पक्षधर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी उन्होंने विकेंद्रीकरण पर काफी काम किया था.
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