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'हमने पहले आतंकी ठिकानों पर हमला किया था, लेकिन फिर...', सेना ने फिर खोली पाकिस्तान की पोल

DGMO Press Briefing on Operation Sindoor: एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा- 'हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों के ख़िलाफ़ है. इसलिए हमने पहले उनके ठिकानों पर ही हमला किया था, ना कि पाकिस्तानी सेना के. लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवादियों का साथ देना सही समझा.'

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ऑपरेशन सिंदूर पर सेना की प्रेस कॉन्फ़्रेंस. (फ़ोटो- PIB India)

भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ़ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) ने 12 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर के बारे में और जानकारी दी. लगातार दूसरे दिन DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार मीडिया के सामने आए. और बताया कि कैसे पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया.

एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा,

हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों के ख़िलाफ़ है. इसलिए हमने पहले उनके ठिकानों पर ही हमला किया था, ना कि पाकिस्तानी सेना के. लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवादियों का साथ देना सही समझा. इसलिए पाकिस्तान ने इस लड़ाई को अपने ख़िलाफ़ लड़ाई समझ लिया. ऐसे में उनको जवाब देना ज़रूरी हो गया था. इसमें उनका जो भी नुक़सान हुआ, इसके लिए वो ख़ुद ज़िम्मेदार हैं.

अवधेश कुमार भारती ने भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की भी तारीफ़ की. कहा,

भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने दीवार के रूप में काम किया है. इसे भेदना नामुमकिन है. पाकिस्तान की तरफ़ से दागी गईं मिसाइलें भी फेल हुईं. हमने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को बुरी तरह नुक़सान पहुंचाया है. जबकि हमारी तरफ बहुत कम नुक़सान पहुंचा है.

वहीं लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया,

पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों में बदलाव हो रहे थे. हमारी मिलिट्री के साथ-साथ हमारे नागरिकों को भी निशाना बनाया जा रहा था. पहलगाम तक आतंक का ये घड़ा भर चुका था.

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DGMO राजीव घई ने आगे कहा,

पाकिस्तान के ड्रोन और हथियारों से की गई कोशिशें नाकाम हुई हैं. जो ड्रोन आए थे, उन्हें मार गिराया गया. मैं BSF की भी सराहना करना चाहता हूं. पहरा देने वाले हमारे जवान इस अभियान में शामिल हुए और बहादुरी के साथ हमारा साथ दिया. इसके चलते पाकिस्तान की हरकतों का जवाब दिया गया. जब हौसलों बुलंद हों, तो मंजिलें भी कदम चूमती हैं.

इसके अलावा, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया,

नौसेना सर्विलांस और डिटेक्शन में लगी हुई थी. हमने मल्टीपल सेंसर्स और इनपुट्स का इस्तेमाल किया. हमने उन खतरों को पहचाना, जिन्हें तुरंत ख़त्म कर दिया जाना चाहिए था. ड्रोन, हाईस्पीड मिसाइल और एयरक्राफ्ट की जानकारी दी गई. ये जानकारी हमारे एडवांस रडार के ज़रिए दी गई थी. हमारे पायलट दिनरात ऑपरेट करने के लिए तैयार थे. हमारे एयरक्राफ्ट कैरियर में मिग-29 एक्शन के लिए तैयार थे. हमने हाल के सालों में संदिग्ध दुश्मन जहाज को कई सौ किलोमीटर के आसपास भी आने का मौक़ा नहीं दिया.

 

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इस दौरान पूछा गया कि क्या भारत ने किराना हिल्स पर हमला किया है? इस पर एयर मार्शल एके भारती ने कहा, “हमें ये बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं. हमें इसके बारे में पता नहीं था.”

एके भारती ने साफ किया कि सेना ने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है.

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