बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. राज्य में SIR के ड्राफ्ट में कई लोगों का हाउस नंबर '0' है. विपक्ष ने इसको लेकर सवाल उठाए. जिस पर चुनाव आयोग का जवाब भी आया है. इस बीच दिल्ली (Delhi) में कई ऐसे वोटर हैं जिनके लिए मकान नंबर '0' उनकी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
बिहार के SIR विवाद के बीच चर्चा में आया दिल्ली का 'मकान नंबर 0', जानिए पूरा सच
Delhi में बेघर लोगों को Voter ID Card देने की व्यवस्था साल 2013 में शुरू हुई थी. राष्ट्रीय राजधानी बेघर लोगों को वोटर लिस्ट में शामिल करने वाला पहला शहर था. इन सभी लोगों को Unique Address दिया जाता है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के सैंकड़ों बेघर निवासी देश के उन शुरुआती लोगों में शामिल हैं जिन्हें यूनिक एड्रेस दिया गया ताकि चुनावी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी सुनिश्चित किया जा सके. राजधानी दिल्ली में बेघर लोगों को वोटर आईडी कार्ड देने की व्यवस्था साल 2013 में शुरू हुई थी. दिल्ली बेघर लोगों को वोटर लिस्ट में शामिल करने वाला पहला शहर था. एक प्रभारी प्रखंड जिला अधिकारी ने बताया,
बेघर व्यक्ति को फॉर्म 6 भरकर यह प्रमाण देना होता है कि वह शेल्टर होम में रहता है. साथ ही उसको अपना डेट ऑफ बर्थ भी बताना होता है. फॉर्म जमा करने के बाद BLO सत्यापन करने के लिए दिए गए पते पर जाता है.
पश्चिम बंगाल के प्रवासी अपूर्बा चटर्जी पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर एक स्टोर में काम करते हैं. चटर्जी ने चार साल पहले वोटर आईडी बनवाई थी. उस वोटर आईडी में उनके घर का नंबर '0' लिखा है. आईडी में पूरा पता उनके रिमांड होम का है. अपूर्बा चटर्जी ने बताया कि उन्होंने साल 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट डाला था. साथ ही उन्होंने इस साल फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी वोट डाला था.
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17 अगस्त को चुनाव आयोग ने दिया जवाब17 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि यह आशंका निराधार है कि SIR के तहत जिनके घर का एड्रेस '0' है, वो फर्जी वोटर हो सकते हैं. चीफ इलेक्शन कमीशनर ने कहा कि बेघर वोटर्स के लिए ऐसा एड्रेस मिलना आम बात है.
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