पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि (Nagmani), पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा (Anand Mishra) और भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के संयोजक आशुतोष कुमार (Ashutosh Kumar) बीजेपी में शामिल हो गए हैं. बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इन नेताओं ने पार्टी की सदस्यता ली. इस मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और दोनो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा मौजूद रहे.
बिहार चुनाव: 'कमल' के साथ हुए आनंद मिश्रा और आशुतोष, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि की हुई बीजेपी में वापसी
Bihar प्रदेश BJP कार्यालय में 19 अगस्त को 11 बजे मिलन समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री Nagmani, पूर्व IPS Anand Mishra और भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के संयोजक Ashutosh Kumar ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण किया.

नागमणि और उनकी पत्नी सुचित्रा सिन्हा दोनों बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर लिया है. ये 14वां मौका है जब नागमणि ने किसी पार्टी की सदस्यता ली है. उनको बिहार की राजनीति का लंबा अनुभव रहा है. संयुक्त बिहार में साल 1999 में उन्होंने राजद के टिकट पर चतरा सीट जीती थी. फिर पाला बदल कर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए. और केंद्र की अटल बिहारी वाजपेई सरकार में मंत्री बने.
केंद्र में एनडीए की सत्ता जाने के बाद वे रामविलास पासवान की लोजपा में शामिल हो गए. और इसके बाद फिर जदयू में शामिल हो गए. उनकी पत्नी सुचित्रा सिन्हा जदयू के टिकट पर विधानसभा के लिए चुनी गईं. और नीतीश सरकार में मंत्री बनी, जबकि नागमणि खुद विधान परिषद में जगह बनाने में कामयाब रहे.
इसके बाद नागमणि NCP और RLSP समेत कई दलों में रहे हैं. बीजेपी में भी ये उनकी दूसरी पारी है. साल 2014 लोकसभा चुनावों से पहले उन्होंने बीजेपी जॉइन किया था. नागमणि कुशवाहा जाति से आते हैं. लोकसभा चुनाव में मगध और शाहाबाद के क्षेत्र में एनडीए को इस जाति की नाराजगी झेलनी पड़ी थी. इसके बाद से ही बीजेपी डैमेज कंट्रोल में जुटी है. पहले उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजा. और अब नागमणि को पार्टी में शामिल किया. नागमणि के पिता जगदेव प्रसाद बिहार की राजनीति में कद्दावर नेता रहे हैं. उनको बिहार लेनिन के नाम से जाना जाता था.
जन सुराज छोड़कर बीजेपी में आएं आनंदनागमणि के अलावा पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण किया है. आनंद मिश्रा ने हाल ही में जन सुराज के यूथ विंग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. इससे पहले वो लोकसभा चुनाव में बक्सर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि आनंद मिश्रा के जरिए वो युवा ब्राह्मण वोटर्स को अपने पाले में कर पाएगी जो प्रशांत किशोर और जन सुराज से प्रभावित दिख रहे हैं.
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भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के संयोजक और फायरब्रांड युवा नेता आशुतोष कुमार ने भी कमल थाम लिया है. आशुतोष पहली बार सवर्ण आरक्षण को लेकर आंदोलन के चलते चर्चा में आए थे. इसके बाद से वो भूमिहार और ब्राह्मण समुदाय के मुद्दों को लेकर लगातार सक्रिय रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आशुतोष के तौर पर बीजेपी को एक युवा भूमिहार चेहरा मिल जाएंगा. जिनकी इस जाति की युवाओं में अच्छी अपील और पकड़ है.
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