पंजाब में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों की तैयारी चल रही है. इस बीच शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. आरोप है कि विभाग ने 'मृत और रिटायर्ड टीचरों को चुनावी ड्यूटी सौंप दी' है. इससे शिक्षक संगठनों में गुस्सा है. लुधियाना और पटियाला जोन में ये गड़बड़ी सामने आई है, जहां मृतकों को रिहर्सल में अनुपस्थित रहने पर शो-कॉज नोटिस तक जारी हो गए. विभाग के इस कारनामे के खिलाफ शिक्षक संगठनों ने प्रशासन के कार्यालय के बाहर धरना दिया. उन्होंने रिकॉर्ड अपडेट करने की मांग की है.
चुनाव की ऐसी जोरदार तैयारी, मृत टीचर्स को भी ड्यूटी पर लगा दिया, नहीं पहुंचे तो नोटिस भेजा
टीचर्स यूनियन ने विभाग की इस भारी चूक को गैर-जिम्मेदाराना कृत्य करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है. लुधियाना में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) का कहना है कि रिटायर्ड टीचरों के बारे में सूचना देना स्कूल हेड और प्रिंसिपलों की जिम्मेदारी थी.


द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार बिना सर्विंग टीचर्स की लिस्ट अपडेट किए, विभाग ने लुधियाना जोन में एक मृत और चार रिटायर्ड टीचरों को चुनाव ड्यूटी पर लगा दिया. पटियाला जोन में भी एक दिवंगत शिक्षक और एक रिटायर्ड टीचर को ड्यूटी सौंपी दी गई. दोनों को अनिवार्य चुनावी रिहर्सल में अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस तक थमाने की बात कही गई.
टीचर्स यूनियनों ने विभाग की इस भारी चूक को गैर-जिम्मेदाराना कृत्य करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है. लुधियाना में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) का कहना है कि रिटायर्ड टीचरों के बारे में सूचना देना स्कूल हेड और प्रिंसिपलों की जिम्मेदारी थी.
मामले को लेकर गुस्साए शिक्षकों ने पटियाला में अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान टीचर्स यूनियन की एक लीडर ने बताया,
पुलिस कार्रवाई की चेतावनी दी गई“गुरदर्शन कौर नाम की टीचर की मृत्यु संगोवाल के सरकारी स्कूल में पोस्टिंग के दौरान हुई थी. उन्हें चुनाव ड्यूटी सौंपी गई है. यही नहीं, लुधियाना के पास हैबोवाल और मच्छीवाड़ा क्षेत्र के रिटायर्ड टीचर अशोक कुमारी, मक्खन सिंह, हरजीत सिंह और अमरजीत सिंह को भी चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है.”
पटियाला जोन में नीतू कौशल और गुरमीत कौर को अधिकारियों द्वारा जारी ताजा लिस्ट में चुनाव ड्यूटी सौंपी गई है. चौंकाने वाली बात ये है कि नीतू कौशल का निधन इस साल 9 जनवरी को हो चुका है. जबकि गुरमीत कौर अप्रैल महीने में ही रिटायर हो चुकी थीं.
मामले को लेकर गुरमीत कौर ने बताया कि उन्हें 8 दिसंबर को नाभा रोड स्थित गवर्नमेंट ITI पर ड्यूटी रिहर्सल में शामिल होने का लेटर मिला तो वो हैरान रह गईं. जब वो नहीं गईं तो दूसरा लेटर आया, जिसमें इलेक्शन ऑफिसर के सामने अनुपस्थिति की सफाई देने को कहा गया और कानूनी-पुलिस कार्रवाई की चेतावनी दी गई. उन्होंने बताया,
“मैं तो आठ महीने पहले रिटायर हो चुकी हूं, फिर भी मुझे धमकी भरे लेटर भेजे जा रहे हैं. इससे मुझे भारी मानसिक तनाव हो रहा है.”
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के उपाध्यक्ष देविंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि विभाग की ये लापरवाही पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई है. उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को रिटायर्ड और मृत टीचरों का रिकॉर्ड चेक करके अपडेट करना चाहिए था. पेंशन और रिटायरमेंट का सारा डेटा विभाग के पास ही होता है. देविंदर ने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि विभाग ने रिकॉर्ड अपडेट नहीं किए, और रिटायर्ड टीचरों को ड्यूटी का बुलावा भेज दिया.
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