कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ओर से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में की गई कटौती को लेकर NDA सरकार पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने सालों तक राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सलाह को नजरअंदाज किया. कांग्रेस ने ये आरोप भी लगाया कि सरकार ने जीएसटी काउंसिल को औपचारिकता तक ही सीमित कर दिया है.
'मोदी को राहुल की बात माननी पड़ी' GST बदलाव के बाद कांग्रेस का बड़ा दावा
कांग्रेस ने कहा है कि GST Council की बैठक के पहले ही, प्रधानमंत्री Narendra Modi ने इसके संकेत दे दिए थे. उन्होंने आरोप लगाया है कि काउंसिल को औपचारिकता तक ही सीमित कर दिया गया है.


कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है,
कांग्रेस लंबे समय से GST 2.0 की वकालत करती रही है, जिससे GST रेट घटे, बड़े पैमाने पर उपभोग होने वाली वस्तुओं पर टैक्स की दरें कम हो. टैक्स चोरी और गलत कैटेगरी से जुड़े विवादों को न्यूनतम किया जा सके. इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (जहां इनपुट पर आउटपुट की तुलना में अधिक टैक्स लगता है) समाप्त हो, एमएसएमई पर नियमों का बोझ कम हो और जीएसटी के दायरे का विस्तार हो.
जयराम रमेश ने लिखा कि वित्त मंत्री ने संवैधानिक निकाय जीएसटी काउंसिल की बैठक बाद बड़े एलान किए. लेकिन इस बैठक के पहले ही, 15 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके संकेत दे दिए थे. उन्होंने सवाल उठाया,
क्या जीएसटी परिषद अब केवल एक औपचारिकता बनकर रह गई है?
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि GST 1.0 में कई खामियां थीं और कांग्रेस ने 2017 में ही इस ओर ध्यान दिलाया था. उन्होंने कहा,
जब प्रधानमंत्री ने अपना यू-टर्न लेकर इसे लागू करने का निर्णय लिया था. इसे गुड एंड सिंपल टैक्स कहा गया था, लेकिन ये ग्रोथ सप्रेसिंग टैक्स साबित हुआ.
कल की घोषणाओं ने सुर्खियां बटोरीं क्योंकि प्रधानमंत्री पहले ही प्री-दिवाली डेडलाइन तय कर चुके थे. ये माना जा रहा है कि दर कटौती के लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचेंगे. हालांकि, असली जीएसटी 2.0 का इंतजार अब भी जारी है. क्या ये नया जीएसटी 1.5 (अगर इसे ऐसा कहा जा सके) निजी निवेश, विशेषकर विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करेगा, ये देखना बाकी है. क्या इससे एमएसएमई पर बोझ कम होगा? ये तो समय ही बताएगा.
जयराम रमेश ने आगे कहा कि राजस्व की पूर्ण सुरक्षा के लिए मुआवजा अवधि का मामला अब भी अनसुलझा है.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शेयर किए पुराने ट्विटकांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी इस बदलाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने राहुल गांधी के 2016 में किए गए ट्विट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है. उन्होंने लिखा है,
अंत में जब उनको राहुल गांधी की सलाह पर अमल करना ही पड़ता है, तो वो देरी क्यों करते हैं?
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दो टैक्स स्लैब खत्म कर दिए गएजीएसटी काउंसिल ने चार टैक्स स्लैब में से 12% और 28% को खत्म कर दिया है. अब केवल दो टैक्स स्लैब- 5% और 18% रहेंगे. ये बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे.
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