अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप लगातार भारत को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे रहे हैं. पिछली बार उन्होंने भारतीय सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ का एलान किया था. सोमवार, 4 अगस्त को उन्होंने एक बार फिर भारत को निशाने पर लिया. ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत ना केवल रूस से तेल खरीद रहा है, बल्कि उसे खुले बाजार में ऊंची कीमत पर भी बेच रहा है. ट्रंप की लगातार हो रही बयानबाजी का जवाब देने के लिए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी सामने आए हैं. उन्होंने ना केवल ट्रंप को तीखा जवाब दिया, बल्कि 1971 युद्ध की भी याद दिला दी.
टैरिफ-टैरिफ कर रहे ट्रंप को कांग्रेस के मनीष तिवारी ने इतिहास बताया, 1971 की दुखती रग ही दबा दी
एक तो दुखती रग पर हाथ रखकर, ऊपर से Donald Trump के लहजे में ही अपनी पोस्ट खत्म करके Manish Tewari ने इतिहास के पन्ने भी पलट दिए. दरअसल, 1971 युद्ध में अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद के लिए Seventh Fleet भेजी थी.

1971 युद्ध अमेरिकी की दुखती रग है, जिसे मनीष तिवारी ने अपने बयान में छेड़ दिया. ट्रंप की तरफ से दी जा रही टैरिफ धमकी पर मनीष तिवारी ने एक्स पर लिखा,
"इस बात को लेकर चिंता मत करें. डॉनल्ड ट्रंप, आपके देश ने 1971 में हमारी साउथ एशिया की राजनीतिक तस्वीर बदलने की कोशिश रोकने के लिए सातवीं फ्लीट को बंगाल की खाड़ी में भेजा था. हमने तब भी उसका सामना किया था. एक राष्ट्र के रूप में आपकी टैरिफ धमकी का सामना करने के लिए हमारे पास पर्याप्त ताकत है. इस विषय पर ध्यान देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, सर."
एक तो दुखती रग पर हाथ रखकर, ऊपर से डॉनल्ड ट्रंप के लहजे में ही अपनी पोस्ट खत्म करके मनीष तिवारी ने इतिहास के पन्ने भी पलट दिए. दरअसल, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए अपनी सातवीं फ्लीट (Seventh Fleet) को बंगाल की खाड़ी में भेजा था. यह कदम भारत को डराने और उसके सैन्य अभियान को रोकने के लिए उठाया गया था.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की सातवीं फ्लीट में परमाणु-संचालित विमानवाहक पोत USS Enterprise और कई युद्धपोत शामिल थे. अमेरिका चाहता था कि भारत पर दबाव बने और चीन भी हमला करे. लेकिन सोवियत संघ ने तुरंत परमाणु ताकत से लैस बेड़ा भेजकर अमेरिकी और ब्रिटिश नौसेना को रोक दिया. सोवित संघ में रूस समेत कुल 15 देश आते थे.
सोवियत संघ के साथ भारत ने अगस्त, 1971 में एक शांति, मैत्री और सहयोग की संधि की थी. इसी के तहत सोवियत संघ ने मदद भेजी थी. इस हस्तक्षेप के कारण अमेरिका की भारत को रोकने की कोशिश नाकाम हुई. नतीजतन, भारत ने युद्ध जीतकर बांग्लादेश को आजादी दिलाई.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने Truth Social पर एक पोस्ट किया,
“भारत न सिर्फ भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए ज्यादातर तेल को खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच भी रहा है. उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन कितने लोगों को मार रही है.”
उन्होंने आगे कहा,
"इसके कारण, मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ में और ज्यादा बढ़ोतरी करूंगा."
ट्रंप का ये पोस्ट भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाए जाने की घोषणा के कुछ दिन बाद आया. उस वक्त ट्रंप ने ये भी कहा था कि वो भारत पर टैरिफ के अलावा पेनल्टी भी लगाएंगे.
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