मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई बच्चों की मौत के बाद कफ सिरप विवादों में है. कई राज्यों में ‘कोल्ड्रिफ कफ सिरप’ (Coldrif Cough Syrup) की बिक्री पर बैन भी लगा दिया गया है. इसी कड़ी में अब यूपी सरकार ने एक्शन लेते हुए कफ सिरप की जांच के आदेश दे दिए हैं. असिस्टेंट कमिश्नर (ड्रग) ने फार्मा कंपनी से लेकर मेडिकल स्टोर में मौजूद सभी कफ सिरप को जब्त कर उसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं.
कई राज्यों में बैन होने के बाद यूपी सरकार ने भी लिया एक्शन, कफ सिरप जब्त करने के दिए आदेश
Uttar Pradesh के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने निर्देश जारी किया है कि केवल Coldrif Cough Syrup ही नहीं, बल्कि राज्य में बिक रहे सभी कफ सिरपों के नमूने इकट्ठा किए जाएंगे और उन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा.


आजतक से जुड़े संतोष कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने कफ सिरप जब्त करने और उसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं. यह कार्रवाई मुख्य रूप से मध्य प्रदेश सरकार से प्राप्त एक पत्र के बाद की गई है, जिसमें जांच के दौरान कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल मिलने की बात कही गई. बताते चलें कि यह एक जहरीला केमिकल होता है. इसे पीने पर यह किडनी फेल और मौत का कारण बन सकता है.
जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि मेडिकल स्टोर और सरकारी/गैर-सरकारी अस्पतालों में अगर मेसर्स सेसन (जिसे मेसर्स श्रीसन भी कहा जाता है) फार्मास्युटिकल द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप या उनका कोई अन्य कफ सिरप पाया जाता है, तो उसका नमूना लिया जाए और उसे तुरंत जब्त कर बिक्री पर रोक लगाई जाए.

साथ ही असिस्टेंट कमिश्नर (औषधि) दिनेश कुमार तिवारी ने राज्य के सभी ड्रग इंस्पेक्टर्स को निर्देश जारी किया है कि केवल कोल्ड्रिफ ही नहीं, बल्कि प्रदेश में बिक रहे सभी कफ सिरपों के नमूने इकट्ठा किए जाएंगे और उन्हें लखनऊ की लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा.
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मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के बाद हुई मौतों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है. छिंदवाड़ा के 14 बच्चों की मौत के बाद, बगल के जिले बैतूल में किडनी खराब होने से 2 बच्चों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि इन दोनों बच्चों का इलाज भी उसी डॉक्टर प्रवीण सोनी ने किया था, जिन्हें 4 सितंबर की सुबह गिरफ्तार किया गया था.
मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन पर बैन लगा दिया है. क्योंकि, लैब रिपोर्ट में पाया गया कि सिरप में 48.6% जहरीला डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) है. इससे पहले, तमिलनाडु औषधि नियंत्रण निदेशालय की 2 अक्टूबर की रिपोर्ट में इस सिरप को 'नॉन स्टैंडर्ड एंड डिफेक्टिव' (NSQ) पाया गया. अधिकारियों ने बताया कि जहरीली होने के वजह से यह दवा मानव इस्तेमाल के लिए पूरी तरह असुरक्षित हो गई है.
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