भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन ख़बरों को फ़र्ज़ी बताया है, जिनमें कहा गया था कि कर्नल सोफिया कुरैशी (Col Sofia Qureshi) और विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Wing Commander Vyomika Singh) पार्टी के अभियान का चेहरा होंगी. इन दोनों सैन्य महिला अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर भारत की प्रेस ब्रीफिंग को लीड किया था.
सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह BJP के प्रचार का चेहरा होंगी? सच्चाई पता चली
एक अख़बार ने बीजेपी के इस अभियान को लेकर ख़बर छापी. अख़बार में BJP अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का बयान छपा. लेकिन अमित मालवीय का कहना है कि जमाल सिद्दीकी के कॉमेंट को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया है.

BJP आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर एक पोस्ट किया. पोस्ट में टाइम्स ऑफ इंडिया अख़बार की कटिंग थी, जिसमें अभियान को लेकर जानकारी दी गई थी. अख़बार में BJP अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का बयान छापा गया था.
लेकिन बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय का कहना है कि जमाल सिद्दीकी के कॉमेंट को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया है. अमित मालवीय ने अपने पोस्ट में लिखा,
ये फ़र्ज़ी ख़बर है. BJP का कर्नल सोफिया कुरैशी या विंग कमांडर व्योमिका सिंह को अभियान का चेहरा बनाने का कोई प्लान नहीं है. BJP अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी की तरफ़ से किए गए कॉमेंट को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया है. उन्होंने सिर्फ़ इतना कहा कि कर्नल कुरैशी मुस्लिम समुदाय के भीतर एक सशक्त महिला का उदाहरण हैं.

जिस कटिंग को अमित मालवीय ने शेयर किया, वो टाइम्स ऑफ़ इंडिया की थी. इसमें बताया गया था कि 9 जून को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार 11 साल पूरा करेगी. ऐसे में BJP महिला-केंद्रित अभियान शुरू करेगी, जिसे कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह लीड करेंगी.
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अख़बार ने दावा किया कि BJP ने अपने अल्पसंख्यक विंग से अपने कार्यकर्ताओं को इसे लेकर निर्देश दिया है. ताकि कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह को महिलाओं, ख़ासकर अल्पसंख्यक समुदायों के लिए ‘रोल मॉडल’ के रूप में पेश करें. इसके लिए "चौपाल" आयोजित करें.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने जमाल सिद्दीकी के हवाले से बताया था,
ये अभियान देश भर के सभी संगठनात्मक डिविजनों में मौजूद अल्पसंख्यक संस्थानों, मस्जिदों, दरगाहों, गुरुद्वारों और चर्चों के आसपास चलाया जाएगा. पहली चौपाल दिल्ली के शाहीन बाग में आयोजित करने का प्रस्ताव है. जो 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन का सेंटर रहा. इसका मकसद महिलाओं को संगठित करना और उन्हें सशक्त महसूस कराना है.
हालांकि, अमित मालवीय के पोस्ट के बाद इन दावों पर विराम लग गया है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने अपनी वेबसाइट से ये ख़बर हटा दी है.
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