चीन के हेइफ़ेई शहर में बर्निंग प्लाज़्मा एक्सपेरिमेंटल सुपरकंडक्टिंग टोकामाक (BEST) नाम का परमाणु फ्यूजन रिएक्टर बन रहा है. ये अंतिम चरण में है और 2027 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है. इसका टारगेट अपनी खपत से पांच गुना ज़्यादा बिजली बनाना है. ये दुनिया का पहला क्लीन एनर्जी परमाणु फ्यूजन रिएक्टर होगा.
ना धुआं- ना कचरा, सिर्फ बिजली! चीन का 'BEST' रिएक्टर बदलेगा एनर्जी का खेल
China nuclear fusion reactor: फ्यूजन तकनीक की कई ख़ूबियां बताई गई. ये तकनीक बिजली उत्पादन का ही तरीक़ा है. लेकिन इसमें तारों के ज़रिए बिजली नहीं बनाई जाती. इसका एक फ़ायदा ये है कि इससे पृथ्वी को गर्म करने वाली कोई गैस नहीं छूटती.
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परमाणु फ्यूजन तकनीक की कई ख़ूबियां बताई गईं. ये तकनीक बिजली उत्पादन का ही तरीक़ा है. लेकिन इसमें तारों के ज़रिए बिजली नहीं बनाई जाती. इसका एक फ़ायदा ये है कि इससे पृथ्वी को गर्म करने वाली कोई गैस नहीं छूटती.
पूरी दुनिया स्वच्छ ऊर्जा यानी क्लीन एनर्जी के स्रोतों की तरफ़ बढ़ रही है. देश अगली पीढ़ी के बिजली उत्पादन के लिए व्यवस्था करने की होड़ में हैं. जो बिना ज़्यादा कचरा बढ़ाए हमारी बिजली से जुड़ी मांगों को पूरा कर सकते हैं.
इंटेरेस्टिंग इंजीनियरिंग की ख़बर के मुताबिक़, चीन में बनाया जा रहा BEST फ्यूजन रिएक्टर, लोकप्रिय टोकामक डिजाइन की तरह है. ये क्या है? दरअसल, इसमें सूर्य की सतह से कहीं ज्यादा तापमान पर प्लाज़्मा गर्म किए जाते हैं. इसके लिए बड़े आकार के बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है.
इस तापमान पर हाइड्रोजन के आइसोटॉप्स मिलकर हीलियम अणु बनाते हैं. इससे बड़ी मात्रा में ऊर्जा बनती है. परमाणु विखंडन (nuclear fission) की तुलना में, संलयन (fusion) प्रक्रिया बहुत कम रेडियोएक्टिव अपशिष्ट पैदा करती है. इसका प्रबंधन भी आसान होता है.
इस तकनीक पर दशकों से काम चल रहा है. लेकिन जब से यूएस नेशनल इग्निशन फैसिलिटी (NIF) ने बताया है कि इस प्रक्रिया में क्लीन एनर्जी संभव है. तब से प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है. परमाणु फ्यूजन रिएक्टर से कितनी ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है. इसका पैमाना बढ़ाने के लिए देश बड़े फ्यूजन एनर्जी प्लांट्स बनाने पर काम कर रहे हैं.
चीन अपने रिएक्टरों का निर्माण बहुत तेज़ गति से कर रहा है. वो फ्यूजन ऊर्जा के क्षेत्र में अमेरिका को मात देने का इरादा रखता है. बेस्ट रिएक्टर की असेंबली में हजारों सामान शामिल हैं, जिनका वजन लगभग 6,000 टन है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की ख़बर के मुताबिक़, इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व राज्य समर्थित कंपनी नियो फ्यूजन कर रही है. इसके अध्यक्ष यान जियानवेन ने SCMP को बताया,
दो साल से भी कम समय में हमने सिविल निर्माण पूरा कर लिया है. कई हिस्से तैयार भी हो चुके हैं. जिस गति से हम काम कर रहे हैं, उसे हम 'चीनी गति' (China speed) कहते हैं.
अमेरिका के मैसाचुसेट्स में भी SPARC नाम का परमाणु फ्यूजन रिएक्टर बन रहा है. इसका टारगेट भी खपत से ज़्यादा ऊर्जा का उत्पादन है. ये भी लगभग चीन के समयसीमा (2027 तक पूरा करने) पर काम कर रही है.
लेकिन चीन के रिएक्टर का आकार अमेरिका से बड़ा है. इससे भी ज़रूरी बात ये है कि चीन रिकॉर्ड समय में बेस्ट रिएक्टर तैयार करने के लिए जोर-शोर से लगा हुआ है.
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