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'पड़ोसी यौन उत्पीड़न कर सकता था, इसलिए... ', घरवालों ने लड़की को 20 साल तक कमरे में बंद रखा

Chhattisgarh के Bastar के परिवार ने दावा किया है कि पड़ोस का एक शख्स लड़की का पीछा करता था. इस डर से उन्होंने उसे कमरे से निकलने नहीं दिया. अब करीब 28 साल की उम्र में उसे अधिकारियों ने रेस्क्यू किया है.

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पुलिस मामले की जांच कर रही है (सांकेतिक फोटो: आजतक)

छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में एक युवती बीते 20 सालों से एक ही कमरे मेें बंद थी. अब करीब 28 साल की उम्र में उसे अधिकारियों ने रेस्क्यू किया है. जब उसे कमरे में बंद किया गया था, तब उसकी उम्र महज 8 साल की थी. परिवार ने दावा किया है कि पड़ोस का एक शख्स लड़की का पीछा करता था. इस डर से उन्होंने उसे कमरे से निकलने नहीं दिया.

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जगदलपुर के घरौंदा आश्रम की सिस्टर क्लेरेलिट ने TOI को बताया कि युवती बचपन में ही अपने माता-पिता को खो चुकी है और उसका पालन-पोषण एक दूसरे परिवार ने किया. क्लेरेलिट ने बताया कि जब उसका नाम पुकारा जाता है तो वह मुश्किल से जवाब देती है और उसकी नजर बहुत कमजोर हो गई है. उन्होंने बताया कि उसने सालों तक सूरज की रोशनी नहीं देखी और सामाजिक संपर्क के बिना रहने की वजह से वह सदमे में है.

बस्तर कलेक्टर हरीश एस ने बताया कि सामाजिक कल्याण विभाग इस मामले की जांच कर रहा है, जो गैरकानूनी हिरासत और मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला मालूम पड़ता है. उन्होंने कहा, 

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अधिकारी उसके परिवार के सदस्यों से पूछताछ कर रहे हैं और उन परिस्थितियों की जांच कर रहे हैं, जिनकी वजह से उसे इतने लंबे वक्त तक बंधक बनाकर रखा गया... रिपोर्ट दर्ज होने के बाद हम कार्रवाई शुरू करेंगे.

रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग के सूत्रों ने युवती के परिवार के हवाले से बताया कि पड़ोस का एक अंजान शख्स उसका पीछा कर रहा था और उन्हें डर था कि वह उसका यौन उत्पीड़न कर सकता है. उन्होंने दावा किया कि वह एक आदतन अपराधी था जो उसे बाहर देखकर उसे निशाना बना सकता था.

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लंबे वक्त तक कमरे में बंद रहने की वजह से युवती मानसिक रूप से परेशान है. मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि उसकी पूरी नजर वापस आने की संभावना बहुत कम है. सिस्टर क्लेरेलिट ने बताया कि अच्छी खबर यह है कि वह धीरे-धीरे प्रतिक्रिया देना और सहारे से चलना सीख रही है.

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