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कथावाचक को यूपी पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया, सवाल उठे तो गोलमोल जवाब देने लगे

Bahraich Police Gaurd of Honour Row: वीडियो आने पर भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार और पुलिस पर तीखा हमला बोला है. विवाद बढ़ने पर बहराइच पुलिस ने सफाई जारी की है. अब डीजीपी ने भी बहराइच के एसपी से इस पर जवाब मांगा है.

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UP bahraich police guard of honor to religious preacher DGP seeks explanation after opposition attacks
बहराइच पुलिस ने कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को दिया था गार्ड ऑफ ऑनर. (Photo: X)
19 दिसंबर 2025 (Updated: 19 दिसंबर 2025, 06:44 PM IST)
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उत्तर प्रदेश के बहराइच में यूपी पुलिस ने कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया. उनके लिए रेड कार्पेट बिछाई गई, सलामी परेड दी गई. बिल्कुल इसी तरह स्वागत हुआ, जैसे किसी बड़े संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का होता है. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. विपक्ष ने इस पर सरकार और पुलिस को घेरा है. इसे संविधान पर हमला और पुलिस का गलत इस्तेमाल बताया है. मामला बढ़ने पर यूपी के डीजीपी ने इसका संज्ञान लिया और बहराइच के एसपी से जवाब मांगा है.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना एक महीने पुरानी है. बताया कि 8 नवंबर से 14 नवंबर तक बहराइच की पुलिस लाइन्स में भागवत कथा का कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र भी सामने आया है, जिसमें कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी की तस्वीर भी दिख रही है और साथ में कार्यक्रम स्थल का पता भी. पुंडरीक गोस्वामी जब यहां परेड ग्राउंड पहुंचे तो उनका खूब स्वागत सत्कार हुआ. कथा संपन्न हुई. सब कुछ हो चुका था, लेकिन एक महीने बाद अचानक से कथावाचक को गॉर्ड ऑफ ऑनर का सम्मान दिए जाने का वीडियो सामने आया. अब इस वीडियो पर सियासी बवाल मच गया.

भीम आर्मी चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने 18 दिसंबर को सोशल मीडिया पर यह वीडियो पोस्ट करते हुए सरकार और पुलिस पर हमला बोला. उन्होंने लिखा,

भारत कोई मठ नहीं, बल्कि एक संवैधानिक गणराज्य है. और राज्य किसी धर्म-विशेष की जागीर नहीं. इस स्पष्ट उल्लेख के बावजूद एक कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा परेड और सलामी दी जाती है. यह सिर्फ एक प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि संविधान पर खुला हमला है. सलामी और परेड राज्य की संप्रभु शक्ति का प्रतीक होती है. ये सम्मान संविधान, राष्ट्र और शहीदों के नाम पर दिया जाता है. किसी कथावाचक, बाबा या धर्मगुरु का रुतबा बढ़ाने के लिए नहीं.

सांसद चंद्रशेखर के पोस्ट के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस पर सवाल उठाए. उन्होंने X पर लिखा,

जब पूरा पुलिस महकमा सलामी में व्यस्त रहेगा तो प्रदेश का अपराधी मस्त रहेगा. यूपी में पुलिस अपने काम में तो नाकाम है, उसका जो काम है वो तो कर नहीं रही है, बल्कि अपनी सीमित क्षमताओं को और जगह व्यर्थ कर रही है. भाजपा राज में यूपी में पनप रहे बेतहाशा अपराध और माफ़िया राज पर लगाम लगाने की बजाय सलाम-सलाम का खेल खेला जा रहा है.

akhilesh yadav on bahraich police
(Photo: X)

विवाद बढ़ने पर बहराइच पुलिस ने इस पर सफाई जारी की. पुलिस ने पूरे मामले पर बयान जारी कर करते हुए कहा,

प्रशिक्षण के दौरान कड़ी मेहनत और उपजे तनाव की वजह से 28 पुलिसकर्मियों ने इस्तीफा दिया. पुलिस में तनाव और डिप्रेशन को दूर करने और मनोबल बढ़ाने के लिए पुलिस लाइन्स में योग, ध्यान और काउंसलिंग कराई जाती है. इसी के तहत आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को बुलाया गया. उनके प्रेरणादायक और नैतिक व्याख्यान से पुलिसवालों का तनाव कम हुआ, मनोबल बढ़ा और डिप्रेशन की समस्या दूर करने में मदद मिली.

वहीं यूपी पुलिस ने आधिकारिक X हैंडल से इस पर बयान जारी करते हुए कहा कि पुलिस परेड ग्राउंड का अनधिकृत इस्तेमाल किया गया है. बयान में यूपी पुलिस ने कहा,

जनपद बहराइच में आयोजित एक कार्यक्रम में पुलिस परेड ग्राउंड के अनधिकृत उपयोग का पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा संज्ञान लिया गया है. पुलिस परेड ग्राउंड का इस्तेमाल सिर्फ पुलिस प्रशिक्षण, अनुशासन और आधिकारिक समारोहों के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार किया जाना अनिवार्य है.

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वहीं यूपी के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने पूरे मामले पर नाराज़गी जताई है और एसपी बहराइच राम नयन सिंह से स्पष्टीकरण मांगा है. मालूम हो कि आमतौर पर ऐसा सम्मान संवैधानिक पदों पर मौजूद व्यक्तियों को खास आधिकारिक अवसरों पर ही दिया जाता है. लेकिन बहराइच में एक कथावाचक को इस तरह का सम्मान दिए जाने से पुलिस प्रोटोकॉल, प्रशासनिक मर्यादा और नियमों के पालन पर बहस छिड़ गई है.

इस कार्यक्रम से जुड़े वीडियो, और तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी शेयर की जा रही हैं. आजतक के सहयोगी राम बरन चौधरी के मुताबिक सलामी का जो वीडियो वायरल है, वो पुंडरीक गोस्वामी के सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट किया गया था. अब यह वीडियो यूपी पुलिस के आला अधिकारियों तक भी पहुंचा है.

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