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कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत होगी रद्द? CBI ने ले लिया ये बड़ा फैसला

CBI ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेशों का अध्ययन करने के बाद ये निर्णय लिया है. एजेंसी जल्द से जल्द इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) दायर करेगी.

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23 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को उसकी अपील लंबित रहने तक सस्पेंड कर दिया था. (फोटो- X)

उन्नाव रेप केस में पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को दिल्ली हाईकोर्ट ने सस्पेंड कर दिया. सेंगर को जमानत देने वाले हाईकोर्ट के आदेश को अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक CBI के प्रवक्ता ने बुधवार, 24 दिसंबर को एक बयान में कहा कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेशों का अध्ययन करने के बाद ये निर्णय लिया गया है. एजेंसी जल्द से जल्द इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) दायर करेगी.

हाईकोर्ट ने क्या फैसला दिया?

मंगलवार, 23 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को उसकी अपील लंबित रहने तक सस्पेंड कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि सेंगर पहले ही 7 साल 5 महीने से ज्यादा जेल में बिता चुका है. बेंच ने सेंगर को 15 लाख रुपये के निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दी है. साथ ही कहा था कि वो पीड़िता के दिल्ली स्थित घर से 5 किलोमीटर के दायरे में नहीं जाएगा, और पीड़िता या उनकी मां को कोई धमकी नहीं देगा. कोर्ट ने कहा था कि किसी भी शर्त का उल्लंघन होने पर जमानत रद्द हो जाएगी.

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हालांकि, सेंगर अभी जेल से बाहर नहीं आएगा. क्योंकि वो पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की सजा काट रहा है, जिसमें उसे अभी जमानत नहीं मिली है.

पीड़िता और परिवार का गुस्सा

पीड़िता ने हाईकोर्ट के फैसले को अपने परिवार के लिए "काल" करार दिया और कहा कि वो इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगी. फैसले के बाद पीड़िता और उनकी मां ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया. लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें जबरन हटा दिया, जिससे राजनीतिक विवाद बढ़ गया.

राहुल गांधी का बयान और मुलाकात

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की. उन्होंने X पर लिखा कि रेप पीड़िता के साथ ऐसा व्यवहार शर्मनाक है. राहुल ने लिखा,

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"क्या एक गैंगरेप पीड़िता के साथ ऐसा व्यवहार उचित है? क्या उसकी गलती ये है कि वो न्याय के लिए अपनी आवाज उठाने की हिम्मत कर रही है? उसके अपराधी (पूर्व BJP MLA) को जमानत मिलना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है, खासकर तब, जब पीड़िता को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा हो, और वो डर के साए में जी रही हो."

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राहुल का पोस्ट.

राहुल गांधी ने इसे "मृत समाज" की ओर इशारा बताया, और कहा कि ऐसी अमानवीय घटनाओं के साथ हम एक मृत समाज भी बनते जा रहे हैं.

बुधवार, 24 दिसंबर को राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने 10 जनपथ स्थित आवास पर पीड़िता और उनकी मां से मुलाकात की. पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने के लिए अच्छे वकील की मांग की, जिस पर राहुल ने उन्हें आश्वासन दिया.

पीड़िता ने लगाए आरोप

उन्नाव केस की रेप पीड़िता ने आरोप लगाया कि कुलदीप सेंगर ने जेल से CBI के अहम गवाह पत्रकार वीरेंद्र यादव पर गैंगस्टर एक्ट लगवाया. उन्होंने कहा कि वीरेंद्र को गिरफ्तारी के बाद 50 दिन तक जेल में रखा गया. पीड़िता ने ये भी दावा किया कि वीरेंद्र को करंट लगाने के साथ टॉर्चर किया गया. इसके अलावा उन्होंने अपने चाचा के जेल में होने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा,

"मेरे चाचा ने क्या किया? मेरे चाचा ने ना किसी बेटी को छेड़ा, ना किसी बेटी के साथ रेप किया, ना किसी बेटी के साथ कुछ किया, ना किसी बहन-बेटी को आंख उठाकर देखा. लेकिन उस इंसान (चाचा) ने क्या गुनाह किया कि उसको 7 साल हो गए, लेकिन जेल से बाहर नहीं निकल पाया. क्योंकि कुलदीप सिंह सेंगर पावरफुल है. BJP की सरकार है, BJP का ही नेता है."

रेप पीड़िता की मां भी कोर्ट के फैसले से काफी निराश हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा,

"हमें उम्मीद नहीं, जब दो-दो जजों ने मिलकर जमानत दे दी. मेरे देवर को जेल में रखकर मेरी सिक्योरिटी भी हटा दी. मेरे बच्चों को खतरा है. हम कैसे जिएंगे? कैसे रहेंगे? सब बहन-बेटियों के साथ... ऐसे BJP के विधायक रेप करेंगे, उनको छोड़ दिया जाएगा. हमें तभी भरोसा होगा जब इनकी जमानत खारिज होगी. 9 साल हो गए कोर्ट के चक्कर लगाते. हमें अब तक न्याय नहीं मिला. हमें कब न्याय मिलेगा?"

उन्नाव रेप केस वर्ष 2017 का है. आरोप है कि कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों ने 17 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ रेप किया था. आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर (तब बीजेपी विधायक) थे, जिन्हें बाद में पार्टी से निकाल दिया गया. मामले की जांच CBI ने की. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर 2019 को सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी और मृत्यु तक जेल में रखने का आदेश दिया था. उस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.

वीडियो: भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने पर रेप पीड़िता ने किया विरोध, पुलिस ने ये कर दिया

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