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कनाडा को ब्रिटेन ने दी ‘सीक्रेट फाइल’? निज्जर केस में भारत पर कैसे चढ़ा शक का धुआं

Bloomberg Originals की डॉक्यूमेंट्री, 'Inside the Deaths that Rocked India’s Relations with the West' में बताया गया है कि एक ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसी ने कनाडा को भारत के खिलाफ एक फाइल सौंपी थी.

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खालिस्तानी आतंकी निज्जर (PHOTO-X)

खालिस्तानी (Khalistan) आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की मौत को लेकर भारत-कनाडा (India-Canada Relations) के रिश्ते काफी बिगड़े. हालात यहां तक पहुंच गए कि दोनों देशों ने अपने उच्चायोग के स्टाफ को कम कर दिया. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) खुलेआम भारत के खिलाफ बयान देने लगे. भारत ने कई बार उन सबूतों की मांग की, जिसके आधार पर कनाडा ऐसा आरोप लगा रहा था. कनाडा का कहना था कि निज्जर की मौत के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ है. लेकिन तब कनाडा ने सिर्फ आरोप लगाए. अब एक डाक्यूमेंट्री आई है जिसके मुताबिक कनाडा को ये जानकारी ब्रिटिश खुफिया एजेंसी ने दी थी. ब्रिटिश एजेंसी ने ही कनाडा को निज्जर की मौत में भारत के कथित लिंक से जुड़े फोन इंटरसेप्ट सौंपे थे.

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लेकिन जून 2025 से, भारत-कनाडा अपने रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग ओरिजिनल्स की डॉक्यूमेंट्री, 'इनसाइड द डेथ्स दैट रॉक्ड इंडियाज़ रिलेशन्स विद द वेस्ट' में बताया गया है कि एक ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसी ने कनाडा को भारत के खिलाफ एक फाइल सौंपी थी. ये वो एजेंसी जिसे UK का गवर्नमेंट कम्युनिकेशंस हेडक्वार्टर (GCHQ) कहा जाता है. इसे अक्सर देश का लिसनिंग पोस्ट भी कहा जाता है. उसी ने एक ऐसी कॉल इंटरसेप्ट कीं जिनमें तीन टारगेट्स के बारे में बात हो रही थी.

निज्जर, एक कनाडाई था जिसे भारत ने 2020 में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के लिए आतंकवादी घोषित किया गया था. वो कथित तौर पर उन नामों में से एक था जो UK, US, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच फाइव आइज समझौते के तहत कनाडाई अधिकारियों को दी गई इंटेलिजेंस में शामिल था. डॉक्यूमेंट्री के अनुसार, उस समय फाइव आइज इंटेलिजेंस-शेयरिंग नेटवर्क ने जानकारी इकट्ठा करने में मदद की थी.

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जुलाई 2023 में, निज्जर हत्याकांड की जांच में एक ‘बड़ी कामयाबी’ मिली. तब कथित तौर UK को इस मामले को लेकर कुछ जरूरी जानकारी मिली. डॉक्यूमेंट्री में यह दावा किया गया कि ब्रिटिश इंटेलिजेंस को कनाडा के साथ बहुत सख्त शर्तों के तहत ही शेयर किया जाएगा. इसे कनाडा तक हाथ से पहुंचाया जाएगा और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स से बिल्कुल दूर रखा जाएगा. ये भी शर्त रखी गई कि लंदन द्वारा पहले से तय किए गए कुछ ही कनाडाई अधिकारी इसे देख पाएंगे. डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया कि 

यह फाइल ब्रिटिश इंटेलिजेंस एजेंसी द्वारा इंटरसेप्ट की गई बातचीत थी. ये कॉल उन लोगों के बीच हुई थी जिनके बारे में एनालिस्ट्स का मानना ​​है कि वे भारत सरकार की ओर से काम कर रहे थे. उन्होंने तीन संभावित टारगेट्स के बारे में बात की थी: निज्जर, (अवतार सिंह) खंडा और (गुरपतवंत सिंह) पन्नू. बाद में, इस बारे में बात हुई कि निज्जर को कैसे खत्म कर दिया गया.

ब्रिटिश सिख और खालिस्तान समर्थक खंडा की भी जून 2023 में बर्मिंघम के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. उसे ब्लड कैंसर था और वे बहुत बीमार था. UK में कुछ ग्रुप्स के आरोपों के बावजूद, ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा कि उसकी मौत में कोई संदिग्ध हालात नहीं थे.

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