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बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन से BJP टेंशन में, सता रहा विपक्ष को बढ़त मिलने का डर

Bihar BJP Election Commission SIR: BJP की चिंता ये है कि उसने विपक्ष को इस मुद्दे पर अपनी बढ़त बनाने का मौका दे दिया. विपक्ष लोगों को ‘बड़े पैमाने पर वोटिंग के अधिकारों से वंचित’ हो जाने की चेतावनी दे रहा है. ‘चुनाव आयोग की जल्दबाज़ी’ पर सवाल उठा रहा है.

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मधेपुरा जिले में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान के दौरान की तस्वीर. (फ़ोटो- X/@CEOBihar)

बिहार में चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी इसकी तपिश महसूस कर रही है. ख़बरें हैं कि BJP को जमीनी स्तर पर उस तरह का रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा, जैसी पार्टी उम्मीद कर रही थी.

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ऐसे में बिहार BJP के संगठन सचिव भीखू भाई दलसानिया ने सोमवार, 14 जुलाई को 26 प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने पदाधिकारियों से राज्य भर में जाकर वोटर्स से मिलने और उनकी आशंकाओं को दूर करने को कहा. नामांकन प्रक्रिया में पार्टी समर्थकों की मदद करने का भी निर्देश दिया.

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि BJP की चिंता ये है कि उसने विपक्ष को इस मुद्दे पर बढ़त बनाने का मौका दे दिया. विपक्ष लगातार लोगों को ‘बड़े पैमाने पर वोटिंग के अधिकारों से वंचित’ हो जाने की चेतावनी दे रहा है. ‘चुनाव आयोग की जल्दबाज़ी’ पर सवाल उठा रहा है. इसके अलावा, विपक्ष वोटर्स तक पहुंचने के लिए अपने बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) की संख्या बढ़ाने में भी BJP से आगे रहा है.

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सूत्रों के मुताबिक़, भीखू भाई दलसानिया ने BJP नेताओं से सुनिश्चित करने को कहा कि पार्टी के BLA ज़्यादा से ज़्यादा पोलिंग बूथ का दौरा करें. 19 जुलाई से BJP नेता अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में बैठकें भी करेंगे. ताकि SIR पर लोगों की प्रतिक्रिया जान सकें. ये बैठकें 31 जुलाई तक यानी वोटर लिस्ट के पहले ड्राफ्ट के पब्लिश होने के एक दिन पहले तक जारी रहेंगी.

भीखू भाई दलसानिया द्वारा आयोजित बैठक में मौजूद एक सीनियर BJP नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

हमने लोगों की चिंताओं पर चर्चा की. खासकर चुनाव आयोग द्वारा SIR जारी करने में की जा रही जल्दबाजी पर. आवेदन करने वाले किसी भी वोटर को रसीद (दूसरा इनॉमरेशन फॉर्म) भी नहीं दी जा रही है. जबकि ज़्यादातर लोगों का कहना है कि अभी तक उनसे फॉर्म ही नहीं लिया गया है.

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इस नेता के मुताबिक़, विधानसभा चुनाव से महीनों पहले इतनी बड़ी कवायद करने के चुनाव आयोग के फैसले ने राज्य BJP को भी चौंका दिया था. क्योंकि उसके BLA आगे की स्थिति के लिए तैयार नहीं थे. नेता ने आगे कहा कि विपक्षी दलों की बूथ स्तर की सक्रियता को देखते हुए पार्टी के लोगों को एहसास हुआ कि उन्हें विपक्षी नेताओं की तरह ही मेहनत करनी पड़ेगी. इस काम में बराबरी से जुटना होगा.

1 अगस्त के बाद का समय और अहम होने वाला है. जब वोटर्स को नामांकन के लिए ज़रूरी सप्लीमेंट्री डॉक्यूमेंट्स अपलोड किए जाने हैं. बीजेपी नेता का कहना है कि वैसे तो आधिकारिक तौर पर चुनाव आयोग की ओर से फॉर्म्स के लिए सब्मिट किए गए कागजातों का ब्योरा नहीं दिया है. लेकिन जो रिपोर्ट्स में उन्हें मिले हैं, उसके मुताबिक करीब 70-80 प्रतिशत लोगों ने बिना किसी आवासीय सबूत के फॉर्म जमा करा दिए हैं. ज्ञात रहे कि चुनाव आयोग की ओर से 11 दस्तावेजों की सूची जारी की गई थी जो आवासीय प्रमाण माने जाएंगे. 

इस संबंध में इंडियन एक्सप्रेस ने एक बीजेपी प्रवक्ता से भी बात की. BJP के इस प्रवक्ता ने बताया कि वो SIR प्रक्रिया की सराहना करते हैं. लेकिन उनकी अपनी चिंताएं भी हैं. BJP प्रवक्ता ने आगे कहा,

हम ये सुनिश्चित करने के लिए मदद कर रहे हैं कि सभी वैध वोटर, लिस्ट में बने रहें. लेकिन संभावना है कि कुछ लोग जो काम के लिए बाहर गए हैं, लिस्ट से बाहर रह जाएं.

BJP प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि चुनाव आयोग का ऑनलाइन ऐप इस समस्या का समाधान करेगा.

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