प्रॉपर्टी खरीदने के मकसद से एक शख्स दिल्ली के सीआर पार्क में फ्लैट खरीदने पहुंचा. मीटिंग तय थी. मीटिंग में कथित मकान मालिक और खरीददार तो थे ही, कई और लोग भी मौजूद थे. बातचीत हुई, लेकिन कैश पर जाकर अटक गई. लेकिन मीटिंग में मौजूद कुछ लोगों के पास इस समस्या का भी समाधान था, क्योंकि वो खुद को कैश एक्सचेंजर बता रहे थे.
40 लाख कैश की डिमांड थी, बैग भर कर मिला, लेकिन नोटों पर लिखा था 'मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया'
Delhi Police ने बताया कि आरोपी 500 रुपये के नोटों का एक बंडल मशीन से गिनते थे, जो असली होता. भरोसा जीतने के लिए ये बंडल ग्राहक को दे दिया जाता है. इसके बाद जालसाज़ तेजी से नकली नोटों को एक बैग में भर देते थे.
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उन्होंने फ्लैट के बाहर आकर उस शख्स को नकदी से भरा एक बैग पकड़ाया. दावा किया इसमें 40 लाख रुपये हैं. शख्स ने भी 40 लाख रुपये इन कथित कैश एक्सचेंजर के बैंक अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. घर पहुंचकर बैग खोला, तो होश फ़ाख़्ता हो गए. नोटों पर लिखा हुआ था- 'मनोरंजन बैंक ऑफ इंडिया'. (Manoranjan Bank of India)
क्या है पूरा मामला?इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना 4 जुलाई को घटित हुई. 6 जुलाई को शख्स ने सीआर पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. DCP (साउथ) अंकित चौहान ने सोमवार, 14 जुलाई को मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया,
चारों लोग सीआर पार्क के फ्लैट में उससे मिले. जहां कई और लोग भी मौजूद थे. आरोपियों ने उसे भारी मात्रा में नकदी दिखाई, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए 40 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. बदले में, उन्होंने बैग सौंप दिया.
पुलिस ने बताया कि शख्स को भरोसे में लेने के लिए उन्होंने नोट गिनने वाली मशीन से नकदी का एक हिस्सा भी गिना. जब घर जाकर शख्स को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है. तो वह आरोपियों को ढूंढने के लिए फ्लैट पर वापस गया, लेकिन तब तक वे फरार हो चुके थे.
ऐसे हुआ खुलासाशिकायत दर्ज होने के बाद, पुलिस ने उन बैंक खातों की डिटेल्स निकाली, जिसमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे. 9 जुलाई को सूचना मिली कि आरोपी सैदुलाजाब इलाके के एक और फ्लैट में इसी तरह की धोखाधड़ी को अंजाम देने आ रहे हैं. DCP अंकित चौहान ने बताया कि पुलिस ने जाल बिछाया और फ्लैट पर छापा मारकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा,
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान निखिल, प्रिंस पाल और परवेज के रूप में हुई. उनकी निशानदेही पर गिरोह के चौथे सदस्य असगर खान को भी अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया.
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पुलिस ने गिरोह से 1.25 करोड़ रुपये के नकली नोट, एक नकदी गिनने की मशीन और 7.5 लाख रुपये नकद बरामद किए. पुलिस ने इस ठगी का खुलासा करते हुए बताया,
500 रुपये के नोटों का एक बंडल मशीन से गिना जाता है. जो असली होता था. भरोसा जीतने के लिए ये बंडल ग्राहक को दे दिया जाता है. जब वह बाकी बंडलों की जांच करना बंद कर देता है, तो जालसाज़ तेजी से नकली नोटों को गिनना शुरू कर देते और उन्हें एक बैग में भर देते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, ये गिरोह पहले भी इस तरह की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुका है. इससे पहले तुगलकाबाद में दो बार 1 करोड़ रुपये और 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई थी. इसी तरह छतरपुर में भी एक धोखाधड़ी हुई थी.
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