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इतिहास बन जाएगा 'भोपाल का मुजस्समा', 90 डिग्री के पुल को लेकर सरकार का बड़ा फैसला

Bhopal Bridge: भोपाल के नए पुल के डिजाइन पर सवाल उठाए गए थे, तो अधिकारियों ने लॉजिस्टिक रुकावटों का हवाला देते हुए डिजाइन का बचाव किया था. हालांकि, अब इसके डिजाइन में सुधार करने का फैसला किया गया है.

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भोपाल का ऐशबाग पुल अपने डिजाइन की वजह से विवादों में है.
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रवीश पाल सिंह

भोपाल के 90 डिग्री पुल (Bhopal 90 Degree Bridge) की जितनी चर्चा हुई, उतनी शायद किसी दूसरे पुल को नसीब नहीं हुई होगी. ट्रोल, मीम्स, और फजीहत के बाद अब आखिरकार इस पुल का डिजाइन बदलने जा रहा है. भारतीय रेलवे ने इसके लिए अतिरिक्त जमीन देने पर रजामंदी दे दी है, ताकि पुल के डिजाइन को सुधारा जा सके.

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भोपाल के इस नए-नवेले पुल का नाम ऐशबाग पुल है. इसकी लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8.5 मीटर है. लेकिन चर्चा है इसके करीब 90 डिग्री वाले मोड़ की जिसकी तस्वीर वायरल होने के बाद ये पुल ‘क्या मुजस्समा है’ वाला मीम बन गया. ये मोड़ ना सिर्फ सड़क पर चलने वाले लोगों के लिए सिरदर्द बना, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर खूब मजाक उड़ाया गया.

Bhopal Bridge News
भोपाल का ऐशबाग पुल. (India Today)

अब खबर है कि इस पुल को सुरक्षित और आरामदायक बनाने के लिए इसके डिजाइन में सुधार किया जाएगा. इंडिया टुडे से जुड़े रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इंडिया टुडे से पुष्टि की है कि जैसे ही रेलवे जमीन देगा, वैसे ही पुल के सुधार का काम शुरू हो जाएगा.

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सरकार और रेलवे के बीच सहमति बनी है कि इसे नया डिजाइन दिया जाएगा. इस पुल के 90 डिग्री मोड़ पर बनी रेलिंग को हटाया जाएगा, जिसमें ट्रैफिक फंसने की आशंका है. बुधवार, 18 जून को माप लेने वाली मशीन भी पुल पर पहुंच गई.

Bhopal Bridge
ऐशबाग पुल पर माप मशीन. (India Today)

इससे पहले जब पुल के डिजाइन पर सवाल उठाए गए थे, तो अधिकारियों ने लॉजिस्टिक रुकावटों का हवाला देते हुए डिजाइन का बचाव किया था. पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर (ब्रिज डिपार्टमेंट), वीडी वर्मा ने कहा था,

"मेट्रो स्टेशन के कारण इस प्वाइंट पर जमीन की सीमित उपलब्धता है. जमीन की कमी के कारण कोई अन्य विकल्प नहीं था. आरओबी का मकसद दो कॉलोनियों को जोड़ना है."

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पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था,

"पुल बनने के बाद एक्सपर्ट्स अचानक आकर ऐसी बातें कहते हैं. किसी भी पुल को बनाते समय बहुत सारे तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है. अगर यह आरोप है, तो इसकी जांच की जाएगी.”

नए डिजाइन में पुल का मोड़ ऐसा बनाया जाएगा, जिससे यहां से लोग आसानी से गुजर सकें. इसलिए पुल की चौड़ाई में तीन फीट का इजाफा किया जाएगा. ये जगह बढ़ने से गाड़ियों की आवाजाही आसान होगी, भीड़भाड़ कम होगी और यात्रियों की सुरक्षा में भी सुधार होगा.

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