Bengaluru building collapse: कर्नाटक के बेंगुलुरु में निर्माणाधीन इमारत ढहने की घटना पर राज्य के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने 22 अक्टूबर की देर रात घटनास्थल का जायजा लिया है. शिवकुमार ने दावा किया है कि इमारत के निर्माण की कोई अनुमति नहीं दी गई थी. इलाक़े में अवैध गतिविधियां चल रही थीं. मालिक, ठेकेदार और अन्य सभी के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी. इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत हो गई है.
बेंगलुरु हादसे के बाद बचाव कार्य जारी, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने किया दोषियों पर एक्शन लेने का दावा
Bengaluru building collapse Update: कर्नाटक के डिप्टी सीएम DK Shivakumar ने बताया कि निर्माण अवैध था. उन्होंने मालिक, ठेकेदार और अन्य सभी ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की बात कही है.

दरअसल, बेंगलुरु के पूर्वी हिस्से में कम्मनहल्ली के बाबूसाबपाल्या इलाक़े में एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई. इस हादसे में अरमान, त्रिपाल, मोहम्मद साहिल और सत्यराजू की मौत हो गई है. एक व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है. शुरुआत में तीन लोगों की मौत और कई लोगों के दबे होने की ख़बर आई. फिर उपमुख्यमंत्री ने इस पर अपडेट दिया कि 3 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. 21 लोग मलबे में फंसे हुए हैं. 14 लोगों को बचाया गया. इनमें से 7 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अन्य की तलाश जारी है. कन्नड भाषा में किए गए अपने X पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पहले बचाव कार्य पूरा किया जाएगा, फिर उचित समाधान निकाला जाएगा.
शिवकुमार ने कहा कि NDRF, SDRF, बचाव दल, फ़ायर ब्रिगेड, पुलिस ने अच्छा काम किया है. मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने कहा,
प्रथम दृष्ट्या पता चला है कि बिल्डिंग का ऑनर बिना अप्रूवल के भवन का निर्माण करा रहा है. 60/40 की ज़मीन पर इस तरह अवैध तरीके से बिल्डिंग बनाना बड़ा अपराध है. मैंने बेंगलुरु में बिना अनुमति के अवैध रूप से बनी इमारतों के मालिकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का आदेश दिया है. ये घटना हमारे लिए एक सबक है. भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए इमारतों की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया जाएगा.
शिवकुमार ने निर्माणाधीन इमारतों की निगरानी के लिए एक टीम तैनात करने की बात कही है. अहमद नाम के व्यक्ति के पास साइट पर टाइल लगाने का ठेका था. इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, उन्होंने बताया कि जब इमारत गिरी तो वहां टाइल लगाने वाले, कंक्रीट लगाने वाले और प्लंबर समेत लगभग 20 मजदूर मौजूद थे. अहमद ने आरोप लगाया कि बेसमेंट कमजोर था, इसी कारण इमारत ढह गई.
बता दें, बेंगलुरू में लगातार बारिश हो रही है. इससे शहर के कई हिस्सों, ख़ासकर उत्तरी बेंगलुरू में जलभराव, गड्ढे और यातायात प्रभावित हो रहे हैं. पहले बताया गया कि घटना बारिश के कारण ही हुई. लेकिन अब अधिकारियों ने सारे एंगल्स पर जांच करने की बात कही है.
वीडियो: कुल्लू में 26 सेकंड में 7 बड़ी इमारतें ढही, लोगों की जान कैसे बची?