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ममता सरकार ने जगन्नाथ मंदिर का ऐड छपवाया, लोग सेक्स टॉय की दुकान का पता देख भड़क गए

ये ऐड बंगाली और अंग्रेजी भाषा के कई अखबारों में प्रकाशित करवाया था. अब इसमें मंदिर के आसपास की जगहें जब देखी गईं, तो एक जगह का नाम पढ़कर लोगों के कान खड़े हो गए. इस जगह पर सेक्स टॉय की तरह इस्तेमाल होने वाले ‘फीमेल वाइब्रेटर्स’ का जिक्र था और ये भी बताया गया था कि ये कहा मिल रहे हैं.

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पश्चिम बंगाल सरकार ने ये ऐड बंगाली और अंग्रेजी भाषा के कई समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया था. (फोटो- X)

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने दीघा में भव्य जगन्नाथ धाम मंदिर का उद्घाटन किया. लेकिन इसकी चर्चा धार्मिक भावना से ज्यादा एक लोटपोट कर देने वाली गड़बड़ी की वजह से हो रही है. दरअसल, मंदिर के प्रचार के लिए ममता सरकार ने 30 अप्रैल को अखबारों में एक डबल-पेज ऐड छपवाया. इसमें एक नक्शा भी शामिल था, जिसमें मंदिर के आसपास की जगहें दिखाई गई थीं. लेकिन इस नक्शे में एक जगह का नाम पढ़कर सबके होश उड़ गए. नक्शे में इस जगह पर लिखा था ‘Female Vibrators in Digha’! इसके बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर सवाल पूछे जाने लगे.

पश्चिम बंगाल सरकार ने ये ऐड बंगाली और अंग्रेजी भाषा के कई अखबारों में प्रकाशित करवाया था. अब इसमें मंदिर के आसपास की जगहें जब देखी गईं, तो एक जगह का नाम पढ़कर लोगों के कान खड़े हो गए. इस जगह पर सेक्स टॉय की तरह इस्तेमाल होने वाले ‘फीमेल वाइब्रेटर्स’ का जिक्र था और ये भी बताया गया था कि ये कहा मिल रहे हैं. नक्शे के मुताबिक दीघा नाम के इलाके में फीमेल वाइब्रेटर्स मिलते हैं. नक्शे में ये जगह अमरावती पार्क और जगन्नाथ घाट के बीच में पिन की गई थी.

बीजेपी ने उठाए सवाल

सोशल मीडिया पर लोगों ने इस जगह के Google Maps के स्क्रीनशॉट शेयर किए. शायद सरकार ने ऐड में नक्शा डालने के लिए जल्दबाजी में बिना चेक किए स्क्रीनशॉट इस्तेमाल कर लिया था. बीजेपी ने मौके का फायदा उठाते हुए इसे 'हिंदू भावनाओं का अपमान' करार दिया. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने X पर कहा कि ये जानबूझकर किया गया अपमान है. उन्होंने लिखा,

“ये बेहद शर्मनाक है कि दीघा में जगन्नाथ सांस्कृतिक परिसर के उद्घाटन के लिए ममता बनर्जी सरकार के विज्ञापनों में अनुचित सामग्री को बढ़ावा दिया गया. ये हिंदू भावनाओं का जानबूझकर अपमान है और भगवान जगन्नाथ के भक्तों के प्रति घोर अनादर है. इस तरह की हरकतें वास्तविक भक्ति की कमी को दर्शाती हैं, और निंदनीय राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं.”

उधर, ममता सरकार की इसको लेकर किरकिरी हो रही है, क्योंकि ये मंदिर उनके हिंदू वोटरों को लुभाने की कोशिश का हिस्सा माना जा रहा था. 250 करोड़ रुपये की लागत से बना ये मंदिर, पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर है. 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन ममता ने इसका भव्य उद्घाटन किया, जिसमें पुरी के 57 सेवकों और इस्कॉन के 17 साधुओं ने हिस्सा लिया था.

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