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बरेली में पुल से गिरकर हुई मौतों के मामले में PWD के चार इंजीनियरों पर मुकदमा दर्ज, गूगल मैप अधिकारी भी जांच के दायरे में

Bareilly के रामगंगा नदी पुल पर हुए हादसे के मामले में Badaun police ने पुलिस ने PWD के चार इंजीनियरों के खिलाफ FIR दर्ज किया गया है. वहीं गूगल मैप्स के एक अज्ञात अधिकारी को भी जांच के दायरे में लाया गया है.

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बरेली के रामगंगा नदी पर बने पुल से गिरकर तीन लोगों की मौत हो गई थी. (PTI)

बरेली में 24 नवंबर को रामगंगा नदी पर अधूरे बने पुल ((Bareilly incomplete bridge) से नदी में गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई थी. बदायूं पुलिस ने इस पर एक्शन लेते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) के चार इंजीनियरों के खिलाफ FIR दर्ज की है. पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना बरेली-बदायूं बॉर्डर पर हुई. जब मृतक हरियाणा के गुरुग्राम से एक समारोह में भाग लेने बरेली जा रहे थे. वे लोकेशन के लिए गूगल मैप्स का इस्तेमाल कर रहे थे. इसलिए गूगल मैप्स के क्षेत्रीय अधिकारी को भी जांच के दायरे में लाया गया है. लेकिन उनका नाम अभी तक FIR में शामिल नहीं किया गया है.

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पुलिस ने मृतकों की पहचान अमित सिंह, उनके दोस्त विवेक चौहान और उनके भाई नितिन के रूप में की है. ये तीनों उत्तर प्रदेश से हैं. और गुरुग्राम में रहते थे. बदायूं की जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने बताया कि PWD के दो सहायक इंजीनियर, दो जूनियर इंजीनियर्स और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ BNS की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत FIR दर्ज की गई है. नामजद आरोपियों में जूनियर इंजीनियर मोहम्मद आरिफ, अभिषेक कुमार, सहायक इंजीनियर अजय गंगवार और महाराज सिंह शामिल हैं.

निधि श्रीवास्तव ने आगे बताया, 

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लोक निर्माण विभाग, और सेतु निगम को सभी सड़क, पुलों, फ्लाईओवर और अंडरपासों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं इस मामले में गूगल से भी प्रतिक्रिया आई है. गूगल के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि पीड़ित परिवारों के साथ हमारी गहरी संवेदनाएं हैं. हम अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. और मामले की जांच में अपना सहयोग दे रहे हैं.

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इससे पहले 24 नवंबर को फरीदपुर के सर्किल अधिकारी आशुतोष शिवम के मुताबिक बाढ़ में पुल का एक हिस्सा नष्ट हो गया था. उन्होंने बताया कि इस साल की शुरुआत में बाढ़ के कारण पुल का अगला हिस्सा नदी में गिर गया था. लेकिन इस बदलाव को सिस्टम में अपडेट नहीं किया गया था. और जब यह घटना हुई तब पुल पर कोई सुरक्षा अवरोध या चेतावनी संकेत नहीं लगा हुआ था. 

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