झारखंड के गढ़वा जिले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 200 मवेशियों को जब्त किया. जगह की कमी के चलते दो दिन तक इन गायों को पुलिस स्टेशन में ही रखना पड़ा. जिससे पूरा थाना गौशाला में बदल गया. बाद में मवेशियों को लगभग 55 किलोमीटर दूर स्थित गौशाला में शिफ्ट किया. इस मामले पर बजरंग दल का कार्यकर्ताओं ने तस्करी का आरोप लगाया है. वहीं SP ने इससे इनकार किया है.
झारखंड में थाने में क्यों बांधी गई 200 गाए? बजरंग दल वालों ने चारा-पानी किया
दो दिन तक इन गायों को पुलिस स्टेशन में ही रखना पड़ा. पूरा थाना गौशाला में बदल गया.
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मामला शुक्रवार, 5 सितंबर का है. बजरंग दल के जिला प्रमुख सोनू सिंह ने दावा किया कि उन्होंने पुलिस को पशु तस्करी की सूचना दी थी. इसके बाद गुरुवार सुबह कार्रवाई की गई और सभी गायों को जब्त किया गया. उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से गायों की तस्करी छोटे-छोटे समूहों में. पैदल और ट्रकों के जरिए की जा रही थी. उन्होंने बताया कि लगभग 250 जानवरों को बचाया गया. तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए. लेकिन तीन लोगों को पकड़ा गया.
हालांकि गढ़वा के एसपी अमन कुमार ने इस दावे से इनकार किया. उन्होंने कहा,
"कोई सबूत नहीं है कि मवेशियों को वध के लिए ले जाया जा रहा था. न ही किसी को गिरफ्तार किया गया है. हमें शिकायत मिली थी, उसी आधार पर कार्रवाई हुई. जांच जारी है."
एसपी ने बताया कि इलाके में हर हफ्ते पशु बाजार लगता है. जहां व्यापारी आसपास के इलाकों और यूपी की सीमा से मवेशी लेकर आते हैं. उन्होंने कहा कि मवेशियों की खरीद-बिक्री पर कोई कानूनी रोक नहीं है, जब तक यह साबित न हो कि जानवरों की हत्या करने के लिए लाए जा रहे हों.
बजरंग दल का कहना है कि मवेशियों को अमानवीय तरीके से ले जाया जा रहा था. सोनू सिंह के बताया कि जिन ट्रकों में 12 जानवर आ सकते थे. उनमें 17-20 तक ठूंस दिए गए. कई जानवर घायल थे और खड़े भी नहीं हो पा रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि इस रैकेट के पीछे बड़े लोगों का हाथ है. FIR दर्ज करने या मवेशियों को छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. सोनू सिंह ने कहा कि संगठन इस मामले को हाईकोर्ट तक ले जाएगा. CBI जांच की मांग करेगा.
पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती जानवरों को सुरक्षित रखने और उनके लिए तुरंत व्यवस्था करने की होती है. इस बार थाने को ही अस्थायी गौशाला बना दिया गया. वहां बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चारे-पानी की व्यवस्था की.
वीडियो: राजस्थान की गौशाला में 100 गायों की मौत का कारण क्या है?