The Lallantop

NEET PG: '60 नंबर कम, सही आंसर की नहीं आई, सीटें बेंची जा रही...', इन सवालों के जवाब कब मिलेंगे?

NEET PG 2025 के कई अभ्यर्थियों ने NBEMS पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाए कि जितने सवाल उन्होंने हल किए, उससे कम रिजल्ट में दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर कम अंक मिलने की शिकायत हो रही है.

Advertisement
post-main-image
NEET PG के अभ्यर्थी सही सवालों के साथ Anwer Key की मांग कर रहे हैं. (PTI)

नेशनल बॉर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस (NBEMS) ऑल इंडिया 50 फीसदी कोटा के तहत NEET PG 2025 के लिए स्कोरकार्ड जारी करने के लिए पूरी तरह तैयार है. लेकिन ‘नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंटरेंस टेस्ट - पोस्ट ग्रेजुएट’ यानी NEET PG की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी नाराज चल रहे हैं. कई अभ्यर्थियों का आरोप है कि उन्हें उम्मीद से बेहद कम मार्क्स मिले हैं.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

NEET PG अभ्यर्थी इस बात से नाराज हैं कि NBEMS उन्हें सही ढंग से ये नहीं बता रहा कि उन्होंने कौन से सवाल का क्या जवाब दिया था. अब ये पता कैसे चलेगा? जाहिर तौर पर, आंसर की (Answer Key). अब ऐसा नहीं है कि NBEMS ने आंसर की जारी नहीं की. लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि जो आंसर की NBEMS ने दी है, उसका कोई मतलब नहीं है.

NEET PG 2025 की परीक्षा देने वालीं डॉ. अदिति जैन ने दी लल्लनटॉप को बताया कि आंसर की में क्वेश्चन पेपर के सवाल नहीं दिए गए हैं, ताकि यह पता चल सके कि उन्होंने कौन से सवाल के जवाब में कौन सा ऑप्शन चुना था. डॉ. जैन ने बताया कि NBEMS ने आंसर की में सवाल की ID दी है, जिससे यह याद करना बहुत मुश्किल है कि हमसे क्वेश्चन पेपर में कौन सा सवाल पूछा गया था.

Advertisement

डॉ. अदिति जैन ने दी लल्लनटॉप के साथ बातचीत में कहा,

“NEET UG में NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) बच्चों को उनकी पूरी OMR शीट की स्कैन्ड कॉपी दिखाती है. तो NEET UG के बच्चों को आसानी से पता चल जाता है कि उन्होंने कौन से सवाल के जवाब में कौन सा ऑप्शन सेलेक्ट किया था. यहां पूरी तरह ट्रांसपेरेंसी है. लेकिन NBEMS ने NEET PG में ऐसा कुछ नहीं किया. हमें NEET PG की आंसर की में सवालों का ही पता नहीं चलता, तो हम कैसे जानेंगे कि हमने एग्जाम में क्या किया है. NEET UG की OMR शीट दिखा सकते हैं, तो हमारी क्यों नहीं दिखाते?”

डॉ. जैन आगे बताती हैं,

Advertisement

“NEET UG में करीब 25 लाख बच्चे एग्जाम देते हैं. उनका रिजल्ट प्रोसेस बिल्कुल ट्रांसपेरेंट है. लेकिन NEET PG में मात्र 2 लाख के करीब एस्पिरेंट्स एग्जाम देते हैं, लेकिन NBEMS हमें ढंग से आंसर की नहीं दे पाता, जबकि NBEMS के लिए यह बहुत आसान है. क्योंकि NEET 2025 का एग्जाम कंप्यूटर पर ऑनलाइन हुआ. केवल कुछ बटन दबाइए और पूरा रिजल्ट आपको मिल जाएगा. लेकिन NEET 2025 के रिजल्ट में कोई ट्रांसपेरेंसी नहीं है.”

डॉ. अदिति जैन समेत कई NEET 2025 अभ्यर्थियों की मांग है कि NBEMS को सही आंसर की जारी करनी चाहिए, जिसमें सवाल और जवाब में सेलेक्ट किए ऑप्शन की पूरी जानकारी हो. कई अभ्यर्थियों का आरोप है कि जितने सवाल उन्होंने हल किए, उससे कम रिजल्ट में दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर कम अंक मिलने की शिकायत हो रही है.

प्रतीक कुमार (@dragster_47) नामक यूजर ने लिखा,

“NBE सीटें बेच रहा है... उन्होंने छात्रों को बर्बाद कर दिया है... उन्होंने सही आंसर की नहीं दी है... हजारों छात्रों के अंकों में गड़बड़ी है... यह कैसे मुमकिन हो सकता है... कृपया हमारी मदद करें.”

NEET PG 2025
सोशल मीडिया पर शिकायत. (Instagram)

डॉ. नम्रता राजेनिम्बालकर ने कॉमेंट किया,

"60 अंकों का अंतर सर. 1 या 2 अंकों का अंतर भी बहुत फर्क डालता है.. 60 अंक कोई मजाक नहीं है... मेरे सारे सपने टूट गए. कृपया हमारी मदद करें."

The Lallantop: Image Not Available
सोशल मीडिया पर शिकायत. (Instagram)

इमरान अब्दुल लिखते हैं,

"अंकों में 35 अंकों की गड़बड़ी... कोई आंसर की नहीं...195 सवालों को अटेम्पट किया लेकिन स्कोर कार्ड में 194 सवाल दिखाए गए.... कृपया हमें सिर्फ आंसर की चाहिए."

NEET PG 2025
सोशल मीडिया पर शिकायत. (Instagram)

इस मामले में ये लोग सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे थे. इस पर अक्टूबर में सुनवाई होनी थी, लेकिन जल्द सुनवाई की अपील पर बेंच ने 4 सितंबर को ही मामला सुना. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकार्ताओं का दावा है कि NBEMS ने NEET PG 2025 का रिजल्ट जारी करने में पूरी पारदर्शिता नहीं बरती है.

याचिकार्ता NEET 2025 के सवालों और आंसर की का पूरा खुलासा करने की मांग कर रहे हैं, ताकि पूरी पारदर्शिता बनी रहे. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ने याचिका के पीछे की मंशा पर सवाल उठाने के बाद मामले की सुनवाई अगले हफ्ते के लिए स्थगित कर दी.

याचिकार्ताओं का दावा है कि NBEMS ने शुरुआत में सवालों के साथ आंसर की देने का वादा किया था, लेकिन बाद में मुकर गया. NBEMS ने बाद में एक 'करेक्टिव नोटिस' जारी कर केवल सवालों की ID का खुलासा करने की बात कही.

सुप्रीम कोर्ट बेंच ने याचिकाकर्ताओं से पूछा,

“आपको क्यों लगता है कि इसमें पारदर्शिता नहीं है? क्या इसकी वजह यह है कि आपको कम अंक मिले हैं?”

यह देखते हुए कि अभ्यर्थी अक्सर प्रक्रिया को चुनौती देने के लिए अनुच्छेद 32 का हवाला देते हैं, कोर्ट ने टिप्पणी की कि ऐसी दलीलें कभी-कभी व्यवस्था को बेहतर बनाने के बजाय उसका शोषण करती हैं.

वहीं, अभ्यर्थियों का कहना था कि केवल क्वेश्चन आईडी देने से वेरिफिकेशन नामुमकिन हो जाता है, क्योंकि संबंधित सवालों के बिना असल जवाबों की जांच नहीं की जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादियों को कागजी कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए. शीर्ष अदालत ने पारदर्शिता पर चल रहे मामले के बीच NEET PG काउंसलिंग रोकने की याचिका खारिज कर दी.

हमने NBEMS और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से संपर्क करके उनका पक्ष जानने की कोशिश की है. उनका जवाब आने पर खबर में जोड़ा जाएगा.

वीडियो: ट्रंप से टैरिफ विवाद के बीच, यूरोपीय संघ से बड़ी डील की तैयारी में PM मोदी?

Advertisement