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बांग्लादेश में 2 हिंदू मंदिरों पर हमला, BNP-जमात के कार्यकर्ताओं ने हिंदू बहुल इलाके में मचाया उत्पात

Chittagong के राधा गोविंदा और शांतनेश्वरी माता मंदिर पर हमले के अलावा इलाके में रहने वाले सनातनी समुदाय पर भी अटैक किया गया है. आरोप ये भी है कि इस दौरान पुलिस और सेना के जवान खड़े-खड़े सब देखते रहे, लेकिन किसी की कोई मदद नहीं की.

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चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन इलाके की घटना है | फोटो: आजतक

बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदू मंदिरों पर फिर हमला हुआ है. ये हमला शुक्रवार, 29 नवंबर को चटगांव (Chittagong) में हुआ है. बताया जाता है कि जुमे की नमाज के बाद कुछ लोगों ने चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन के पास स्थित राधा गोविंदा और शांतनेश्वरी माता मंदिर पर हमला कर दिया. आरोप है कि ये हमलावर जमात और बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) से जुड़े हुए हैं.

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इंडिया टुडे से जुड़े आशुतोष मिश्रा की एक रिपोर्ट के मुताबिक राधा गोविंदा और शांतनेश्वरी माता मंदिर पर हमले के अलावा इलाके में रहने वाले सनातनी समुदाय पर भी अटैक किया गया है. आरोप ये भी है कि इस दौरान पुलिस और सेना के जवान खड़े-खड़े सब देखते रहे, लेकिन उन्होंने किसी की कोई मदद नहीं की.

रिपोर्ट के मुताबिक चटगांव कोतवाली पुलिस स्टेशन इलाका हिंदू बहुल है, यहां की 90 फीसदी आबादी हिंदू समुदाय से आती है. लेकिन इस हमले के बाद यहां के हिंदू काफी डरे हुए हैं और अब पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. ये लोग सुरक्षित ठिकानों पर जा रहे हैं. एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ लोग घरों के दरवाजे तोड़कर अंदर घुसकर मारपीट करते नजर आ रहे हैं. लोग डंडों से और ईंट पत्थर से कुछ लोगों की पिटाई करते भी दिख रहे हैं. वीडियो चटगांव कोतवाली पुलिस स्टेशन इलाके का ही बताया जा रहा है. 

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वहीं, इस हमले का शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने विरोध किया है. आवामी लीग ने सवाल उठाते हुए लिखा, "आवामी लीग चटगांव में हिंदू समुदाय पर हुए हमले की कड़ी निंदा और विरोध करती है. क्या बांग्लादेश में कोई हिंदू अब नहीं रहेगा?"

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद से देश के अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया जा रहा है. माहौल ऐसा हो गया है कि बांग्लादेश सरकार ने 27 नंवबर को इस्कॉन पर बैन लगाने के लिए एक रिट याचिका दायर कर दी. सरकार ने ISKCON को एक 'धार्मिक कट्टरपंथी संगठन' करार दिया. सरकार का कहना था कि ISKCON की वजह से हिंसा हुई है.

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इससे पहले 25 नवंबर को ढाका हवाई अड्डे से इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी हुई थी. चिन्मय दास पर अक्टूबर में एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का कथित रूप से अपमान करने के लिए राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया. बांग्लादेश की अदालत ने उन्हें अरेस्ट के अगले दिन जेल भेज दिया.

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इसके बाद चिन्मय दास के समर्थक सड़कों पर उतर आए और उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान उन पर BNP और जमात के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया, करीब 50 प्रदर्शनकारी घायल हो गए. हिंसा में एक मुस्लिम वकील की मौत भी हो गई. 

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