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UP में सरकारी जमीन पर 'कब्जे' पर चला बुलडोजर, BJP कार्यकर्ता का मकान गिरा, विधायक भड़क गए

बीजेपी विधायक प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि उन्हें DM और SDM से बात की थी, दोनों ने आश्वासन दिया था कि घर नहीं गिराए जाएंगे. लेकिन घर गिरा दिए गए.

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कार्रवाई सहकारी समिति के परिसर में की गई, जहां करीब 25 वर्षों से कई परिवार अवैध रूप से मकान बनाकर रह रहे थे. (फोटो- आजतक)

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बबेरू कोतवाली क्षेत्र में सहकारी समिति की करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की. प्रशासन ने भारी पुलिस बल और बुलडोजरों की मदद से कई मकानों को ध्वस्त कर जमीन को कब्जामुक्त कराया (Banda bulldozer action). ये कार्रवाई सहकारी समिति के परिसर में की गई, जहां करीब 25 वर्षों से कई परिवार अवैध रूप से मकान बनाकर रह रहे थे.

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आजतक से जुड़े सिद्धार्थ गुप्ता की रिपोर्ट के मुताबिक मामला बबेरू कोतवाली क्षेत्र के सहकारी समिति का है. जहां करीब 25 सालों से कई परिवार रह रहे थे. इनका मामला कोर्ट में भी चल रहा था. प्रशासन के अनुसार, इन परिवारों को पहले नोटिस जारी कर जमीन खाली करने का आदेश दिया गया था. लेकिन उन्होंने इसका पालन नहीं किया. जिसके बाद इसके बाद SDM रजत वर्मा के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की एक टीम ने मकानों को गिराने की कार्रवाई शुरू की.

वहीं, इलाके में रह रहे लोगों का आरोप है कि जिला प्रशासन के अफसरों ने किसी नेता के इशारे पर ये कार्रवाई की है. लोगों का कहना है कि बिना नोटिस दिए उनके मकान अचानक गिरा दिए गए. इलाके में रह रही एक महिला ने प्रशासन पर बिना नोटिस मकान गिराने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा,

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“पुलिस आई और हम लोगों को बाहर निकाल दिया. सारा सामान बिखरा पड़ा है. हमें अगर पहले से नोटिस दी जाती, तो हम अपना सामान खाली करते. कोई भी नोटिस नहीं आया है. हमसे कह रहे थे कि आधा दे दीजिए. हमने मना किया तो पूरा घर गिरा दिया. सभी महिलाओं को बाहर खड़ा कर दिया गया था.”  

बीजेपी विधायक ने लगाए आरोप

मामले को लेकर बांदा सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी का बयान भी सामने आया. उन्होंने कहा,

“हमारी पार्टी के एक कार्यकर्ता का कल मुझे फोन आया था. उसने बताया कि उसका घर गिराया जा रहा है. जिसके बाद हमने SDM और DM से बात की. उन्होंने कहा कि घर नहीं गिराया जा रहा है. रात में कार्यकर्ता ने वीडियो और फोटो दिखाए.”

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विधायक ने आगे बताया का इलाके के पीछे सहकारी समिति है. जिसके बगल में छह दुकाने हैं. इन दुकानों पर समिति के पूर्व अध्यक्ष सुनील पटेल का अवैध कब्जा है. विधायक ने बताया,

“जब सुनील समिति अध्यक्ष थे तो उन्होंने सारी दुकानें अपने चाचा, दादा, और भाई के नाम कर दीं. बगल में एक पांडे परिवार 60-70 साल से रह रहा था. पिछले साल जब परिवार ने कुछ कंस्ट्रक्शन कराने पर विचार किया तो सुनील पटेल ने उनसे दो दुकानें देने की बात कही. लेकिन पांडे परिवार ने मना कर दिया. उसके बाद सुनील पटेल ने अपनी पावर का प्रयोग किया.”

विधायक प्रकाश द्विवेदी ने SDM पर सुनील पटेल के मिशन को पूरा करने का आरोप भी लगाया है. उन्होंने कहा कि SDM एजेंट बनकर काम कर रहे हैं. जो भी इसका दोषी होगा सभी पर कार्रवाई होगी.

प्रशासन ने क्या कहा?

उधर प्रशासन का कहना है कि ये परिवार कई वर्षों से सरकारी जमीन पर कब्जा करके रह रहे थे और हर साल नए निर्माण कर रहे थे. जांच में कब्जे की पुष्टि होने के बाद ये कार्रवाई की गई. अपर सहकारी समिति अधिकारी अरुण कुमार ने बताया,

“इन लोगों ने समिति की जमीन पर अवैध मकान बनाए थे, जिन्हें हटाने के लिए कई बार चेतावनी दी गई. लेकिन कोई असर नहीं हुआ.”

अरुण कुमार ने बताया कि आखिर में प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में बुलडोजर से मकानों को ढहा दिया गया. जिससे करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन कब्जामुक्त हो गई है.

 

वीडियो: बांदा में पानी की किल्लत से परेशान लोगों ने प्रशासन को खूब सुनाया

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