जम्मू-कश्मीर के राजौरी के गांव बधाल को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. यहां 44 दिनों में 3 परिवारों के 17 लोगों की मौत के बाद बुधवार, 22 जनवरी को यह फैसला लिया गया. यहां अब भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है. बुधवार को तीन बहनों की तबीयत बिगड़ गई. इन बहनों की उम्र 16 से 22 साल के बीच है और इन्हें राजौरी के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती किया गया. इससे पहले मंगलवार को 25 साल के युवक एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी थी, उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया था. हालांकि अब इस मामले पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान आया है. उन्होंने मौत की अलग वजह बताई है.
जम्मू-कश्मीर के बधाल में 17 लोगों की मौत, केंद्रीय मंत्री ने बीमारी से किया इनकार, अब बताई ये वजह
Badal deaths Rajouri Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के राजौरी के गांव बधाल में 44 दिनों में 17 लोगों की मौत हुई है. अभी तक इसके पीछे किसी अज्ञात बीमारी को वजह बताया जा रहा था, लेकिन अब केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसके पीछे की वजह कुछ और ही बताई है.

इंडिया टुडे से जुड़े सुनील जी भट्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक माना जा रहा था कि इतने लोगों की जान जाने की वजह कोई रहस्यमयी बीमारी है. लेकिन अब केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसकी वजह जहरीला पदार्थ बताया है. गुरुवार, 23 जनवरी को उन्होंने कहा,
'जम्मू-कश्मीर के राजौरी में पिछले एक महीने में 17 लोगों की जान जाने की वजह रहस्यमयी बीमारी नहीं है. इसके पीछे किसी संक्रामक रोगाणु के होने की संभावना खारिज हो चुकी है. प्रारंभिक जांच में अज्ञात विषाक्त पदार्थों के कारण बीमारी के होने की संभावना जताई गई है. शुरुआती जांच में जहरीला पदार्थ होने की बात सामने आई है.'
जितेंद्र सिंह ने बताया कि लखनऊ की सीएसआईआर लैब की प्रारंभिक जांच के मुताबिक यह बीमारी कोई संक्रमण, वायरल या बैक्टीरियल प्रकृति की नहीं है. जहरीला पदार्थ पाया गया है. अब यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि यह किस तरह का जहरीला पदार्थ है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मामले की सभी एंगल से जांच की जा रही है. अगर कोई साजिश पाई जाती है तो उचित कार्रवाई भी की जाएगी.
बता दें कि बधाल गांव में 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में ये मौतें हुई हैं. मृतक परिवारों के करीबी रिश्तेदार और चार दूसरे ग्रामीण गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. मरीजों में बुखार, दर्द, मतली, अत्यधिक पसीना आना और बेहोशी जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं, जिसके कारण अक्सर अस्पताल में भर्ती होने के कुछ दिनों के अंदर ही उनकी मौत हो जाती है.
मंगलवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गांव में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. इसके बाद प्रशासन ने गांव को कंटेनमेंट जोन बनाने का फैसला लिया. उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. उमर ने मोहम्मद असलम से मुलाकात की. उन्होंने परिवार के 8 सदस्यों को खोया है.
इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह कोई बीमारी नहीं है, इसलिए पुलिस इसकी जांच कर रही है. SIT गठित की गई है. केंद्र सरकार ने भी एक टीम तैनात की है. वो भी जांच कर रही है.
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