पूर्व आईएएस अधिकारी अशोक खेमका (Ashok Khemka). 34 साल का करियर. 57 तबादले. खेमका अपने ट्रांसफर के अलावा कई और कारणों से भी चर्चा में रहे. इन्हीं में से एक है, 2007-08 की ‘रॉबर्ट वाड्रा डीएलएफ लैंड डील’. 1991 बैच के इस अधिकारी ने 2012 में इस डील के म्यूटेशन पर रोक लगा दी थी. म्यूटेशन एक प्रक्रिया है जिसके तहत जमीन के मालिकाना हक को ट्रांसफर किया जाता है.
वाड्रा केस का खुलासा करने वाले IAS अशोक खेमका की भाजपा नेताओं से मुलाकात हुई थी?
पूर्व IAS अधिकारी Ashok Khemka के जीवन पर लिखी गई एक किताब में दावा किया गया है कि Robert Vadra Case के बाद, भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी. खेमका से इस दावे की सच्चाई के बारे में पूछा गया.

केंद्र में तब कांग्रेस की सरकार थी. खेमका के इस फैसले के बाद ऐसी खबरें आईं कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेताओं ने उनसे संपर्क किया था. खेमका ‘दी लल्लनटॉप’ के खास कार्यक्रम 'बैठकी' में पहुंचे थे. इस दौरान उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया,
रॉबर्ड वाड्रा केस के बाद कुछ भाजपा नेताओं ने आपसे मुलाकात की थी?
खेमका ने जवाब दिया,
अशोक खेमका की ऑटोबायोग्राफी में क्या लिखा है?इस प्रश्न को रहस्य ही रहने दे तो ज्यादा बेहतर है.
दरअसल इस घटना का जिक्र खेमका के जीवन के ऊपर लिखी गई एक किताब में मिलता है. भवदीप कांग और नमिता काला ने ‘द अनटोल्ड स्टोरी’ में लिखा है,
भाजपा ने वाड्रा केस में कांग्रेस की फर्स्ट फैमिली को शर्मिंदगी में डालने का एक राजनीतिक मौका देखा. इसके लिए भाजपा नेता अशोक खेमका से मिलने पहुंचे.
खबर थी कि खेमका को दो बार दिल्ली के गुजरात भवन में चाय और ढोकले पर बुलाया गया. कहा जाता है कि सुषमा स्वराज और अरुण जेटली से उनकी मुलाकात हुई और उस समय के प्रधानमंत्री पद के उम्मदीवार नरेंद्र मोदी से उनकी फोन पर बात हुई.
खेमका जब किताब का ये हिस्सा बताया गया तो उन्होंने मुलाकात या बातचीत से इनकार नहीं किया. लेकिन उन्होंने कहा,
'कार्रवाई के बाद जिंदा रहने की कोशिश'इसको रहने देते हैं. कुछ चीजें भूत के गर्भ में ही रहें तो अच्छा है.
हालांकि, बाद में खेमका ने इस सवाल का अलग तरीके से जवाब दिया. उन्होंने कहा,
मैं इसका एक अलग जवाब देता हूं. जब आप कार्रवाई करते हैं, अपना दायित्व निभाते हैं तो आप मरना भी नहीं चाहते, जिंदा रहने के लिए आप कई तरीके अपनाते हैं. आप जिंदा रहेंगे तो अगले दिन की लड़ाई लड़ेंगे. मर जाएंगे तो अटकलें लगेंगी.
30 अप्रैल, 2025 को रिटायर हुए खेमका वाड्रा केस को लेकर कई बार सरकार की मंशा पर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा है कि इस केस में जितनी तेजी से कार्रवाई होनी चाहिए, वो नहीं हो रही.
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अशोक खेमका राजनीति में आएंगे क्या?खेमका से ये भी पूछा गया कि क्या वो राजनीति में आएंगे. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल उनकी ऐसी कोई योजना नहीं है लेकिन भविष्य के बारे में वो कुछ नहीं कह सकते.
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