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'OP सिंदूर सिर्फ 88 घंटे का ट्रेलर था...', पाकिस्तान को चेतावनी देते आर्मी चीफ और क्या बोले

General Upendra Dwivedi ने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है. लेकिन पाकिस्तान को समझना होगा कि आतंकवाद का उपयोग भारत को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जा सकता. जो हमारे काम में रोड़ा अटकाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई जरूरी होगी.

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आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है (PHOTO- India Today/PTI)

भारतीय सेना के चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी (General Upendra Dwivedi) ने कहा कि पाकिस्तान आज भी सीमा पार आतंकवाद और ‘स्टेट स्पॉन्सर्ड’ आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते. देश एक लंबी लड़ाई के लिए तैयार है. चाणक्य डिफेंस डायलॉग (Chanakya Defence Dialogue) में फायरसाइड चैट के दौरान आर्मी चीफ ने ये बातें कही हैं. ऑपरेशन सिंदूर को लेकर उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ये तो ट्रेलर था. मूवी अभी शुरू ही नहीं हुई है. उन्होंने कहा,

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ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मैं ये कहूंगा कि अभी तो मूवी शुरू भी नहीं हुई थी. ये बस एक ट्रेलर था जो 88 घंटे चला. आने वाले हालात कैसे होंगे, इसके बारे में हम पूरी तैयारी कर के बैठे हुए हैं. अगर पाकिस्तान हमें मौका देगा तो हम उसे दिखा देंगे कि जिम्मेदार पड़ोसी कैसा बर्ताव करते हैं.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर 7 मई 2025 को सैन्य कार्रवाई की थी. इसे ऑपरेशन सिंदूर कहा गया था. इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों में सैन्य संघर्ष शुरू हो गया था, जो 10 मई को पाकिस्तान की ओर से सीजफायर की अपील के साथ खत्म हुआ. 

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चीन से संबंध सुधर रहे हैं 

चीन से भारत के संबंधों को लेकर जनरल द्विवेदी ने कहा कि इस दिशा में बीते एक साल में बहुत ज्यादा बदलाव आया है. हमारे रिश्ते सुधरे हैं. इसकी वजह है कि दोनों देशों के लीडर्स के बीच बातचीत हुई. दोनों का यही सोचना है कि LAC पर हालात जितने सामान्य होंगे, दोनों देशों को उतना ही फायदा होगा. पिछले साल अक्टूबर में, फिर कजान और उसके बाद SCO समिट में हुई बातचीत से हालात काफी सामान्य हुए हैं.

आर्मी चीफ ने कहा कि पिछले एक साल में हमने चीन के साथ जमीन पर 1100 बार बातचीत की है. दोनों तरफ से फ्लेक्सिबिलिटी दिखी है. अगर वे कहीं निर्माण करते हैं तो पहले बता देते हैं. निर्माण के बाद भी अगर हम कोई आपत्ति उठाते हैं, तो वे उसे हटा देते हैं. कई जगहों पर डिसएंगेजमेंट पूरा हो चुका है. एक नया तंत्र बनाया गया है, WMCC. इसमें MEA के जॉइंट सेक्रेटरी और सेना के अफसर शामिल हैं. यह तंत्र सीमा विवाद के समाधान में मदद करेगा.

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उन्होंने कहा कि डिटरेंस (निवारण क्षमता) तभी काम करती है जब राजनीतिक इच्छा, सैन्य शक्ति पर भरोसा और जरूरी क्षमता तीनों हो. अभी हमारे पास ये तीनों है. 

मणिपुर में हालात सुधर रहे

आर्मी चीफ ने मणिपुर की स्थिति पर भी बात की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन लगने के बाद मणिपुर के हालात में बड़ा सुधार दिखा है. लोगों का सरकार पर भरोसा बढ़ा है. समुदायों के बीच आपसी विश्वास मजबूत हुआ है. आर्मी चीफ ने डूरंड कप टूर्नामेंट का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान अभूतपूर्व भीड़ देखने को मिली. सितंबर में पीएम मोदी की यात्रा ने भी शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई. चीफ ने उम्मीद जताई कि अगर हालात ऐसे ही सुधरते रहे तो राष्ट्रपति जल्द ही राज्य का दौरा कर सकती हैं.

आर्मी चीफ ने चाणक्य डिफेंस डायलॉग के मंच से पाकिस्तान को भी संदेश दिया. उन्होंने कहा कि भारत शांति का पक्षधर है. लेकिन पाकिस्तान को समझना होगा कि आतंकवाद का उपयोग भारत को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जा सकता. जो हमारे काम में रोड़ा अटकाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई जरूरी होगी.

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