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अनिरुद्धाचार्य ने CJI गवई को कहा 'अधर्मी', हिरण्यकश्यप से तुलना कर बोले- 'छाती फड़वानी है तो बताओ...'

Aniruddhacharya CJI BR Gavai: अनिरुद्धाचार्य ने आरोप लगाया कि बड़े-बड़े जज होकर भी सनातन के विपरीत बात करते हैं. उन्होंने पूछा कि सनातन भारत में रहकर किसी मुसलमान के खिलाफ क्या कोई भी जज ऐसी बयानबाजी कर सकता था.

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अनिरुद्धाचार्य ने भगवान विष्णु की पूर्ति पर आए हालिया सुप्रीम कोर्ट फैसले पर बात की है. (फोटो- Youtube/Aniruddhacharya ji)

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने ‘भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनर्निर्माण मामले’ पर आए हालिया सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताई है. लेकिन फैसले की आलोचना में उन्होंने इशारों-इशारों में भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) बीआर गवई को ‘हिरण्यकश्यप’ (राक्षस) तक करार दिया. उन्होंने कहा- ‘अब तुम्हें अपनी छाती फड़वानी है, तो बताओ नरसिंह भगवान से.’

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रविवार, 21 सितंबर को अनिरुद्धाचार्य के प्रवचन का एक वीडियो उनके यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया. इसमें वो कह रहे हैं,

अभी हमारे भारत में एक मंदिर का केस लेकर के एक जज के पास एक व्यक्ति गया. कहा- ‘मुगलों ने हमारे इस मंदिर को तोड़ दिया है. ये विष्णु भगवान का मंदिर था और भगवान विष्णु की गर्दन तोड़ दी गई है. जज साहब, यहां हमारा मंदिर बनाना चाहिए. क्योंकि मंदिर के अवशेष हैं. केवल सिर काटा गया है. बाकी प्रमाण हैं कि ये मंदिर है. आप यहां मूर्ति प्रतिष्ठा करने की इजाजत दे दो.’ इस पर एक जज ने कहा- ‘हम क्यों निर्णय दें? तुम्हारे भगवान में इतनी ताकत है, तो तुम्हारे भगवान खुद कर लें.’

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कथावाचक ने आगे कहा,

तो उन जज साहब से जरा सवाल करना है. कहीं मिले तो पूछना कि सब काम भगवान ही करेंगे, तो तुम क्यों कुर्सी तोड़ रहे हो जज की. तुम्हें जज इसलिए बनाया गया है कि तुम न्याय करो, न्याय करना चाहिए. अब आप हिंदू सनातन संस्कृति का अपमान करते हुए क्या बोलते हैं, ‘तुम्हारे भगवान में शक्ति है, तो खुद बना लें मंदिर.’ वो तो सब कर सकते हैं. वो तो प्रकट होकर रावण को भी मार सकते हैं, हिरण्यकश्यप की छाती भी फाड़ सकते हैं. अब तुम्हें अपनी छाती फड़वानी है, तो बताओ नरसिंह भगवान से. क्योंकि तुम जैसे अधर्मियों को मारने के लिए भगवान आते हैं. भगवान को लग रहा है कि अभी भाई तुम लोग बैठे हो कुर्सी पर, तुम लोग ही करो हमें ना आना पड़े. इसलिए भगवान आ नहीं रहे हैं… न्याय की गद्दी पर बैठे हो, जज हो, तो वहां केवल रोटी तोड़ने गए हो कि न्याय करने गए हो… यदि सब भगवान करें, तो फिर छोड़ो तुम अपनी कुर्सी काहे बैठे हो न्यायाधीश बनकर.

अनिरुद्धाचार्य ने आरोप लगाया कि ये (बड़े-बड़े जज) होकर भी सनातन के विपरीत बात करते हैं. उन्होंने पूछा कि सनातन भारत में रहकर किसी मुसलमान के खिलाफ क्या कोई भी जज ऐसी बयानबाजी कर सकता था. क्या मस्जिद के खिलाफ या अल्लाह के खिलाफ बोल सकता था. उन्होंने दावा किया कि हिंदू बहुत सहनशील होते हैं, इसलिए मंदिर तोड़ दिए गए.

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CJI Gavai ने क्या कहा था?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका के जरिए मध्य प्रदेश के खजुराहो में मौजूद जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग की गई थी. आला अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए इसे 'पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन' करार दिया था. इस दौरान CJI ने कहा था,

ये विशुद्ध रूप से ‘प्रचार हित याचिका’ है… जाइए और भगवान से कहिए कि वो इस मामले में खुद कुछ करें. अगर आप कह रहे हैं कि आप भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त हैं, तो प्रार्थना करिए और थोड़ा मेडिटेशन करिए.

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इसे लेकर सोशल मीडिया यूजर्स समेत कई हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताई थी. उनका कहना था कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने उनकी मान्यताओं का मजाक उड़ाया है.

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