अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध रुकवाने और रूस पर दबाव बनाने के लिए भारत के कंधे पर रखकर बंदूक चलाई है. अमेरिकी वाइट हाउस की प्रेस सचिव (White House Press Secretary) के ताजा बयान से यह बात साफ हो गई है. वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट (Karoline Leavitt) ने मंगलवार 20 अगस्त को साफ शब्दों में कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाने का फैसला, अप्रत्यक्ष रूप से रूस पर यूक्रेन में युद्ध खत्म करने का दबाव बनाने के लिए लिया था.
कंधे पर रखकर बंदूक चलाई... भारत पर इतना तगड़ा टैरिफ क्यों लगा? यूएस ने खुद बताया
Donald Trump ने भारत के टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है. मौजूद 25 प्रतिशत टैरिफ पर ऊपर से 25 प्रतिशत का पेनल्टी लगाई गई है. अब डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने इसे अपनी एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताया है.

कैरोलिन लेविट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ट्रंप ने भारत के टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है. मौजूद 25 प्रतिशत टैरिफ पर ऊपर से 25 प्रतिशत की पेनल्टी लगाई गई है. उन्होंने इस कदम को रूस के साथ व्यापार जारी रखने वाले देशों को निशाना बनाकर रूस पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा बताया.
प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने कहा,
“राष्ट्रपति ने इस युद्ध को समाप्त करने के लिए काफी दबाव डाला है. उन्होंने भारत पर प्रतिबंध लगाए और कई अन्य कदम भी उठाए, जैसा कि आपने देखा होगा. राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस युद्ध को समाप्त होते देखना चाहते हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि उनका मकसद मास्को पर “दूसरा दबाव” डालना था. बता दें कि लेविट का यह बयान वाइट हाउस में ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की मीटिंग के दो दिन बाद आया है.
लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप यूक्रेन युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए दृढ़ हैं. उन्होंने कहा,
“राष्ट्रपति आगे बढ़ना चाहते हैं और वह इस युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करना चाहते हैं. नाटो महासचिव सहित सभी यूरोपीय नेता इस बात पर सहमत हैं कि यह एक शानदार पहला कदम है. यह अच्छी बात है कि ये दोनों नेता एक साथ बैठेंगे. राष्ट्रपति को उम्मीद है कि ऐसा होगा.”
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन रूस और यूक्रेन दोनों के साथ मिलकर इस द्विपक्षीय वार्ता को जल्द से जल्द आयोजित कराने के लिए काम कर रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या अगर ट्रंप राष्ट्रपति होते तो इस युद्ध को टाला जा सकता था? इस पर लेविट ने कहा, “राष्ट्रपति अक्सर कहते हैं कि अगर वह पद पर होते तो यह युद्ध शुरू ही नहीं होता. और पुतिन भी यही बात कह चुके हैं.”
भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर लेविटलेविट ने ट्रंप के उस दावे को फिर दोहराया जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच के तनाव को सुलझाने में मदद की. ट्रंप की प्रेस सेक्रेटरी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के झगड़े को सुलझाने के लिए ट्रंप ने व्यापार का बहुत ही प्रभावशाली तरीके से इस्तेमाल किया.
बता दें कि भारत लगातार ट्रंप के इस दावे को खारिज कर चुका है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में साफ शब्दों में कहा कि किसी भी विदेशी नेता ने भारत से अपने सैन्य अभियान रोकने के लिए नहीं कहा था.
वीडियो: ट्रंप और पुतिन की मुलाकात के बीच भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर क्या पता चला?