अलीगढ़ मॉब लिंचिंग के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों- लवकुश, विजय और विजय कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है. इन पर गौरक्षा के नाम पर चार मुस्लिम व्यापारियों को बुरी तरह पीटने का आरोप है. इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है (Aligarh Mob Lynching).
अलीगढ़ में गौरक्षा के नाम पर 4 मुस्लिमों की मॉब लिंचिंग, यूपी पुलिस ने 3 आरोपी गिरफ्तार किए
Aligarh Mob Lynching: अलीगढ़ पुलिस ने बताया कि मीट के सैंपल को मथुरा लैबोरेटरी भेजा गया है. इसके अलावा Muslim मीट व्यापारियों के साथ बेरहमी से मारपीट करने के आरोप में 3 कथित गौरक्षकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

घटना बीती 24 मई को थाना हरदुआगंज के अलहदादपुर इलाके में हुई. यहां कुछ लोगों ने मुस्लिम मीट व्यापारियों को गौकशी के शक में बेरहमी से पीटा था. उनके पिकअप ट्रक को भी जला दिया. कथित गौरक्षकों का आरोप था कि ये मुस्लिम युवक प्रतिबंधित मीट (गौमांस) लेकर जा रहे थे. पुलिस जांच में यह साफ हुआ कि ये युवक मीट व्यापारी ही थे और उनके पास वैध लाइसेंस था.
हालांकि, पब्लिक ने गौवध के आरोप लगाए, जिसके आधार पर पीटे गए मुस्लिम व्यापारियों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई. इनके पास से मिले मीट के सैंपल को जांच के लिए मथुरा की लैबोरेटरी भेजा गया है. इसकी रिपोर्ट जल्द ही अलीगढ़ पुलिस को मिल जाएगी.
मामले को लेकर अलीगढ़ एसपी ग्रामीण अमृत जैने ने बताया,
"दूसरे पक्ष (मुस्लिम व्यापारियों) के साथ हुई मारपीट में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर घटना में शामिल लोगों को चिह्नित करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु दबिश दी जा रही है. सभी आरोपियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी."
इंडिया टुडे से जुड़े अकरम खान की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी कथित तौर पर इन मुस्लिम व्यापारियों पर वसूली का दबाव डाल रहे थे. पहले तो इनकी गाड़ी का पीछा किया गया और फिर उन पर हमला किया गया. अगर पुलिस समय पर नहीं पहुंचती, तो इन पीड़ितों की जान भी जा सकती थी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया, तब कहीं जाकर उनकी जान बच पाई.
इस घटना के बाद पुलिस ने 24 मई को ही मुस्लिम व्यापारियों से बुरी तरह मारपीट करने वालों पर FIR दर्ज की. भारतीय न्याय संहिता (BNS) की इन सात धाराओं में FIR दर्ज की गई है.
- 191(2) (दंगा करना)
- 191(3) (घातक हथियार के साथ दंगा करना)
- 190 (गैरकानूनी जमावड़ा लगाकर अपराध)
- 109 (हत्या का प्रयास)
- 308(5) (मौत/गंभीर चोट का डर दिखाकर जबरन वसूली)
- 310(2) (पांच से ज्यादा व्यक्तियों का मिलकर डकैती करना)
- 3(5) (सामूहिक अपराध)
FIR में 13 लोगों के नाम हैं, जबकि 20-25 अज्ञात व्यक्ति भी शामिल हैं.
- रामकुमार आर्या
- अर्जुन उर्फ भोलू
- चेतन लोधी
- शिवम हिंदू
- रविंद्र उर्फ बंटी
- लवकुश
- अनुज
- भूरा
- विजय
- गिरीश कुमार
- अंकित महमूदपुर
- राना अहलादपुर
- विजय कुमार गुप्ता
घटना में कथित गौरक्षकों ने कदीम, अली और अरबाज समेत चार लोगों को बेरहमी से मारा था. मगर जांच में खुलासा हुआ है कि इनके पास मांस व्यापार के लिए वैलिड लाइसेंस था. ये चारों अल-तबारक मीट फैक्ट्री से मीट ला रहे थे. उनके पास फैक्ट्री की भी रसीद मिलने की जानकारी सामने आई है. अब दावा किया जा रहा है कि यह हमला एक साजिश के तहत और पूरी प्लानिंग के साथ किया गया था.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि लगभग 15 दिन पहले भी कुछ गुंडों और आपराधिक किस्म के व्यक्तियों ने चौथ वसूलने के मकसद से अलीगढ़ की अल-अंबर मीट फैक्ट्री से अतरौली मीट ले जा रही गाड़ी को रोका था. आरोप है कि उस समय 50 हजार रुपये की वसूली मांगी गई. लेकिन थाना अकराबाद की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मीट व्यापारियों की गाड़ी को छुड़वाया था.
वीडियो: अलीगढ़: गोमांस ले जाने के शक में मॉब लिंचिंग, गाड़ी को आग के हवाले किया