बीते हफ्ते दिल्ली के ऊपर से उड़ान भरने वाली कई फ्लाइट्स में 'गंभीर' GPS स्पूफिंग की समस्या आई है. इसके चलते गलत नेविगेशन डेटा और भ्रामक चेतावनियां जैसी चीजें देखने को मिलीं. कई पायलट्स ने भी इससे आ रही समस्याओं की पुष्टि की है. जबकि अधिकारियों ने इन घटनाओं की जांच की बात कही है.
दिल्ली से उड़े विमानों पर युद्ध वाले साइबर हमले कौन कर रहा?
Delhi GPS Spoofing: स्पूफिंग एक तरह का साइबर हमला है, जो नेविगेशन सिस्टम को गुमराह करने के लिए गलत जीपीएस सिग्नल भेजता है. ऐसा आमतौर पर ऐसे इलाकों में किया जाता है जहां किसी तरह का हिंसक संघर्ष या युद्ध चल रहा हो.


बता दें कि स्पूफिंग एक तरह का साइबर हमला है, जो नेविगेशन सिस्टम को गुमराह करने के लिए गलत GPS सिग्नल भेजता है. ऐसा आमतौर पर संघर्ष वाले या हिंसाग्रस्त इलाकों में देखा गया है, जहां इसका इस्तेमाल अक्सर युद्ध के आधुनिक तरीकों के दौरान तैनात ड्रोन्स को रोकने (disrupt) या निष्क्रिय (disable) करने के लिए किया जाता है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, एक एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) ने बताया कि बीते हफ्ते दिल्ली में 60 नॉटिकल मील यानी 111 किलोमीटर के दायरे में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं. एक अन्य ATC अधिकारी ने बताया कि उड़ानों के दौरान अक्सर मानवीय हस्तक्षेप के जरिये ऐसी रुकावटें डाली जाती हैं. इसमें कंट्रोलर, कॉकपिट क्रू को भटकाने के लिए सीधे नेविगेशन गाइडेंस दिए जाते हैं.
एक प्रमुख एयरलाइन के पायलट ने द हिंदू को बताया कि बीते हफ्ते उसने छह दिनों में फ्लाइट्स ऑपरेट किए, इन सभी दिनों में उसे GPS स्पूफिंग का सामना करना पड़ा. एक बार दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचते समय उसके कॉकपिट सिस्टम ने एक गलत चेतावनी भी जारी की. इससे आगे किसी समस्या का संकेत मिला. जबकि असल में कोई समस्या थी ही नहीं.
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अन्य पायलट्स को भी एयरपोर्ट से उड़ान भरते समय ऐसी ही चेतावनी मिली. इस वजह से व्यस्त एयरपोर्ट पर उड़ानों में भी देरी हुई है. बताया जाता है कि पाकिस्तान से सटी भारत की सीमा पर GPS स्पूफिंग होना आम बात है. लेकिन दिल्ली के हवाई क्षेत्र में ऐसी घटनाएं होना बिल्कुल सामान्य नहीं है. अगर दिल्ली या इसके आसपास कोई सैन्य अभ्यास हो रहा हो तो उसे लेकर एयरलाइन पायलटों और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स को पहले से ही सावधानी बरतने का निर्देश दिया जाता है. लेकिन इन मामलों में ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक 2023 से GPS में रुकावट की घटनाएं बढ़ रही हैं. पाकिस्तान और म्यांमार के साथ भारत की सीमा ऐसा इलाका है जहां दुनिया में सबसे ज्यादा स्पूफिंग की घटनाएं हो रही हैं.
जानकारों का कहना है कि स्पूफिंग, GPS जैमिंग से अलग है. जैमिंग, GPS सिग्नल को पूरी तरह से ब्लॉक कर देती है. इसका इस्तेमाल अक्सर सेनाएं संवेदनशील संपत्तियों की सुरक्षा के लिए करती हैं. जबकि स्पूफिंग, सिग्नल में हेरफेर करके पायलटों को गलत लोकेशन डेटा देती है.
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