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'प्लेन क्रैश रिपोर्ट में एक फुल फॉर्म और लाइसेंस डेट गलत', एक्सपर्ट्स बोले इस जांच पर कैसे हो भरोसा?

ALPA India के प्रमुख कैप्टन सैम थॉमस ने दोनों पायलटों के बीच फ्यूल स्विच बंद किए जाने की रिकॉर्डिंग पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जानबूझकर एक लाइन जारी की गई. कॉकपिट में बैठे लोग टिंडर डेट पर नहीं थे. यह बेहद गैर-जिम्मेदाराना है. वे दोनों प्रोफेशनल पायलट थे.

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कई रिपोर्ट्स के आधार पर पायलटों पर उठाए जा रहे थे सवाल. (फाइल फोटो)

एयर इंडिया विमान हादसे में पायलटों को जिम्मेदार ठहराए जाने पर इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स ने कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने मीडिया में जारी की गई जांच रिपोर्ट और रिपोर्टिंग पर सवाल उठाए. उनका कहना है कि हर कोई पायलटों को विलेन बनाने पर तुला है. बिना किसी ठोस सूबत के सिर्फ अटकलों पर पायलटों को दोष दिया जा रहा है. 

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एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA India) के प्रमुख कैप्टन सैम थॉमस ने पूरे घटनाक्रम पर चिंता जताई है. थॉमस खुद एक पायलट हैं और पूरे मामले पर पैनी नजर रखे हुए हैं. NDTV को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जांच पर नजर रख रहे एक्सपर्ट्स को दो बातें परेशान कर रही हैं. पहली मीडिया में हो रही अटकलें और दूसरी विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की रिपोर्ट में किसी योग्य विशेषज्ञ का न होना.

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उन्होंने रिपोर्टिंग पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पहले दिन कहा गया कि विमान से कोई पक्षी टकराया. दूसरे दिन कहा गया प्लेन ओवर लोडेड था. अगले दिनों में कई तरह की बातें कही गईं. फिर कह दिया गया कि पायलट ने जानबूझकर हादसा किया. यह सब बिना किसी पुख्ता जानकारी और सबूत के कहा गया. लेकिन पायलट के खुदकुशी के इरादे की बात कही गई तो यह सीमाओं को पार करने जैसा था. 

कैप्टन थॉमस ने दोनों पायलटों के बीच फ्यूल स्विच बंद किए जाने की रिकॉर्डिंग पर भी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि जानबूझकर एक लाइन जारी की गई. कॉकपिट में बैठे लोग टिंडर डेट पर नहीं थे. यह बेहद गैर-जिम्मेदाराना है. वे दोनों प्रोफेशनल पायलट थे. 

यह भी पढ़ेंः ‘तुमने इंजन फ्यूल बंद क्यों किया?’, एयर इंडिया प्लेन क्रैश से पहले कॉकपिट में क्या हुआ

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'रिपोर्ट में कई चीजें गलत लिखीं' 

कैप्टन थॉमस ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट पूरी तरह भारतीय एक्सपर्ट्स के कंट्रोल में नहीं थी. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में FADEC (Full Authority Digital Engine Control) की फुल फॉर्म तक सही नहीं लिखा गया था. पायलट सुमित के लाइसेंस की डेट की जानकारी भी गलत थी. 

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि मुमकिन है कि उन्हें किसी ने जानकारी दी हो. अब चाहे हम कितनी भी सच्चाई पेश करें, दुनिया का आधा हिस्सा पहले ही मान चुका है कि पायलट दोषी था. ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि हमारी जांच प्रक्रिया बेहद कमजोर है. 

गौरतलब है कि यह हादसा अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद हुआ था. हादसे में 260 लोगों की जान चली गई थी. अब इस हादसे की जांच और उससे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स पर पायलट्स और एविएशन इंडस्ट्री के लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.

वीडियो: एयर इंडिया क्रैश को लेकर ALPA इंडिया ने पूरी जांच पर ही सवाल उठा दिए

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