अहमदाबाद प्लेन क्रैश (Ahmedabad Plan Crash) के बाद संसदीय कमिटी की एक रिपोर्ट का जिक्र हो रहा है जिसे मार्च महीने में राज्यसभा में पेश किया गया था. इस रिपोर्ट में दुर्घटनाओं की जांच और एविएशन सिक्योरिटी से जुड़ी फंडिंग को लेकर सवाल उठाए गए थे.
प्लेन क्रैश से कुछ हफ्ते पहले आई थी ये रिपोर्ट, विमानन सिक्योरिटी फंडिंग पर उठाए थे गंभीर सवाल
संसदीय कमिटी की एक रिपोर्ट आई थी मार्च में. इसे राज्यसभा में पेश किया गया था. इस रिपोर्ट में दुर्घटनाओं की जांच और एविएशन सिक्योरिटी से जुड़ी फंडिंग को लेकर सवाल उठाए गए थे.
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कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत का एविएशन मार्केट दुनिया में तीसरे स्थान पर है, ऐसी स्थिति में भी एविएशन सिक्योरिटी और दुर्घटनाओं की जांच के लिए जो बजट दिया गया, वो जरूरत से 35 करोड़ कम था.
‘डिपार्टमेंट रिलेटेड पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमिटी’ (DRSC) ने इस रिपोर्ट को तैयार किया था. पर्यटन, परिवहन और संस्कृति से जुड़े मामलों पर आधारित इस रिपोर्ट को राज्यसभा में 25 मार्च 2025 को पेश किया गया था. इसमें डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA), एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) को मिलने वाले बजट पर सवाल उठाया गया था.
रिपोर्ट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए DGCA को 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. जबकि AAIB और BCAS को क्रमशः केवल 20 करोड़ रुपये और 15 करोड़ रुपये मिले.
अहमदाबाद में क्रैश हुए एयर इंडिया की AI171 फ्लाइट की जांच AAIB कर रही है. इस हादसे में प्लेन में सवार 242 लोगों में से 241 लोगों की मौत हो गई. खबर ये भी है कि इस फ्लाइट के ब्लैक बॉक्स को डिकोड करने के लिए अमेरिका भेजा सकता है. क्योंकि AAIB के लैब में इसके लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं. फिलहाल नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने कहा है कि अभी ये फैसला नहीं लिया गया है. AAIB ही ये निर्णय लेगी कि ब्लैक बॉक्स को कहां डिकोड किया जाएगा.
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मार्च में ‘डिपार्टमेंट रिलेटेड पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमिटी’ ने अपनी रिपोर्ट में ये भी कहा था कि भारत में हवाई अड्डों और हवाई यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ी है. इसको देखते हुए AAIB और BCAS को और अधिक पैसे आवंटित किए जाने की आवश्यकता है.
रिपोर्ट में कहा गया कि DGCA को सबसे अधिक राशि आवंटित हुई, कुल बजट का लगभग आधा. कमिटी ने इस बजट की जरूरत और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच की मांग की. DGCA को विनियामक निरीक्षण का काम सौंपा गया है. इसके तहत एविएशन इंडस्ट्री में नियमों और सुरक्षा मानकों की जांच की जाती है. DGCA ये सुनिश्चित करता है कि एयरलाइन सुरक्षा मानकों का पालन करें.
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कमिटी ने कहा कि विनियामक निरीक्षण जरूरी है. लेकिन बुनियादी ढांचों के विस्तार के अनुपात से उन संसाधनों को बढ़ाना भी जरूरी है जो सिक्योरिटी और दुर्घटनाओं की जांच में काम आते हैं. उन्होंने बताया कि 2014 से 2022 तक हवाई अड्डों की संख्या को 74 से बढ़ाकर 146 करने का लक्ष्य था. 2024-2025 तक 220 हवाई अड्डों का लक्ष्य है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है,
ये आकलन करना जरूरी है कि क्या ये धनराशि सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और जांच क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पर्याप्त है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की 2025-26 की एक रिपोर्ट के अनुसार, DGCA में 53 प्रतिशत और BCAS में 35 प्रतिशत पद खाली हैं.
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