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अमेरिका में 30 साल, स्पॉन्सर्ड ग्रीन कार्ड भी था, फिर भी डिटेंशन सेंटर भेजी गईं 60 साल की भारतीय महिला

Bablejit Kaur 30 सालों से अमेरिका में रह रही थीं. उनके पास ग्रीन कार्ड का स्पॉन्सरशिप था, जिसकी मंज़ूरी के लिए वो इमीग्रेशन ऑफिस गई थीं. लेकिन वहीं उन्हें ICE ने हिरासत में ले लिया और बाद में डिटेंशन सेंटर ले गए.

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60 साल की बबलजीत कौर (लेफ्ट) हिरासत में, 73 साल की हरजीत कौर भारत डिपोर्ट हुईं (राइट).

अमेरिका के यूएस इमीग्रेशन और कस्टम एनफोर्समेंट (US ICE) ने एक 60 वर्षीय भारतीय मूल की महिला को हिरासत में लिया है. 1 दिसंबर को महिला अपने ग्रीन कार्ड एप्लीकेशन का बायोमेट्रिक कराने पहुंची थीं तभी उन्हें हिरासत में ले लिया गया. ख़बर लिखे जाने तक महिला हिरासत में थीं.  

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बबलजीत कौर उर्फ़ ‘बबली’ अमेरिका के बेल्मोंट शोर इलाके में ‘नटराज क्यूसिन इंडिया एंड नेपाल’ के नाम से रेस्टोरेंट चलाती थीं. अमेरिका में वो साल 1994 से अपने पति के साथ रह रहीं थीं. उनके पास ग्रीन कार्ड का स्पॉन्सरशिप था जिसकी मंज़ूरी के लिए वो इमीग्रेशन ऑफिस गई थीं. ये स्पॉन्सरशिप उनकी बेटी और दामाद ने दिया था. उनकी दूसरी बेटी ज्योति ने मामले की जानकारी दी है. 

पूरा मामला क्या है?

एनडीटी की रिपोर्ट के मुताबिक़, ज्योति ने बताया कि उनकी मां अमेरिका के ICE सेंटर पर मौजूद थीं तभी कुछ एजेंट्स अंदर आ गए. वो बबली को एक अलग कमरे में ले गए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के वक़्त बबली को अपने वकील को फ़ोन करने का मौका दिया गया बावजूद इसके उन्हें हिरासत में ले लिया गया. उनकी बेटी ने बताया कि घंटों तक उन्हें अपनी मां की खबर नहीं लगी. फिर बाद में पता चला कि बबली को अडेलान्तो शिफ्ट कर दिया गया है. अडेलान्तो, पहले एक फेडरल जेल हुआ करता था. अब ICE के डिटेंशन सेंटर की तरह इस्तेमाल होता है. 

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ज्योति ने ये भी बताया कि उनकी मां और उनके साथ हिरासत में लिए गए बाकी लोगों को बांधकर गाड़ी में ले जाया गया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, ज्योति ने कहा, 

मेरी मां बिलकुल डरी हुई थीं. उनके चेहरे से साफ़ झलक रहा था. ये किसी बुरे सपने से कम नहीं है. हम हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें वहां से निकाल सकें. वहां बिलकुल आमनवीय स्थिति है. 

ध्यान देने की बात है कि डॉनल्ड ट्रंप के इमीग्रेशन पॉलिसी पर कड़ाई के बाद इस तरह के मामले बढे हैं. एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, वहां के वकीलों का कहना है कि जिन लोगों का पुराना वीज़ा ख़त्म हो गया है और कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है, उनके डिटेंशन के मामले ज़्यादा सामने आ रहे हैं. 

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बबलजीत कौर कौन हैं?

बबलजीत कौर तीस साल से ज्यादा समय से अमेरिका के लॉन्ग बीच शहर में अपने पति के साथ रह रही हैं. उनके तीन बच्चे हैं. एक बेटी और बेटा अमेरिकी नागरिक है. दूसरी बेटी ज्योति कौर, अमेरिका में लीगल स्टेटस रखती हैं. तीन दशक से बबली अपने पति के साथ लॉन्ग बीच के बेल्मोंट शोर में 'नटराज क्यूसिन' नाम से रेस्टोरेंट चला रही हैं. उनकी बेटी ज्योति ने बताया कि उन्हें अपनी मां से मिलने के लिए पूरे-पूरे दिन का इंतज़ार करना पड़ता है. लॉन्ग बीच शहर के डेमोक्रैट रॉबर्ट गार्सिया ने परिवार की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. उन्होंने डिटेंशन को भयानक बताया और कहा कि बबली को बाहर निकालने के लिए वो हर मुमकिन प्रयास करेंगे.  

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73 साल की हरजीत कौर को भारत डिपोर्ट किया गया

इसी साल सितंबर महीने में एक 73 साल की महिला को भारत डिपोर्ट कर दिया गया था. 1992 में वो पंजाब से अपने दो बेटों के साथ सिंगल मदर के रूप में अमेरिका आई थीं. वो 30 साल से ज़्यादा समय से उत्तरी कैलिफोर्निया के ईस्ट बे में रह रही थीं. उनकी बहू मंजी कौर ने बताया कि 2012 में उन्होंने अमेरिकी सरकार से शरण मांगी थीं, जिसे रिजेक्ट कर दिया गया. लेकिन तब से यानी कि 13 साल से ज़्यादा समय से वो हर छह महीने में सैन फ्रांसिस्को में ICE को रिपोर्ट करती रही हैं. उनके वकील दीपक अहलूवालिया ने बताया कि ‘यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट’ (ICE) ने उनको अपने परिवार से अलविदा कहने का भी मौका नहीं दिया. 

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