ट्यूमर. ये शब्द सुनते ही दिमाग में आता है कैंसर. ज़्यादातर लोगों को लगता है कि ट्यूमर हो गया यानी कैंसर हो गया. लेकिन ऐसा नहीं है. हर ट्यूमर से कैंसर नहीं होता. पर शरीर में ट्यूमर बनता ही क्यों है? चलिए समझते हैं. ये भी पता करेंगे कि क्या हर ट्यूमर कैंसर में बदल सकता है. कैसे पता करें ट्यूमर कैंसर वाला है या नहीं. ट्यूमर होने पर कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए और इसका इलाज क्या है.
ट्यूमर शरीर में इस वजह से बनता है! ये कैंसर में बदलेगा या नहीं, ऐसे पता करें
शरीर में ट्यूमर बनता ही क्यों है? चलिए समझते हैं. ये भी पता करेंगे कि क्या हर ट्यूमर कैंसर में बदल सकता है. कैसे पता करें ट्यूमर कैंसर वाला है या नहीं. ट्यूमर होने पर कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए और इसका इलाज क्या है.


शरीर के किसी भी हिस्से में ट्यूमर क्यों बनता है?
ये हमें बताया डॉक्टर मानसी खंडेरिया ने.

शरीर में ट्यूमर तब बनता है, जब शरीर के सेल्स सामान्य से ज़्यादा बढ़ने लगते हैं. लेकिन समय पर मरते नहीं हैं. इस असंतुलन के बहुत कारण हो सकते हैं. जैसे इन्फेक्शन, जेनेटिक म्यूटेशन (जीन्स में बदलाव). बढ़ती उम्र, हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ना. लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें जैसे स्मोकिंग, शराब पीना. हेल्दी खाना न खाना. कई बार बिना किसी कारण के भी शरीर में ट्यूमर बन सकता है.
क्या हर ट्यूमर कैंसर वाला होता है?
हर ट्यूमर कैंसर वाला नहीं होता. ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं. कुछ ट्यूमर बिनाइन होते हैं, जो बहुत धीरे बढ़ते हैं. ये शरीर के दूसरे अंगों में नहीं फैलते. कुछ ट्यूमर घातक होते हैं, जिन्हें मैलिग्नेंट ट्यूमर कहा जाता है. इनसे ही कैंसर होता है. ये बहुत तेज़ी से बढ़ते हैं. शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकते हैं.

कैसे पता करें ट्यूमर कैंसर वाला है या नहीं?
ट्यूमर कैंसर वाला है या नहीं, ये केवल जांच से ही पता चल पाता है. इसके लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करते हैं. ये ब्लड टेस्ट हो सकता है. बायोप्सी हो सकती है, जिसमें ट्यूमर का एक छोटा-सा टुकड़ा निकाला जाता है और लैब में इसकी जांच होती है. इमेजिंग टेस्ट भी किए जा सकते हैं जैसे सीटी स्कैन, MRI, PET सीटी स्कैन. लक्षणों से कैंसर का अंदाज़ा लग सकता है. लेकिन पुष्टि सिर्फ़ टेस्ट से ही हो सकती है.
क्या सावधानियां बरतें?
किसी भी गांठ या सूजन को नज़रअंदाज़ न करें. इसके अलावा कुछ लक्षणों पर ध्यान दें जैसे वज़न घटना, खून आना, दर्द होना या घाव न भरना. बिना डॉक्टर की सलाह के घरेलू नुस्खे ट्राई न करें. न ही इलाज टालें. ये बहुत बड़ी गलतियां हैं. स्मोकिंग, शराब, अनहेल्दी खाना अवॉयड करें. सुस्त जीवनशैली से बचें. समय पर हेल्थ चेकअप और स्क्रीनिंग टेस्ट करवाएं. जैसे मैमोग्राफी, कोलोनोस्कोपी और पैप स्मीयर टेस्ट.
इलाज
बिनाइन ट्यूमर अक्सर सर्जरी से हटाए जाते हैं. कैंसर वाले ट्यूमर का इलाज इस पर निर्भर करता है कि कौन-से प्रकार का कैंसर है. कितना फैला हुआ है और पेशेंट की क्या कंडीशन है. इसके अनुसार सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी या टार्गेटेड थेरेपी दी जाती है. कभी-कभी इन सबके कॉम्बिनेशन से भी इलाज होता है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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