हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन. हमारे देश में एक बहुत ही आम समस्या. आप अपने आसपास 10 लोगों से पूछिए. 3-4 के हाथ तो खड़े ही हो जाएंगे कि, हां! हमें हाई बीपी है. Indian Council of Medical Research यानी ICMR के मुताबिक, देश में साढ़े 31 करोड़ से ज़्यादा लोगों को हाई बीपी की शिकायत है.
घर पर बीपी चेक करते समय ऐसे रखें हाथ वरना गलत आएगी रीडिंग!
जब भी ब्लड प्रेशर चेक करें, तो पहले आराम से कुर्सी पर बैठें. अब अपना हाथ किसी मेज़ या तकिए पर रखें ताकि वो हिले-डुले नहीं.
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कई लोग घर पर बीपी नापने की मशीन रखते हैं. ताकि समय-समय पर बीपी नाप सकें. खुद अपना बीपी चेक करना आसान तो है. बशर्ते आपको मालूम हो कि बीपी चेक करने का सही तरीका क्या है. हो सकता है, जो रीडिंग आ रही है, वो ग़लत हो. अब ऐसा क्यों? ये हमें बताया मणिपाल हॉस्पिटल्स, पुणे के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट में कंसल्टेंट डॉक्टर विचार निगम ने.

डॉक्टर विचार बताते हैं कि अगर बीपी नापते वक़्त आपने अपना हाथ ग़लत पोज़ीशन में रखा है, तो बीपी की रीडिंग सही नहीं आएगी. जब भी ब्लड प्रेशर चेक करें, तो पहले आराम से कुर्सी पर बैठें. अपनी पीठ सीधी रखें. पैर ज़मीन पर या किसी पायदान पर रखें. पैरों को क्रॉस करके न बैठें. अब अपना हाथ किसी मेज़ या तकिए पर रखें, ताकि वो हिले-डुले नहीं. लटके न.
बीपी नापते समय बाजू यानी अपर आर्म दिल के लेवल पर रखें. इसी हिस्से पर बीपी नापने वाला पट्टा बांधा जाता है. इसलिए इस हिस्से का दिल के लेवल पर होना ज़रूरी है. हथेली आराम से तकिए या टेबल पर टिका लें.

बीपी चेक करने की मशीन लगाने के बाद हिलें-डुलें नहीं. न ही बात करें. इससे रीडिंग पर असर पड़ सकता है. आप लेटकर भी अपना बीपी माप सकते हैं. बस ध्यान रखें कि बाजू दिल के लेवल पर ही हो. एक बात और, जब भी बीपी चेक करें तो सिर्फ एक बार की रीडिंग को सही न मानें. बेहतर होगा कि आप तीन रीडिंग लें. हर रीडिंग के बीच 2 मिनट का गैप रखें. फिर तीनों रीडिंग का औसत निकालें. जो संख्या आ आएगी, वो आपका बीपी है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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